पटना: पूरे प्रदेश में नियोजित शिक्षक हड़ताल पर हैं. इससे मैट्रिक के परीक्षा संचालन पर प्रभाव पड़ रहा है. इस हड़ताल को लेकर बिहार शिक्षक संघर्ष समिति के सदस्यों का कहना है कि परीक्षा से पहले से हम लोग सरकार से मांग कर रहे थे. लेकिन आज सरकार के अनसुना के वजह से प्रदेश की 76 हजार स्कूलों में ताला लटक गए.
बिहार शिक्षक संघर्ष समिति के अध्यक्ष ब्रजनंदन शर्मा ने कहा कि ये हड़ताल तब तक जारी रहेगी, जब तक सरकार हमारी मांगों को मान नहीं लेती है. नियोजित शिक्षकों को भी पुराने शिक्षक के तर्ज पर सभी सुविधाएं मिलनी चाहिए. लेकिन सरकार तानाशाही रवैया अपना रखी है. इसका भी हम लोग जवाब देंगे.
'बड़े पैमाने पर रिजल्ट होंगे पेंडिग'
बिहार शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के अन्य सदस्यों का कहना है कि पूरे प्रदेश के 76 हजार स्कूलों में ताला बंद है. शत प्रतिशत हड़ताल सफल है. वहीं, मैट्रिक परीक्षा पर हड़ताल की असर पर उन्होंने कहा कि नियोजित शिक्षक निगरानी के लिए नहीं गए हैं. अन्य कर्मी को तैनात किए गए हैं. उन्हें ओएमआर शीट की जानकारी ही नहीं है. इससे बड़े पैमाने पर रिजल्ट पेंडिग में जाएगा.
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परीक्षा के लिए वैकल्पिक व्यवस्था
बता दें कि 17 फरवरी से बिहार में मैट्रिक की परीक्षा शुरू हुई है. जिसमें पंद्रह लाख से ज्यादा छात्र-छात्रा शामिल हुए हैं. इधर शिक्षकों की हड़ताल के कारण शिक्षा विभाग के अपर सचिव ने वैकल्पिक व्यवस्था किया है. इसके तहत अनुदानित विद्यालयों के शिक्षक, सरकारी प्रशिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत प्रशिक्षु के अलावा कलेक्ट्रेट और अन्य विभागीय कर्मियों को भी वीक्षक के रूप में प्रतिनियुक्त किया गया है.