पटनाः विधानसभा चुनाव में बहुमत मिलने के बाद सरकार बनाने की कवायद शुरू है. एनडीए को इस बार 125 सीटें मिली है. सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी है. उसने 74 सीटें जीती है, वहीं जदयू के 43 सीटें मिली है. हम और वीआईपी को 4-4 सीटें मिली है. एनडीए को बहुमत मिलने के बाद मंत्रिमंडल का स्वरूप क्या होगा, इसे लेकर कयासों का दौर जारी है. मंत्रिमंडल में कौन-कौन से चेहरे होंगे उस पर भी मंथन होने लगा है. कई पुराने चेहरे तो होंगे और कई नए चेहरों को भी शामिल किया गया जाएगा. बीजेपी की सीट अधिक होने के कारण इस बार मंत्रिमंडल में बीजेपी के मंत्रियों की संख्या भी अधिक होने की संभावना है.
एनडीए की सरकार बननी तय है और बीजेपी लगातार बोल रही है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही सरकार बनेगी. एनडीए सरकार का स्वरूप क्या होगा इस बार उस पर मंथन भी होने लगा है. मुख्यमंत्री आवास में बीजेपी और जदयू नेताओं की लगातार बैठक हो रही है. रिजल्ट के दिन से अब तक तीन राउंड की बैठक हो चुकी है. विधानसभा अध्यक्ष से लेकर मंत्रिमंडल में कौन-कौन से चेहरे शामिल होंगे उस पर भी चर्चा हो रही है. बीजेपी और जदयू नेताओं के साथ नीतीश कुमार हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी और वीआईपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश साहनी के साथ भी बैठक कर चुके हैं.
हम और वीआईपी से होंगे 1-1 मंत्री
हम और वीआईपी के 4-4 विधायक इस बार चुनाव जीते हैं. मंत्रिमंडल में दोनों पार्टियों से एक-एक सदस्य का होना तय है. जदयू कोटे की बात करें तो इस बार जदयू के तरफ से कई नए चेहरे को मौका मिलेगा क्योंकि पुराने मंत्रियों में से आधा दर्जन से अधिक मंत्री इस बार चुनाव हार चुके हैं. हारने वालों में शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा भी है. इसलिए इस बार शिक्षा मंत्री के रूप में नया चेहरा देखने को मिलेगा. अशोक चौधरी अभी किसी सदन से सदस्य नहीं है. ऐसे में उन्हें बाद में भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है. लेकिन उसके अलावा पिछड़ा वर्ग से विजेंद्र यादव का इस बार भी नाम तय माना जा रहा है. अधिक उम्र होने के बावजूद विजेंद्र यादव का अपने क्षेत्र में पकड़ है और इस बार भी विधानसभा चुनाव का रिजल्ट सबसे पहले विजेंद्र यादव के क्षेत्र से ही आया था.
ये भी हो सकते हैं मंत्री
आलमनगर से जीते नरेंद्र नारायण यादव का भी मंत्रिमंडल में चुना जाना तय माना जा रहा है. महिला विधायकों की बात करें तो बीमा भारती और लेसी सिंह में से किसी एक का मंत्री बनना तय माना जा रहा है. बीमा भारती पहले भी मंत्री रही हैं. मदन साहनी का भी इस बार मंत्री बनना तय है. दलित वर्ग से आने वाले महेश्वर हजारी का भी मंत्री मंडल में शामिल होंगे. संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार को फिर से मंत्रिमंडल में शामिल किया जाना तय माना जा रहा है. अपर कास्ट की बात करें तो नीरज कुमार भी मंत्री बन सकते हैं. वही विजय चौधरी यदि विधानसभा अध्यक्ष नहीं बने तो इन्हें भी महत्वपूर्ण पोर्टफोलियो मिल सकता है. मिथिलांचल में इस बार एनडीए को जबरदस्त सफलता मिली है और इसमें संजय झा की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जा रही है. वे फिलहाल जल संसाधन मंत्री हैं. इस बार भी मंत्रिमंडल में महत्वपूर्ण मंत्रालय मिल सकता है.
जातीय और सामाजिक समीकरण का भी रखा जाएगा ख्याल
नीतीश कुमार इस बार भी मंत्रिमंडल के गठन में सामाजिक समीकरण के साथ जातीय समीकरण का भी पूरा ख्याल रखा जाएगा. साथ ही सहयोगी दलों की ओर से जो मंत्री बनाए जाएंगे. उसके हिसाब से भी समीकरण बैठाया जाएगा. वहीं, कई नए चेहरों को भी मौका मिल सकता है.