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सरकार डर गई है, इसलिए सत्ता पक्ष के लोग सदन में हंगामा कर रहे हैं -तेजस्वी

नीतीश सरकार में मंत्री रामसूरत राय के भाई की जमीन पर शराब बरामदगी के मामले में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव लगातार मंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. वहीं, तेजस्वी ने प्रेस वार्ता कर सीएम नीतीश कुमार और भाजपा पर जमकर सियासी हमला बोला. उन्होंने कहा कि रामसूरत राय मामले में सरकार डर गई है. इसलिए सत्ता पक्ष के लोग ही सदन को चलने नहीं देना चाह रहे हैं .

तेजस्वी यादव
तेजस्वी यादव
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Published : Mar 13, 2021, 5:55 PM IST

पटना: बिहार सरकार के मंत्री रामसूरत राय के मामले को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पूरे दमखम से नीतीश कुमार को घेरने में लगे हैं. वह लगातार मंत्री रामसूरत राय की इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. रामसूरत राय के इस्तीफे की मांग को लेकर विधानसभा के अंदर पक्ष और विपक्ष में काफी नोकझोंक हुई. यहां तक माननीय एक दूसरे पर अभद्र टिप्पणी करते हुए नजर आए. इन सबके बीच तेजस्वी यादव ने कहा कि सदन के अंदर जो कुछ हुआ वह ठीक नहीं है. लोकतंत्र में विपक्ष का एक महत्व होता है. आज हम स्वास्थ्य विभाग के कटौती प्रस्ताव पर चर्चा करने वाले थे. आसन से हमें समय भी मिला हुआ था. लेकिन हमें सदन के अंदर बोलने नहीं दिया जा रहा है. इससे साफ जाहिर होता है कि नीतीश सरकार डर गई है.

देखें वीडियो

ये भी पढ़ें- बिहार विधानसभा में भड़के तेजस्वी, तारकिशोर प्रसाद और नेता प्रतिपक्ष में तीखी बहस

हमारे पास पर्याप्त सबूत है
तेजस्वी यादव ने कहा कि जब आसन से हमें बोलने की इजाजत दी गई, तो फिर हमें सत्ता पक्ष के नेताओं द्वारा बोलने नहीं दिया जा रहा है. जब हम इन सारे मसलों पर कुछ बोलना चाह रहे हैं. तो हमें बोलने नहीं दिया जा रहा है. हमारे पास पर्याप्त सबूत है और हमने आज जो सुबह मंत्री के खिलाफ सबूत रखा था, उसका जवाब न तो सरकार के पास है और न ही मंत्री के पास है.

नेता प्रतिपक्ष का पद संवैधानिक पद है
उन्होंने ने कहा कि संविधान में नेता विरोधी दल का जो पद होता है, वह संवैधानिक होता है. संविधान में मुख्यमंत्री संवैधानिक पद होता है. लेकिन उपमुख्यमंत्री कोई संवैधानिक पद नहीं है. सुबह से लेकर शाम तक सदन के अंदर हमारी बातों को रखने का मौका नहीं दिया गया. इस तरह का वाक्या कभी इतिहास में नहीं हुआ. लेकिन सत्ता पक्ष के तरफ से लगातार हस्तक्षेप किया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग के कटौती प्रस्ताव पर जैसे ही हम बोलना शुरू किए. सत्ता पक्ष के नेता और मंत्री टीका-टिप्पणी करने लगे. इससे साफ जाहिर होता है कि सरकार के मन में डर है कहीं हम उनके पोल खोल न दें. यह बीजेपी की सोची समझी रणनीति है. इसलिए सदन में हमारी बातों को रखने नहीं दिया जा रहा है.

ये भी पढ़ें- तेजस्वी के राजभवन मार्च पर 'हम' का तंज, 'रावण' होकर दे रहे हैं 'राम' को उपदेश

सदन में नहीं पहुंचे मुख्यमंत्री
वहीं, बजट सत्र के 15वें दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सदन में नहीं पहुंचने पर तेजस्वी यादव ने उन पर तंज कसते हुए कहा है. जब उनके मंत्री पर इतना गंभीर आरोप है और पूरे सबूत के साथ मामला रखा जा रहा है, तो कहां हैं? मुख्यमंत्री, रामसूरत राय किसके मंत्री हैं? किस ने उन्हें मंत्री बनाया? वह क्यों भाग रहे हैं? सदन में उन्हें जवाब देना चाहिए. उन्होंने कहा कि सदन के अंदर जैसे ही हमारे जुबां से शराब शब्द निकला. बीजेपी के सभी नेता खड़े हो गए, हम शराब के बारे में कहना चाह रहे थे कि शराब से शारीरिक, मानसिक और आर्थिक नुकसान होता है. लेकिन जैसे ही हम शराब को लेकर चर्चा करना शुरू करते हैं. बीजेपी के नेता खड़े होकर टीका-टिप्पणी करने लगे.
रामसूरत क्यों नहीं दे रहे इस्तीफा

मुख्यमंत्री सदन में दें जबाव
तेजस्वी यादव ने मंत्री रामसूरत राय पर हमला करते हुए कहा कि रामसूरत राय अभी कहां है? उनका इस्तीफा क्यों नहीं हो रहा है? कितना उन्हें सबूत चाहिए? जितना सबूत उन्हें चाहिए हम सारा सबूत उन्हें दे रहे हैं. पहले रामसूरत राय हमें चुनौती दे रहे थे. लेकिन जब वह चुनौती को स्वीकार करें और मुख्यमंत्री सदन के अंदर आए और जबाव दें. उन्होंने कहा कि ऑल पार्टी की बैठक जो स्पीकर ने बुलाई है, वह आज ही क्यों नहीं करते हैं. इससे साफ जाहिर होता है कि बीजेपी कुछ छुपाना चाह रही है.

