पटना: मद्य निषेध विभाग के एसपी द्वारा जारी इस पत्र के बाद पुलिस महकमे में खलबली मची हुई थी. राकेश कुमार सिन्हा के तबादले के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला है.
नेता प्रतिपक्ष ने ट्वीट कर लिखा, " पटना के एसपी मद्य निषेध ने सभी जिलों के एसएसपी और एसपी को पत्र लिखा कि उत्पाद और पुलिस विभाग के अधिकारी सत्ताधारी जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर शराब बिक्री करवा रहे हैं. सीएम आवास में पहुंच रखने वाले शराब माफिया ने सीएम से अब उस एसपी का तबादला करवा दिया. यही है नीतीश कुमार का असली चेहरा."
-
पटना के एसपी मद्यनिषेध ने सभी जिलों के एसएसपी और एसपी को पत्र लिखा कि उत्पाद और पुलिस विभाग के अधिकारी सत्ताधारी जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर शराब बिक्री करवा रहे है। CM आवास में पहुँच रखने वाले शराब माफ़िया ने CM से अब उस SP का तबादला करवा दिया। यही है नीतीश कुमार का असली चेहरा। pic.twitter.com/25ojeZFOrd
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) January 20, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">पटना के एसपी मद्यनिषेध ने सभी जिलों के एसएसपी और एसपी को पत्र लिखा कि उत्पाद और पुलिस विभाग के अधिकारी सत्ताधारी जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर शराब बिक्री करवा रहे है। CM आवास में पहुँच रखने वाले शराब माफ़िया ने CM से अब उस SP का तबादला करवा दिया। यही है नीतीश कुमार का असली चेहरा। pic.twitter.com/25ojeZFOrd
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) January 20, 2021पटना के एसपी मद्यनिषेध ने सभी जिलों के एसएसपी और एसपी को पत्र लिखा कि उत्पाद और पुलिस विभाग के अधिकारी सत्ताधारी जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर शराब बिक्री करवा रहे है। CM आवास में पहुँच रखने वाले शराब माफ़िया ने CM से अब उस SP का तबादला करवा दिया। यही है नीतीश कुमार का असली चेहरा। pic.twitter.com/25ojeZFOrd
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) January 20, 2021
क्या है मामला?
बता दें कि मद्य निषेध विभाग के एसपी ने पटना के उत्पाद विभाग के अधिकारियों और कर्मियों द्वारा शराब माफियाओं के साथ मिलकर शराब की तस्करी करने और अवैध संपत्ति अर्जित करने के आरोपों की जांच के लिए सभी जिलों के एसपी को पत्र लिखा था. एसपी का आरोप है कि मद्य निषेध विभाग उत्पाद विभाग के कर्मियों ने शराब के माध्यम से काली कमाई कर बेनामी संपत्ति अर्जित की है. यह संपत्ति उन्होंने अपने नाम से या फिर अपने रिश्तेदारों के नाम से बनाई है. इस पत्र के बाद ही उनका स्थानांतरण कर दिया गया है.