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जाति देखकर 75% सैनिकों की छंटनी करेगी संघ की कट्टर जातिवादी सरकार: तेजस्वी यादव - Defense Minister Rajnath Singh

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस मसले पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. तेजस्वी ने कहा कि सेना में भर्ती होने के बाद 75% सैनिकों की छंटनी नहीं होती थी, लेकिन संघ की कट्टर जातिवादी सरकार अब जाति धर्म देखकर 75% सैनिकों की छ्टनी करेगी. सेना मैं जब आरक्षण है ही नहीं तो जाति प्रमाण पत्र की क्या जरूरत?

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Published : Jul 19, 2022, 11:11 PM IST

पटना : सेना में जाति प्रमाण पत्र का मसला बिहार में शांत नहीं हो रहा है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस मसले पर फिर एक बार केंद्र सरकार को घेरा है. मंगलवार को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए तेजस्वी यादव ने लिखा है कि आजादी के बाद 75 वर्षों तक सेना में ठेके पर अग्निपथ व्यवस्था लागू नहीं थी. सेना में भर्ती होने के बाद 75% सैनिकों की छंटनी नहीं होती थी, लेकिन संघ की कट्टर जातिवादी सरकार अब जाति धर्म देखकर 75% सैनिकों की छ्टनी करेगी. सेना मैं जब आरक्षण है ही नहीं तो जाति प्रमाण पत्र की क्या जरूरत?

ये भी पढ़ें- जवानों की भर्ती में जाति कॉलम पर बोले राजनाथ- 'ये नियम आजादी से पहले का है, कोई बदलाव नहीं हुआ'

तेजस्वी केंद्र पर हमलावर: बता दें कि इस मसले पर तेजस्वी यादव लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर की भूमिका में है. उनके इस ट्वीट के बाद लोगों की तरह तरह की प्रतिक्रिया भी सामने आ रही हैं. बता दें कि इससे पहले आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा था कि, 'जात न पूछो साधु की लेकिन जात पूछो फौजी की. संघ की बीजेपी सरकार जातिगत जनगणना से दूर भागती है लेकिन देश सेवा के लिए जान देने वाले अग्निवीर भाइयों से जाति पूछती है. ये जाति इसलिए पूछ रहे हैं, क्योंकि देश का सबसे बड़ा जातिवादी संगठन आरएसएस बाद में जाति के आधार पर अग्निवीरों की छंटनी करेगा.

उपेंद्र कुशवाहा ने भी उठाया सवाल: इससे पहले जेडीयू संसदीय दल के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भी इस पर ऐतराज जताया था. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, " माननीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह जी, सेना की बहाली में जाति प्रमाण पत्र की क्या जरूरत है, जब इसमें आरक्षण का कोई प्रावधान ही नहीं है. संबंधित विभाग के अधिकारियों को स्पष्टीकरण देना चाहिए."

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की सफाई: विपक्ष के आरोपों को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) ने सिरे से खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से अफवाह है. जो व्यवस्था पहले थी, आजादी के पहले से चली आ रही पुरानी व्यवस्था वही चल रही है. कोई बदलाव नहीं किया गया है. पुरानी व्यवस्था को जारी रखा जा रहा है.

क्यों हो रहा विरोध?: आपको बता दें कि सेना बहाली में आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेजों की लिस्ट जारी कर दी गई है. इन दस्तावेजों में मूल निवासी प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, स्कूल प्रमाण पत्र, चरित्र प्रमाण पत्र सहित अन्य डॉक्युमेंट्स मांगे गए हैं . उपेंद्र कुशवाहा ने ट्वीट में सेनाभर्ती के इस आवेदन सूचना को भी शेयर किया है, जिसमें अंकित जाति प्रमाण पत्र और धर्म प्रमाण पत्र के कॉलम को हाइलाइट करते हुए अपनी बात कही है.

पटना : सेना में जाति प्रमाण पत्र का मसला बिहार में शांत नहीं हो रहा है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस मसले पर फिर एक बार केंद्र सरकार को घेरा है. मंगलवार को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए तेजस्वी यादव ने लिखा है कि आजादी के बाद 75 वर्षों तक सेना में ठेके पर अग्निपथ व्यवस्था लागू नहीं थी. सेना में भर्ती होने के बाद 75% सैनिकों की छंटनी नहीं होती थी, लेकिन संघ की कट्टर जातिवादी सरकार अब जाति धर्म देखकर 75% सैनिकों की छ्टनी करेगी. सेना मैं जब आरक्षण है ही नहीं तो जाति प्रमाण पत्र की क्या जरूरत?

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तेजस्वी केंद्र पर हमलावर: बता दें कि इस मसले पर तेजस्वी यादव लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर की भूमिका में है. उनके इस ट्वीट के बाद लोगों की तरह तरह की प्रतिक्रिया भी सामने आ रही हैं. बता दें कि इससे पहले आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा था कि, 'जात न पूछो साधु की लेकिन जात पूछो फौजी की. संघ की बीजेपी सरकार जातिगत जनगणना से दूर भागती है लेकिन देश सेवा के लिए जान देने वाले अग्निवीर भाइयों से जाति पूछती है. ये जाति इसलिए पूछ रहे हैं, क्योंकि देश का सबसे बड़ा जातिवादी संगठन आरएसएस बाद में जाति के आधार पर अग्निवीरों की छंटनी करेगा.

उपेंद्र कुशवाहा ने भी उठाया सवाल: इससे पहले जेडीयू संसदीय दल के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भी इस पर ऐतराज जताया था. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, " माननीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह जी, सेना की बहाली में जाति प्रमाण पत्र की क्या जरूरत है, जब इसमें आरक्षण का कोई प्रावधान ही नहीं है. संबंधित विभाग के अधिकारियों को स्पष्टीकरण देना चाहिए."

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की सफाई: विपक्ष के आरोपों को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) ने सिरे से खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से अफवाह है. जो व्यवस्था पहले थी, आजादी के पहले से चली आ रही पुरानी व्यवस्था वही चल रही है. कोई बदलाव नहीं किया गया है. पुरानी व्यवस्था को जारी रखा जा रहा है.

क्यों हो रहा विरोध?: आपको बता दें कि सेना बहाली में आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेजों की लिस्ट जारी कर दी गई है. इन दस्तावेजों में मूल निवासी प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, स्कूल प्रमाण पत्र, चरित्र प्रमाण पत्र सहित अन्य डॉक्युमेंट्स मांगे गए हैं . उपेंद्र कुशवाहा ने ट्वीट में सेनाभर्ती के इस आवेदन सूचना को भी शेयर किया है, जिसमें अंकित जाति प्रमाण पत्र और धर्म प्रमाण पत्र के कॉलम को हाइलाइट करते हुए अपनी बात कही है.

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