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'नल जल योजना' के लाभुकों से अब हर महीने 30 रुपये वसूलेगी सरकार

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Published : Jan 22, 2022, 5:26 PM IST

हर घर नल जल योजना (Nal Jal Yojana) के तहत शुद्ध पेयजल हर घरों में पहुंचाया जा रहा है, लेकिन इसमें हजारों लीटर पानी रोजाना बर्बाद भी हो जा रहा है. इसको रोकने के लिए निगरानी टीम बनाई गई है जो पानी बर्बाद होने के साथ-साथ कई तरह की जिम्मेदारी निभाएगी. वहीं, पीएचईडी विभाग राज्य के जितने भी नल जल योजना के लाभुक हैं, उनसे विभाग प्रतिमाह 30 रुपये वसूलेगा.

शुद्ध पेयजल हर घरों में पहुंचाया जा रहा है
शुद्ध पेयजल हर घरों में पहुंचाया जा रहा है

पटना: राज्य में पीएचईडी विभाग और पंचायती राज विभाग (Panchayati Raj Department) के द्वारा हर घर नल जल योजना के तहत शुद्ध पेयजल पहुंचाया जा रहा है. पंचायती राज विभाग और पीएचडी विभाग के द्वारा राज्य में लगभग 97 फीसदी से ज्यादा लोगों के घरों में शुद्ध पेयजल पहुंचाने का काम पूर्ण कर लिया गया है. हालांकि नल जल योजना में धांधली और पानी बर्बादी को लेकर हमेशा ही विभाग को शिकायतें मिलती रहती हैं. इसको लेकर पीएचडी विभाग ने कई बार अपने विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर, पानी की बर्बादी कैसे रोकी जाए, इसके लिए निगरानी टीम बनाई गई है.

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गौरतलब है कि, अक्सर जिस पाइप के रास्ते लोगों के घरों तक पानी पहुंचाया जाता है. वह पाइप फट जाने के कारण हजारों लीटर पानी प्रतिदिन बर्बाद हो जाता है और ऐसे में पानी की किल्लत दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है और हजारों लीटर पानी प्रतिदिन बर्बाद होने से एक दिन राज्य में पानी की एक बड़ी समस्या हो सकती है. इसी को ध्यान में रखते हुए पीएचडी विभाग ने निर्णय लिया है कि राज्य में स्थायी पंप ऑपरेटरों को जिम्मेदारी की निगरानी सौंपी जाएगी.

पानी बर्बादी, टंकी सफाई, मोटर का समय-समय पर मेंटेन्स के लिए निगरानी टीम बनाई गई है. निगरानी टीम और पंप ऑपरेटरों की जिम्मेदारी दिए जाने से पानी बर्बादी काफी हद तक रोकी जा सकती है. क्योंकि जो पंप ऑपरेटर हैं उनको सूचना जैसे ही मिलेगी पाइप लीकेज की तो तत्काल पाइप ठीक होंगे, तब पानी का सप्लाई करेंगे जिससे पानी की बर्बादी नहीं होगी. पीएचईडी विभाग के मंत्री रामप्रीत पासवान (PHED Minister Rampreet Paswan) ने साफ तौर पर बताया कि राज्य के जितने भी नल जल योजना के लाभुक हैं उनसे विभाग प्रतिमाह 30 रुपये वसूलने (Thirty Rupees will be Charged From Beneficiary of Nal Jal Yojana) का काम करेगा.

राज्य में पंचायत चुनाव के पहले ही विभाग 30 रुपये वसूलने का फैसला किया था लेकिन राज्य में चल रहे पंचायत चुनाव के कारण लाभुकों से पैसा नहीं लिया जा सका. अब पंचायत चुनाव खत्म हो गया है. ऐसे में विभाग फरवरी माह से लाभुकों से 30 रुपये लेगा. जिससे, टंकी सफाई, मोटर पंप, और पाइप लाइन के देख-रेख में ये पैसा खर्च होगा. जिनके घरों में नल का जल पहुंच रहा है. उन लाभुकों के पैसे से मोटर की देखरेख पाइप की मरम्मत तथा टंकी की सफाई में उपयोग किया जाएगा जो निगरानी टीम बनाई गई है. उस निगरानी टीम के जिम्मे यह सारी जवाबदेही रहेगी.

जो लाभुक पैसा नहीं देंगे उनको नोटिस दिया जाएगा. नोटिस देने के बाद भी अगर वह पैसा नहीं देते हैं तो उनका कनेक्शन काट दिया जाएगा और फिर दोबारा कनेक्शन लेने के लिए उनको अतिरिक्त लगभग 300 रुपया शुल्क देना होगा. बता दें कि राज्य में मुख्यमंत्री हर घर नल का जल योजना पार्ट टू के तहत पीएचईडी विभगा ने स्थायी तौर पर नियुक्त पंप ऑपरेटरों की जवाबदेही बढ़ा दी है. निगरानी टीम और पंप आपरेटर की जिम्मेदारी देने का विभाग निर्णय लिया है.

यानी कि राज्य में जितने भी नल जल के जल मीनार या टंकी लगे हैं. वहां पर एक मोटर पंप संचालक होते हैं. उन मोटर मोटर पंप की मरम्मती या नया मोटर लगवाने के लिए स्थानीय अधिकारियों से इस संबंध में सुझाव देंगे. मोटर ऑपरेटर से बोरिंग चैंबर की मरम्मत, टंकी सफाई हर 15 दिन पर कराया जाएगा. निगरानी टीम पंचायत स्तर पर निगरानी करेगी साथ ही पाइपलाइन की नियमित मरम्मत का देख-रेख भी करेगी. प्रखंड से लेकर वार्ड स्तर तक मोटर ऑपरेटर का जिम्मा रहेगा. हर वार्ड में वैसे पलंबर जिनके पास हर वह सामान उपलब्ध हो जिससे कि वह पाइप की मरम्मत, मोटर पंप का मरम्मत समय-समय पर करते रहेंगे और निगरानी टीम मोटर ऑपरेटर पर और पानी सप्लाई पर विशेष निगरानी रखने का काम करेगी और समय-समय पर विभाग को जरूरी सूचना देने का भी काम करेगी.

