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Bihar Shikshak Niyojan: 'शिक्षक नियमावली वापस लो', बिहार प्रारंभिक शिक्षक नियोजन की मुहिम.. आज मनाएंगे Black Day - पटना न्यूज

बिहार सरकार द्वारा जारी बिहार राज्य विद्यालय शिक्षक नियमावली 2023 को मंजूरी दिए जाने के बाद से ही शिक्षक संगठनों में गुस्सा है. शिक्षक नेताओं ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए इसे शिक्षक और परीक्षार्थी दोनों के लिए आफत बताया है. इसके विरोध में आज शिक्षक संघ और अभियर्थी पटना में ब्लैक डे मनाएगें.

Bihar Teacher Niyojan
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Published : Apr 12, 2023, 11:04 AM IST

पटनाः बिहार की नई शिक्षक नियोजन नयामवली का लगातार विरोध हो रहा है. सोशल मीडिया पर भी इसका काफी विरोध हो रहा है. ट्विटर पर #नियमावली_23_वापस_लो' कल से ही ट्रेंड कर रहा है. जिसमें यूजर्स सरकार के खिलाफ अना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं. आज के ट्वीटर ट्रेंडिंग हैशटैग #शिक्षक_नियमावली_वापस_लो का समय 01 बजे से है. आज शिक्षक संघ ने इसके खिलाफ पटना में 'ब्लैक डे' मनाने का फैसला लिया है.

ये भी पढ़ेंः Bihar Shikshak Niyojan: सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा #नियमावली_23_वापस_लो.. चुनाव में खामियाजा भुगतने की धमकी

'नई नियमावली ने शिक्षकों को किया आइसोलेट': दरअसल टीईटी एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ गोपगुट ने नए शिक्षक नियमावली को महागठबंधन सरकार की भर्ती और शिक्षकों की पीठ में छुरा घोंपने वाला करार दिया है. संघ के शिक्षकों ने कहा कि वर्षों से कार्यरत शिक्षकों को नई नियमावली में पूरी तरह से आइसोलेट कर दिया गया है. नियोजित शिक्षकों और अभियर्थियों का कहना है कि इस नियमावली ने बरसों से बहाली के इंतजार में बैठे लोगों के भविष्य पर पानी फेर दिया है.

  • 12 अप्रैल को शिक्षक नियमावली के विरोध में ब्लैक डे मनाएगा शिक्षक संघ pic.twitter.com/KlND0dHY2g

    — बिहार प्रारंभिक शिक्षक नियोजन (@btetctet) April 11, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

ट्वीट कर सरकार से पूछा ये सवालः बिहार शिक्षक नियोजन के ट्वीटर हैंडल पर एक ट्वीट कर सरकार से पूछा गया है कि 'अगर नियोजित शिक्षक पढ़ाने में समर्थ नहीं है तो उनको बहाल क्यों किया ? क्या नियोजन नीति बनाने वाले नेता और अधिकारी को जेल भेजा जायेगा जो बिहार का भविष्य 16 साल चौपट किया ? एसटीईटी 19 की परीक्षा 3 बार देने के बाद सिलेबस से हट के क्वेश्चन पूछने के बाद ये बोला गया की आपकी नौकरी पक्की एक परीक्षा का आयोजन करने में 4 साल लगा तब फिर बोला जा रहा एक परीक्षा और दो'

  • अगर नियोजित शिक्षक पढ़ाने में समर्थ नही है तो उनको बहाल कौन किया ? क्या नियोजन नीति बनाने वाले नेता और अधिकारी को जेल भेजा जायेगा जो बिहार का भविष्य 16 साल चौपट किया ?

    — बिहार प्रारंभिक शिक्षक नियोजन (@btetctet) April 12, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

क्या है नई शिक्षक नियमावलीः आपको बता दें कि सातवें चरण में शिक्षकों की बहाली को लेकर नई नियमावली जारी की गई है. नए नियमों के तहत प्राइमरी से 12वीं तक के शिक्षकों की जो बहाली होगी. इसके लिए उम्मीदवारों को बीपीएससी द्वारा आयोजित परीक्षा पास करनी होगी. आयोग से बहाल शिक्षकों को राज्य सरकार का कर्मचारी माना जाएगा, जिन्हें कई सुविधाएं भी दी जाएंगी. इस परीक्षा में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण मिलेगा. सातवें चरण के तहत करीब 3 लाख 19 हजार शिक्षकों की बहाली होनी है. शिक्षकों को आयोग की परीक्षा में शामिल होने के लिए तीन मौके दिए जाएंगे. इसके साथ ही उम्मीदवार का सीटीईटी और टीईटी पास होना भी अनिवार्य है. सीटीईटी-एसटीईटी के अलावा डी.एल.एड/बी.एड/एम.एड क्वालिफाई होना भी जरूरी है. आयोग की ओर से परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थियों को जिला चुनने का विकल्प दिया जाएगा.

