पटना: आरजेडी नेता तेजस्वी यादव (RJD Leader Tejashwi Yadav) आह्वान पर पार्टी ने शनिवार को जातीय जनगणना (Cast Census) को लेकर तमाम जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन किया. नेताओं ने हर जगह धरना-प्रदर्शन किया भी, लेकिन लालू परिवार का कोई भी सदस्य कहीं भी नजर नहीं आया. जिसके बाद अब सवाल उठने लगे हैं.
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राजधानी पटना में भी आरजेडी नेताओं ने जातीय जनगणना के साथ-साथ मंडल कमीशन (Mandal Commission) के बाकी बिंदुओं को जल्द लागू करने के लिए धरना-प्रदर्शन किया. प्रदेश कार्यालय से निकलकर नेता जब जिला कलेक्ट्रेट की ओर जा रहे थे, तो उन्हें जिला प्रशासन द्वारा इनकम टैक्स चौराहे पर ही रोक दिया गया. जहां तमाम नेता सड़क पर ही धरने पर बैठ गए.
आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह, अब्दुल बारी सिद्दीकी, श्याम रजक, उदय नारायण चौधरी, आलोक मेहता, रीतलाल यादव और रेखा देवी सहित कई पार्टी काफी देर तक वहां धरने पर बैठे रहे.
इस दौरान कई बड़े चेहरे नजर आए, लेकिन कहीं भी नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव नहीं दिखे. पटना में नहीं रहने के कारण धरना में शामिल नहीं के कारण सत्ताधारी जेडीयू की तरफ से सवाल भी उठाए जा रहे हैं.
हालांकि इस पर पार्टी के महासचिव आलोक मेहता ने सफाई दी है. उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना के साथ मंडल कमीशन के कुछ बिंदुओं साथ ही एससी-एसटी बैकलॉग को लेकर अपनी आवाज उठा रहे हैं. वह जहां भी हैं, हमेशा कार्यकर्ताओं के साथ हैं.
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"तेजस्वी यादव कहीं भी हैं, लालू प्रसाद यादव जी कहीं भी हैं लेकिन पार्टी की इन गतिविधियों को उनका पूरा समर्थन है. उन्हीं के निर्देश पर सब कुछ भी है. बाकी सारी बातें बकवास हैं"- आलोक मेहता, विधायक, आरजेडी
आलोक मेहता ने वहीं पुलिस प्रशासन द्वारा इनकम टैक्स चौराहे पर रोके जाने को लेकर जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष के काफिले पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि कल जब ललन सिंह दिल्ली से पटना आए थे, तो उनके साथ हजारों की संख्या में लोग इकट्ठा हुए थे. कोविड गाइड लाइन की धज्जियां उठने के बावजूद किसी को नहीं रोका गया. आपको बताएं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जेडीयू भी जातीय जनगणना के पक्ष में हैं. सीएम ने इसको लेकर केंद्र को पत्र भी भेजा है, लेकिन बीजेपी इसके पक्ष में नहीं है.