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पटना: राज्य में पीएचईडी विभाग और पंचायती राज विभाग (Panchayati Raj Department) के द्वारा हर घर नल जल योजना के तहत शुद्ध पेयजल पहुंचाया जा रहा है. पंचायती राज विभाग और पीएचडी विभाग के द्वारा राज्य में लगभग 97 फीसदी से ज्यादा लोगों के घरों में शुद्ध पेयजल पहुंचाने का काम पूर्ण कर लिया गया है. हालांकि नल जल योजना में धांधली और पानी बर्बादी को लेकर हमेशा ही विभाग को शिकायतें मिलती रहती हैं. इसको लेकर पीएचडी विभाग ने कई बार अपने विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर, पानी की बर्बादी कैसे रोकी जाए, इसके लिए निगरानी टीम बनाई गई है.

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गौरतलब है कि, अक्सर जिस पाइप के रास्ते लोगों के घरों तक पानी पहुंचाया जाता है. वह पाइप फट जाने के कारण हजारों लीटर पानी प्रतिदिन बर्बाद हो जाता है और ऐसे में पानी की किल्लत दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है और हजारों लीटर पानी प्रतिदिन बर्बाद होने से एक दिन राज्य में पानी की एक बड़ी समस्या हो सकती है. इसी को ध्यान में रखते हुए पीएचडी विभाग ने निर्णय लिया है कि राज्य में स्थायी पंप ऑपरेटरों को जिम्मेदारी की निगरानी सौंपी जाएगी.

पानी बर्बादी, टंकी सफाई, मोटर का समय-समय पर मेंटेन्स के लिए निगरानी टीम बनाई गई है. निगरानी टीम और पंप ऑपरेटरों की जिम्मेदारी दिए जाने से पानी बर्बादी काफी हद तक रोकी जा सकती है. क्योंकि जो पंप ऑपरेटर हैं उनको सूचना जैसे ही मिलेगी पाइप लीकेज की तो तत्काल पाइप ठीक होंगे, तब पानी का सप्लाई करेंगे जिससे पानी की बर्बादी नहीं होगी. पीएचईडी विभाग के मंत्री रामप्रीत पासवान (PHED Minister Rampreet Paswan) ने साफ तौर पर बताया कि राज्य के जितने भी नल जल योजना के लाभुक हैं उनसे विभाग प्रतिमाह 30 रुपये वसूलने (Thirty Rupees will be Charged From Beneficiary of Nal Jal Yojana) का काम करेगा.

राज्य में पंचायत चुनाव के पहले ही विभाग 30 रुपये वसूलने का फैसला किया था लेकिन राज्य में चल रहे पंचायत चुनाव के कारण लाभुकों से पैसा नहीं लिया जा सका. अब पंचायत चुनाव खत्म हो गया है. ऐसे में विभाग फरवरी माह से लाभुकों से 30 रुपये लेगा. जिससे, टंकी सफाई, मोटर पंप, और पाइप लाइन के देख-रेख में ये पैसा खर्च होगा. जिनके घरों में नल का जल पहुंच रहा है. उन लाभुकों के पैसे से मोटर की देखरेख पाइप की मरम्मत तथा टंकी की सफाई में उपयोग किया जाएगा जो निगरानी टीम बनाई गई है. उस निगरानी टीम के जिम्मे यह सारी जवाबदेही रहेगी.

जो लाभुक पैसा नहीं देंगे उनको नोटिस दिया जाएगा. नोटिस देने के बाद भी अगर वह पैसा नहीं देते हैं तो उनका कनेक्शन काट दिया जाएगा और फिर दोबारा कनेक्शन लेने के लिए उनको अतिरिक्त लगभग 300 रुपया शुल्क देना होगा. बता दें कि राज्य में मुख्यमंत्री हर घर नल का जल योजना पार्ट टू के तहत पीएचईडी विभगा ने स्थायी तौर पर नियुक्त पंप ऑपरेटरों की जवाबदेही बढ़ा दी है. निगरानी टीम और पंप आपरेटर की जिम्मेदारी देने का विभाग निर्णय लिया है.

यानी कि राज्य में जितने भी नल जल के जल मीनार या टंकी लगे हैं. वहां पर एक मोटर पंप संचालक होते हैं. उन मोटर मोटर पंप की मरम्मती या नया मोटर लगवाने के लिए स्थानीय अधिकारियों से इस संबंध में सुझाव देंगे. मोटर ऑपरेटर से बोरिंग चैंबर की मरम्मत, टंकी सफाई हर 15 दिन पर कराया जाएगा. निगरानी टीम पंचायत स्तर पर निगरानी करेगी साथ ही पाइपलाइन की नियमित मरम्मत का देख-रेख भी करेगी. प्रखंड से लेकर वार्ड स्तर तक मोटर ऑपरेटर का जिम्मा रहेगा. हर वार्ड में वैसे पलंबर जिनके पास हर वह सामान उपलब्ध हो जिससे कि वह पाइप की मरम्मत, मोटर पंप का मरम्मत समय-समय पर करते रहेंगे और निगरानी टीम मोटर ऑपरेटर पर और पानी सप्लाई पर विशेष निगरानी रखने का काम करेगी और समय-समय पर विभाग को जरूरी सूचना देने का भी काम करेगी.

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