पटना: आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) को प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह (Jagdanand Singh) पर कितना भरोसा है, इस बात का जिक्र एक बार फिर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने पार्टी पदाधिकारियों के सामने किया है. उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि लालू ने जगदानंद को फ्री हैंड दे रखा है, इसलिए कोई मुगालते में ना रहें. दरअसल पिछले कुछ महीनों से तेजप्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) और जगदानंद सिंह के बीच के विवाद के कारण कई तरह की चर्चा चलने लगी थी. कुछ दिन पहले तेजप्रताप पार्टी दफ्तर पहुंचे और इंतजार करते रहे कि जगदानंद उनसे मिलने आएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. आखिरकार तेजप्रताप ने कहा कि अगर चाचा उनसे मिलने चले आते तो भतीजे से मुलाकात हो जाती.
ये भी पढ़ें: RJD के पोस्टर में सब हैं... तेज प्रताप को छोड़कर, क्या 'अर्जुन' ने 'कृष्ण' को औकात बता दी?
दो दिन पहले आरजेडी के प्रदेश कार्यालय में एक मिलन समारोह हुआ. उस समारोह में तेजस्वी यादव खुद शामिल हुए, लेकिन उस समारोह की होर्डिंग में भी तेजप्रताप यादव की तस्वीर नहीं थी. कहीं ना कहीं यह एक स्पष्ट संदेश देने की कोशिश पार्टी की ओर से की गई कि पार्टी का एकमात्र प्रमुख चेहरा तेजस्वी यादव ही हैं. वह पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद के दावेदार भी हैं और भविष्य में उन्हें ही आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर स्थापित करने की तैयारी हो रही है.
जगदानंद सिंह ने जब छात्र आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर गगन कुमार की नियुक्ति की थी तो उसके बाद तेजप्रताप ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जगदानंद सिंह के खिलाफ नाराजगी जताई थी और उन्हें प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाने की मांग तक कर दी थी. उसके बाद तेजस्वी यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि सभी बड़ों का सम्मान करना चाहिए. यह संदेश भी कहीं ना कहीं तेजप्रताप यादव के लिए ही था. इसके बाद जब तेजप्रताप दिल्ली से लौटे तो उन्होंने उस विवाद पर चुप्पी साध रखी है.
ये भी पढ़ें: तेजप्रताप और जगदानंद के बीच तल्खी बरकरार, लेकिन दोनों ने साधी चुप्पी
वहीं, इस बारे में जेडीयू के प्रदेश प्रवक्ता अरविंद निषाद ने कहा कि परिवार में बड़े बेटे को उत्तरदायित्व दिया जाता है, लेकिन लालू यादव ने तेजप्रताप यादव के साथ बहुत नाइंसाफी की है. जबकि लगातार वे दो बार से भी चुनाव जीत रहे हैं और छात्र आरजेडी की जिम्मेदारी भी बखूबी संभाल रहे थे, लेकिन उन्हें दरकिनार कर पार्टी ने अपने लिए मुसीबत मोल ले ली है.
इधर आरजेडी ने जेडीयू के इस बयान पर पलटवार किया है और कहा है कि उन्हें विपक्ष के मामलों पर सवाल उठाने से पहले खुद अपनी गिरेबां में झांकना चाहिए. प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि जनता की भलाई की बात करने की बजाय यह लोग आरजेडी के अंदरूनी मुद्दे को बेमतलब हवा दे रहे हैं, जो कहीं से उचित नहीं है. उन्हें अपना इलाज आगरा या कांके जाकर कराना चाहिए.
वैसे आरजेडी के नेता चाहे जो कहें, लेकिन जिस तरह से पार्टी के पदाधिकारियों की बैठक में तेजस्वी यादव ने जगदानंद सिंह की उपस्थिति में उन्हें लालू की ओर से फ्री हैंड मिलने की बात कही है, इससे यह संदेश ना सिर्फ तेजप्रताप बल्कि पूरे संगठन में गया है कि जगदानंद सिंह की ही पार्टी में चलेगी और किसी की नहीं, वे चाहे लालू के बड़े बेटे तेजप्रताप ही क्यों ना हों.