पटना: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सासाराम में जनसभा के दौरान जाति विशेष पर टिप्पणी की थी. जिसके बाद से ही इस मामले ने तूल पकड़ लिया है. एनडीए के नेता इसे राजपूतों का अपमान बता रहे हैं. जिसके बाद से ही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सफाई देते दिख रहे हैं.
बेमतलब का तूल दे रहा एनडीए
तेजस्वी यादव ने सफाई में कहा कि हमारे कहने का मतलब कुछ और निकाला जा रहा है. हमने सरकारी कर्मियों को साहब बोला था, लेकिन एनडीए के नकारात्मक सोच वाले नेता इसे बेमतलब का तूल दे रहे हैं.
"लोगों को भरमाया जा रहा है हमने कहा था कि लालू प्रसाद के शासनकाल में सरकारी सर्विस में जो कर्मचारी होते थे उनके जमाने में अधिकारी घूस नहीं लेते थे. जब से एनडीए की सरकार बनी और नीतीश कुमार बिहार के मुखिया बने तब से अधिकारियों का बोलबाला होता रहा. अधिकारी बिना चढ़ावे का कोई काम नहीं करते". -तेजस्वी यादव , नेता प्रतिपक्ष
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RJD ने आज रोहतास की सभा में सवर्ण जातियों के बारे आपत्तिजनक टिप्पणी की है।RJD ने ऊँची जातियों के १० % आरक्षण का भी विरोध किया था। pic.twitter.com/ULEZ1TCRmf
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— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) October 26, 2020RJD ने आज रोहतास की सभा में सवर्ण जातियों के बारे आपत्तिजनक टिप्पणी की है।RJD ने ऊँची जातियों के १० % आरक्षण का भी विरोध किया था। pic.twitter.com/ULEZ1TCRmf
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) October 26, 2020
सुशील मोदी का ट्वीट
बता दें कि तेजस्वी यादव ने जनसभा के दौरान सासाराम में जनता को संबोधित करते हुए कहा था कि लालू प्रसाद यादव के शासनकाल में बाबू साहेब के सामने गरीब जनता सीना तान कर बैठती थी. इसपर जदयू और बीजेपी के नेता हमलावर होते हुए दिख रहे हैं. सुशील मोदी ने ट्वीट करके इसे राजपूतों का अपमान बताया. साथ ही उन्होंने तेजस्वी पर आरोप लगाया कि वे हार से हताशा होकर जाति कार्ड खेल रहे हैं.