पटना: नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक बार फिर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर करारा हमला बोला है. दिल्ली में नीतीश कुमार कुमार की ओर से प्रचार किए जाने पर तेजस्वी यादव ने हमला बोला. उन्होंने कहा कि अपनी सरकार का 15 साल का तो हिसाब गिना नहीं सकते पर विपक्षी सरकारों का हिसाब मांगने दिल्ली तक पहुंच गए. इसे कहते हैं एक तो चोरी और ऊपर से सीनाजोरी.
तेजस्वी ने कहा, आदरणीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी कल दिल्ली में अपने महबूब नेता श्री अमित शाह जी के साथ चुनावी मंच साझा कर रहे थे. मंच पर अपनी सारी राजनीतिक दुर्दशा, चालाकी और मजबूरी को ना चाहते हुए भी प्रदर्शित कर ही गए. मंच साझा करने का ऐसा उतावलापन कहे या चाटूकारिता का तकाजा कि उत्साह में वो अपने ही झूठ बोलने के सारे पुराने रिकॉर्ड खुद ही तोड़ गए और देश की राजधानी दिल्ली को बिहार से बदतर बताने में तनिक भर भी लज्जा महसूस नहीं कर रहे थे.
'क्यों कर रहे हैं करोड़ों बिहारवासी पलायन'
मुख्यमंत्री जी, यह बतायें कि आपके 15 वर्ष के कथित सुशासनी राज के बाद भी करोड़ों बिहारवासी पलायन क्यों कर रहे है? अगर आप दिल्ली में इंफ़्रास्ट्रक्चर, शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था को बिहार से भी बदहाल मानते है तो आपकी मनोस्थिति को भगवान ही बेहतर समझ सकते है.
'जलजमाव का सुशासनी जनाजा पूरे देश ने देखा'
मुख्यमंत्री जी, बिहार में चमकी बुखार से 500 बच्चें मरे. गर्मी से हज़ारों लोग मरे. बाढ़ से मरने वालों की कोई गिनती ही नहीं है. जलजमाव का सुशासनी जनाजा पूरे देश ने देखा था. सत्ता संरक्षण में आपके मंत्रियों और अधिकारियों की ओर से 34 नाबालिग बच्चियों के साथ मुजफ्फरपुर में जो सामूहिक बलात्कार हुआ और उसपर सुप्रीम कोर्ट की आपकी सरकार पर जो टिप्पणियां की थी. वो किसी भी सभ्य इंसान को सोने नहीं देगी. बिहार की सड़कों को लेकर माननीय पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की टिप्पणी आप भूल गए क्या? 15 साल में बिहार की शिक्षा को किस गर्त में आपने पहुंचा दिया है इसका तो स्वयं आपको भी अंदाजा नहीं है!
'सवाल-जवाब करने का नहीं रहा आत्मबल'
दिल्ली जाकर डबल इंजन सरकार से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा, विशेष पैकेज, बाढ़ पीड़ितों की सहायता राशि और केंद्रीय मदों में बिहार का हक मांगने की बजाय आप संविधान बदलने और अपने ही नागरिकों से नागरिकता छिनने वालों को लोकप्रिय और महानायक बता रहे है. शायद अब आपमें स्वयं से भी सवाल-जवाब करने का आत्मबल नहीं रहा. सिद्धांत, विचार, नैतिकता और अंतरात्मा तो आपने जनादेश का सौदा करते समय ही बेच दी थी.
माननीय मुख्यमंत्री जी, दिल्ली में यह तो बता देते आपने कितने कारखाने और कंपनियां बिहार में खुलवाई है? कितने युवाओं को रोज़गार दिया है? कितनी चीनी मिल, राइस मिल, जूट मिल को बंद करवाया है?