पटना: दिल्ली के आसपास कृषि कानून के खिलाफ चल रहे आंदोलन के समर्थन में शनिवार को बिहार की राजधानी पटना में भी राजनीति देखने को मिली. किसानों के समर्थन में राजद के नेतृत्व वाला महागठबंधन सड़कों पर उतरा.
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने शनिवार को पटना के गांधी मैदान में नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और धरने में बैठे. विरोध प्रदर्शन के दौरान तेजस्वी ने नए कृषि कानूनों को किसान विरोधी बताते हुए कहा कि वे किसानों की मांगों के साथ हैं. तेजस्वी यादव ने कहा कि, धनदाता और अन्नदाता की लड़ाई में वे अन्नदाताओं के साथ खड़े हैं.
बिना परमिशन धरना स्थल पर पहुंचे तेजस्वी
पहले जिला प्रशासन ने आरजेडी को गांधी मैदान के अंदर धरना प्रदर्शन करने की इजाजत नहीं दी थी. प्रशासन का कहना था कि गांधी मैदान धरना प्रदर्शन करने के लिए निर्धारित जगह नहीं है. महामारी के कारण गांधी मैदान सुबह 6 बजे से 10 बजे तक मॉर्निंग वॉक से आने वाले लोगों के लिए खोला जाता है, उसके बाद बंद कर दिया जाता है. हालांकि इसके बावजूद तेजस्वी और पार्टी के नेता और कार्यकर्ता गांधी मूर्ति के पास पहुंचे और किसानों की लड़ाई लड़ने के लिए अपना संकल्प पत्र पढ़ा.
क्या आंदोलन करना अपराध है ? - तेजस्वी
इस दौरान तेजस्वी ने सवालिया लहजे में कहा कि क्या किसानों के समर्थन में आवाज उठाना, उनकी आय दोगुनी करने के लिए नए कानूनों में अनिवार्य रूप से एमएसपी की मांग करना, खेत-खलिहान को बचाने की लड़ाई करना क्या अपराध है? तेजस्वी ने चेतावनी भरे लहजे में कहा, 'अगर अपराध है तो हम यह अपराध बार-बार करेंगे.' उन्होंने सरकार से कहा कि आंदोलनरत किसानों की सभी मांगें पूरी की जाएं.
इससे पहले तेजस्वी ने नीतीश कुमार को चैलेंज करते हुए ट्वीट किया और लिखा, 'नीतीश जी, वहां पहुंच रहा हूं, रोक सको तो रोक लीजिए'.
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गोडसे को पूजने वाले लोग पटना पधारे है उनके स्वागत में अनुकंपाई मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के गाँधी मैदान में गाँधी मूर्ति को क़ैद कर लिया ताकि गाँधी को मानने वाले लोग किसानों के समर्थन में गाँधी जी के समक्ष संकल्प ना ले सके।
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नीतीश जी,वहाँ पहुँच रहा हूँ। रोक सको तो रोक लीजिए
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— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) December 5, 2020
नीतीश जी,वहाँ पहुँच रहा हूँ। रोक सको तो रोक लीजिएगोडसे को पूजने वाले लोग पटना पधारे है उनके स्वागत में अनुकंपाई मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के गाँधी मैदान में गाँधी मूर्ति को क़ैद कर लिया ताकि गाँधी को मानने वाले लोग किसानों के समर्थन में गाँधी जी के समक्ष संकल्प ना ले सके।
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नीतीश जी,वहाँ पहुँच रहा हूँ। रोक सको तो रोक लीजिए
जेडीयू का पलटवार
तेजस्वी अपने इस एलान के बाद गांधी मैदान पहुंचे और धरने पर बैठ गए. लेकिन जब किसान आंदोलन को लेकर सियासत की बात हो तो जेडीयू ने भी पलटवार किया. जेडीयू नेता नीरज कुमार ने कहा, तेजस्वी के संस्कार और मानसिकता पर सवाल खड़े कर दिए. फिलहाल, अब देखना दिलचस्प होगा कि इस सियासी तू-तू मैं-मैं के बीच किसान आंदोलन को लेकर क्या नतीजा निकलता है.