पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद (Terkishore Prasad) गुरुवार को दिल्ली दौरे के क्रम में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) से शिष्टाचार मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने राज्य के वित्तीय मामलों के संबंध में उनसे चर्चा की.
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तारकिशोर प्रसाद ने केंद्रीय वित्त मंत्री से मांग करते हुए कहा कि चालू वित्तीय वर्ष में राज्यों को ऋण उगाही हेतु राजकोषीय घाटे की सीमा सकल राज्य घरेलू उत्पाद (Fiscal Deficit) का 5 प्रतिशत बिना शर्त के साथ स्वीकृत की जाए. उन्होंने वित्त मंत्री से कहा कि चालू वित्तीय वर्ष में राजकोषीय घाटा की सीमा राज्य घरेलू उत्पाद का 4 प्रतिशत निर्धारित है.
उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने केंद्रीय वित्त मंत्री से अनुरोध किया कि चालू वित्तीय वर्ष में राज्यों को ऋण उगाही हेतु राजकोषीय घाटे की सीमा सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 5 प्रतिशत बिना शर्त के साथ स्वीकृत किया जाए.
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बिहार के वित्त मंत्री प्रसाद ने केंद्रीय वित्त मंत्री से अनुरोध करते हुए कहा कि चालू वित्तीय वर्ष में राजकोषीय घाटे की 4 प्रतिशत सीमा में राज्य के लिए निर्धारित बाजार ऋण उगाही का 75 प्रतिशत चालू वर्ष में 9 महीने के लिए स्वीकृत किया गया है.
''इस संबंध में शेष 25 प्रतिशत बाजार ऋण उगाही के लिए दिसंबर या जनवरी में स्वीकृति दी जाती है, उसे अभी ही स्वीकृत किया जाए, जिससे राज्य सरकार स्वीकृत बाजार ऋण उगाही में ऋण की उगाही वर्ष के अंतिम तीन महीना जनवरी, फरवरी और मार्च के स्थान पर अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर में कर सके. राज्य सरकार ने पिछले दो वर्षों में निर्धारित ऋण उगाही के अंदर ही ऋण की उगाही की है.'' - तारकिशोर प्रसाद, उपमुख्यमंत्री, बिहार
बता दें कि है कि बिहार सरकार ने इस संदर्भ में केंद्रीय वित्त मंत्रालय से पत्राचार भी किया है. उपमुख्यमंत्री प्रसाद ने बताया कि उनके अनुरोध पर केंद्रीय वित्त मंत्री ने यथाआवश्यक कार्रवाई का भरोसा दिया है.