पटना: बिहार सरकार के मंत्री रामसूरत राय के मामले को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पूरे दमखम से नीतीश कुमार को घेरने में लगे हैं. वह लगातार मंत्री रामसूरत राय की इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. रामसूरत राय के इस्तीफे की मांग को लेकर विधानसभा के अंदर पक्ष और विपक्ष में काफी नोकझोंक हुई. यहां तक माननीय एक दूसरे पर अभद्र टिप्पणी करते हुए नजर आए. इन सबके बीच तेजस्वी यादव ने कहा कि सदन के अंदर जो कुछ हुआ वह ठीक नहीं है. लोकतंत्र में विपक्ष का एक महत्व होता है. आज हम स्वास्थ्य विभाग के कटौती प्रस्ताव पर चर्चा करने वाले थे. आसन से हमें समय भी मिला हुआ था. लेकिन हमें सदन के अंदर बोलने नहीं दिया जा रहा है. इससे साफ जाहिर होता है कि नीतीश सरकार डर गई है.

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हमारे पास पर्याप्त सबूत है
तेजस्वी यादव ने कहा कि जब आसन से हमें बोलने की इजाजत दी गई, तो फिर हमें सत्ता पक्ष के नेताओं द्वारा बोलने नहीं दिया जा रहा है. जब हम इन सारे मसलों पर कुछ बोलना चाह रहे हैं. तो हमें बोलने नहीं दिया जा रहा है. हमारे पास पर्याप्त सबूत है और हमने आज जो सुबह मंत्री के खिलाफ सबूत रखा था, उसका जवाब न तो सरकार के पास है और न ही मंत्री के पास है.

नेता प्रतिपक्ष का पद संवैधानिक पद है
उन्होंने ने कहा कि संविधान में नेता विरोधी दल का जो पद होता है, वह संवैधानिक होता है. संविधान में मुख्यमंत्री संवैधानिक पद होता है. लेकिन उपमुख्यमंत्री कोई संवैधानिक पद नहीं है. सुबह से लेकर शाम तक सदन के अंदर हमारी बातों को रखने का मौका नहीं दिया गया. इस तरह का वाक्या कभी इतिहास में नहीं हुआ. लेकिन सत्ता पक्ष के तरफ से लगातार हस्तक्षेप किया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग के कटौती प्रस्ताव पर जैसे ही हम बोलना शुरू किए. सत्ता पक्ष के नेता और मंत्री टीका-टिप्पणी करने लगे. इससे साफ जाहिर होता है कि सरकार के मन में डर है कहीं हम उनके पोल खोल न दें. यह बीजेपी की सोची समझी रणनीति है. इसलिए सदन में हमारी बातों को रखने नहीं दिया जा रहा है.

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सदन में नहीं पहुंचे मुख्यमंत्री
वहीं, बजट सत्र के 15वें दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सदन में नहीं पहुंचने पर तेजस्वी यादव ने उन पर तंज कसते हुए कहा है. जब उनके मंत्री पर इतना गंभीर आरोप है और पूरे सबूत के साथ मामला रखा जा रहा है, तो कहां हैं? मुख्यमंत्री, रामसूरत राय किसके मंत्री हैं? किस ने उन्हें मंत्री बनाया? वह क्यों भाग रहे हैं? सदन में उन्हें जवाब देना चाहिए. उन्होंने कहा कि सदन के अंदर जैसे ही हमारे जुबां से शराब शब्द निकला. बीजेपी के सभी नेता खड़े हो गए, हम शराब के बारे में कहना चाह रहे थे कि शराब से शारीरिक, मानसिक और आर्थिक नुकसान होता है. लेकिन जैसे ही हम शराब को लेकर चर्चा करना शुरू करते हैं. बीजेपी के नेता खड़े होकर टीका-टिप्पणी करने लगे.
रामसूरत क्यों नहीं दे रहे इस्तीफा

मुख्यमंत्री सदन में दें जबाव
तेजस्वी यादव ने मंत्री रामसूरत राय पर हमला करते हुए कहा कि रामसूरत राय अभी कहां है? उनका इस्तीफा क्यों नहीं हो रहा है? कितना उन्हें सबूत चाहिए? जितना सबूत उन्हें चाहिए हम सारा सबूत उन्हें दे रहे हैं. पहले रामसूरत राय हमें चुनौती दे रहे थे. लेकिन जब वह चुनौती को स्वीकार करें और मुख्यमंत्री सदन के अंदर आए और जबाव दें. उन्होंने कहा कि ऑल पार्टी की बैठक जो स्पीकर ने बुलाई है, वह आज ही क्यों नहीं करते हैं. इससे साफ जाहिर होता है कि बीजेपी कुछ छुपाना चाह रही है.

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