पटनाः बिहार की नई शिक्षक नियोजन नयामवली का लगातार विरोध हो रहा है. सोशल मीडिया पर भी इसका काफी विरोध हो रहा है. ट्विटर पर #नियमावली_23_वापस_लो' कल से ही ट्रेंड कर रहा है. जिसमें यूजर्स सरकार के खिलाफ अना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं. आज के ट्वीटर ट्रेंडिंग हैशटैग #शिक्षक_नियमावली_वापस_लो का समय 01 बजे से है. आज शिक्षक संघ ने इसके खिलाफ पटना में 'ब्लैक डे' मनाने का फैसला लिया है.

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'नई नियमावली ने शिक्षकों को किया आइसोलेट': दरअसल टीईटी एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ गोपगुट ने नए शिक्षक नियमावली को महागठबंधन सरकार की भर्ती और शिक्षकों की पीठ में छुरा घोंपने वाला करार दिया है. संघ के शिक्षकों ने कहा कि वर्षों से कार्यरत शिक्षकों को नई नियमावली में पूरी तरह से आइसोलेट कर दिया गया है. नियोजित शिक्षकों और अभियर्थियों का कहना है कि इस नियमावली ने बरसों से बहाली के इंतजार में बैठे लोगों के भविष्य पर पानी फेर दिया है.

  • 12 अप्रैल को शिक्षक नियमावली के विरोध में ब्लैक डे मनाएगा शिक्षक संघ pic.twitter.com/KlND0dHY2g

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ट्वीट कर सरकार से पूछा ये सवालः बिहार शिक्षक नियोजन के ट्वीटर हैंडल पर एक ट्वीट कर सरकार से पूछा गया है कि 'अगर नियोजित शिक्षक पढ़ाने में समर्थ नहीं है तो उनको बहाल क्यों किया ? क्या नियोजन नीति बनाने वाले नेता और अधिकारी को जेल भेजा जायेगा जो बिहार का भविष्य 16 साल चौपट किया ? एसटीईटी 19 की परीक्षा 3 बार देने के बाद सिलेबस से हट के क्वेश्चन पूछने के बाद ये बोला गया की आपकी नौकरी पक्की एक परीक्षा का आयोजन करने में 4 साल लगा तब फिर बोला जा रहा एक परीक्षा और दो'

  • अगर नियोजित शिक्षक पढ़ाने में समर्थ नही है तो उनको बहाल कौन किया ? क्या नियोजन नीति बनाने वाले नेता और अधिकारी को जेल भेजा जायेगा जो बिहार का भविष्य 16 साल चौपट किया ?

    — बिहार प्रारंभिक शिक्षक नियोजन (@btetctet) April 12, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

क्या है नई शिक्षक नियमावलीः आपको बता दें कि सातवें चरण में शिक्षकों की बहाली को लेकर नई नियमावली जारी की गई है. नए नियमों के तहत प्राइमरी से 12वीं तक के शिक्षकों की जो बहाली होगी. इसके लिए उम्मीदवारों को बीपीएससी द्वारा आयोजित परीक्षा पास करनी होगी. आयोग से बहाल शिक्षकों को राज्य सरकार का कर्मचारी माना जाएगा, जिन्हें कई सुविधाएं भी दी जाएंगी. इस परीक्षा में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण मिलेगा. सातवें चरण के तहत करीब 3 लाख 19 हजार शिक्षकों की बहाली होनी है. शिक्षकों को आयोग की परीक्षा में शामिल होने के लिए तीन मौके दिए जाएंगे. इसके साथ ही उम्मीदवार का सीटीईटी और टीईटी पास होना भी अनिवार्य है. सीटीईटी-एसटीईटी के अलावा डी.एल.एड/बी.एड/एम.एड क्वालिफाई होना भी जरूरी है. आयोग की ओर से परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थियों को जिला चुनने का विकल्प दिया जाएगा.

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