पटना: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) को लेकर जेडीयू ने 26 सीटों के लिए अपनी पहली सूची जारी कर दी है. हालांकि उम्मीदवारों की अभी भी घोषणा नहीं हुई है. वहीं स्टार प्रचारकों की लिस्ट बनाने की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष को दी गई है. बिहार में बीजेपी के सहयोग से सरकार चलाने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) यूपी में प्रचार करने के लिए जाएंगे या नहीं, इस पर पार्टी के शीर्ष नेता कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह (JDU President Lalan Singh) का कहना है कि बिहार में विकास के जो काम हुए हैं, उसकी चर्चा पूरे देश में हो रही है. उन्हीं काम की बदौलत हम लोग वहां प्रचार करेंगे लेकिन सीएम जाएंगे कि नहीं इस पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं.
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जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा भी कहते हैं कि उत्तर प्रदेश इकाई अपनी आवश्यकता बताएगी कि कहां किस नेता से प्रचार करवाना है, उसी हिसाब से आगे निर्णय होगा. वहीं, जेडीयू के कई मंत्री उत्तर प्रदेश में जाने के लिए तैयार बैठे हैं. यूपी से सटे कैमूर के चैनपुर से आने वाले मंत्री जमा खान ने पहले ही ऐलान कर रखा है कि पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी, हम लोग मर मिटने के लिए तैयार हैं. जबकि खाद्य आपूर्ति मंत्री लेसी सिंह का कहना है कि पार्टी जिम्मेदारी देगी तो जरूर चुनाव प्रचार करने जाएंगे.
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यूपी चुनाव में नीतीश के प्रचार पर संशय (Suspense on Election Campaign of Nitish in UP) को लेकर बिहार बीजेपी के प्रवक्ता विनोद शर्मा का कहना है नीतीश कुमार चुनाव प्रचार में जाएंगे या नहीं, ये उनकी पार्टी का मामला है. वे जा भी सकते हैं लेकिन बीजेपी ने हमेशा बड़ा दिल दिखाया है. जब उनकी पार्टी छोटी थी, तब भी उन्हें मुख्यमंत्री बनाया और अभी भी उनकी पार्टी छोटी है फिर भी बीजेपी ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाया है. लिहाजा उन्हें जरूर इस बारे में विचार करना चाहिए.
"नीतीश कुमार चुनाव प्रचार में जाएंगे या नहीं, ये उनकी पार्टी का मामला है. वे जा भी सकते हैं लेकिन बीजेपी ने हमेशा बड़ा दिल दिखाया है. जब उनकी पार्टी छोटी थी, तब भी उन्हें मुख्यमंत्री बनाया और अभी भी उनकी पार्टी छोटी है फिर भी बीजेपी ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाया है. लिहाजा उन्हें जरूर इस बारे में विचार करना चाहिए"- विनोद शर्मा, प्रवक्ता, बिहार बीजेपी
वहीं, इस बारे में आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने जेडीयू पर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि यूपी चुनाव में जेडीयू और बीजेपी में गठबंधन नहीं (No Alliance Between JDU and BJP in UP Election) होने के कारण जेडीयू ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान तो कर दिया है, लेकिन नीतीश कुमार को यह भी डर है कि अगर वह यूपी में बीजेपी के खिलाफ प्रचार करने जाएंगे तो बिहार में उनकी कुर्सी न खिसक जाए. वे कहते हैं कि वैसे भी वहां प्रचार करने का कोई फायदी नहीं है, क्योंकि यूपी में जेडीयू को 5 वोट भी नहीं आने वाला है.
"नीतीश कुमार को डर है कि कहीं यूपी चुनाव में गए तो बीजेपी बिहार में सत्ता से बेदखल ना कर दें. वैसे भी यूपी चुनाव में जाकर करेंगे क्या, 5 वोट तो आना नहीं है. पार्टी वहां चुनाव लड़ेगी लेकिन उसके सर्वमान्य नेता प्रचार करने भी नहीं जाएंगे, इसका क्या मतलब है"- मृत्युंजय तिवारी, प्रदेश प्रवक्ता, आरजेडी
वैसे तो जेडीयू पहले भी कई राज्यों में चुनाव लड़ी है और नीतीश कुमार चुनाव प्रचार की कमान भी संभाल दे रहे हैं लेकिन पिछले कुछ विधानसभा चुनावों की बात करें तो झारखंड विधानसभा चुनाव प्रचार में भी नीतीश कुमार के प्रचार में जाने की खूब चर्चा थी. उनके मित्र सरयू राय तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ चुनाव लड़ रहे थे. चर्चा थी कि नीतीश उनके प्रचार में जाएंगे लेकिन बीजेपी नाराज ना हो जाए, इसलिए अपना फैसला बदल लिया. वहीं, पिछले साल बंगाल में हुए चुनाव को लेकर भी यह चर्चा थी कि नीतीश प्रचार करेंगे. जेडीयू ने कुछ सीटों पर उम्मीदवार भी उतारा था लेकिन बीजेपी के शीर्ष नेताओं की नाराजगी से बचने के लिए नीतीश ने प्रचार करने का इरादा छोड़ दिया. अब उत्तर प्रदेश में बीजेपी से तालमेल नहीं हुआ है. जेडीयू ने चुनाव अपने दम पर लड़ने की घोषणा की है. ऐसे में देखना दिलचस्प है कि नीतीश इस बार उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार करते हैं या नहीं.
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