पटना: नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के 'दो-तीन महीने में सरकार गिर जाएगी' वाले बयान के बिहार की राजनीति में एक तरीके से खलबली मचा दी है. विपक्ष जहां उत्साहित दिख रहा है, सत्ता पक्ष आरजेडी पर हमलावर हो गया है. बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने ताबड़तोड़ 3 ट्वीट कर तेजस्वी पर निशाना साधा है.
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'राजद के राजकुमार के दावे में दम नहीं'
पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल से एक के बाद एक कुल 3 ट्वीट किये हैं. अपने पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा- "सत्ता के लिए बेचैन लालू प्रसाद का कुनबा ख्याली ख्वाब देख रहा है. राजनीति में बेदम राजद के राजकुमार के सरकार गिरने के दावे में कोई दम नहीं है. बिहार में एनडीए पूरी तरह से एकजुट और मजबूत है. राजद का मंसूबा कभी पूरा होने वाला नहीं है."
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1/1-सत्ता के लिए बेचैन लालू प्रसाद का कुनबा ख्याली ख्वाब देख रहा है। राजनीति में बेदम राजद के राजकुमार के सरकार गिरने के दावे में कोई दम नहीं है। बिहार में एनडीए पूरी तरह से एकजुट और मजबूत है। राजद का मंसूबा कभी पूरा होने वाला नहीं है।
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) June 26, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">1/1-सत्ता के लिए बेचैन लालू प्रसाद का कुनबा ख्याली ख्वाब देख रहा है। राजनीति में बेदम राजद के राजकुमार के सरकार गिरने के दावे में कोई दम नहीं है। बिहार में एनडीए पूरी तरह से एकजुट और मजबूत है। राजद का मंसूबा कभी पूरा होने वाला नहीं है।
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— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) June 26, 2021
'लालू को मुंह की खानी पड़ी'
बीजेपी नेता ने अपने दूसरे ट्वीट में लालू पर जोड़-तोड़ की राजनीति करने का आरोप लगाया. उन्होंने लिखा- "जोड़-तोड़ और तोड़-फोड़ की राजनीति में कभी माहिर रहे लालू यादव ने तो पिछले साल जेल में रहते हुए चुनाव परिणाम आने के ठीक बाद भाजपा के एक विधायक को प्रलोभन देकर तोड़ने की गंदी चाल चली, मगर उन्हें बुरी तरह मुंह की खानी पड़ी थी."
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1/2-जोड़-तोड़ और तोड़-फोड़ की राजनीति में कभी माहिर रहे लालू यादव ने तो पिछले साल जेल में रहते हुए चुनाव परिणाम आने के ठीक बाद भाजपा के एक विधायक को प्रलोभन देकर तोड़ने की गंदी चाल चली, मगर उन्हें बुरी तरह मुंह की खानी पड़ी थी।
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— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) June 26, 2021
अब 'खड़ाऊं सरकार' का जमाना नहीं
पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने अपनी तीसरे ट्वीट में लिखा- "राजद को अच्छी तरह समझ जाना चाहिए कि अब न 'खड़ाऊं सरकार' का जमाना है और न बिहार की जनता जनमत से किसी छेड़छाड़ को बर्दाश्त करने वाली है."
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1/3- राजद को अच्छी तरह समझ जाना चाहिए कि अब न 'खड़ाऊं सरकार' का जमाना है और न बिहार की जनता जनमत से किसी छेड़छाड़ को बर्दाश्त करने वाली है।
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— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) June 26, 2021
'सत्ता विलाप बंद नहीं होता'
इससे पहले जेडीयू ने भी तेजस्वी के दावों को आधारहीन बताया था. प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा- "लंबे समय बाद प्रवासी नेता बिहार की धरती पर आते हैं और आते ही अनाप-शनाप बोलना शुरू कर देते हैं. राजद के लोग बिहार सरकार के गिरने की बात लंबे समय से कह रहे हैं. जनता ने उन्हें सत्ता से बाहर कर दिया, लेकिन इनका सत्ता विलाप आज तक बंद नहीं हुआ है."
'तेजस्वी का बयान हास्यास्पद'
वहीं, बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता विनोद शर्मा ने इसे हास्यास्पद बताया. उन्होंने कहा- "तेजस्वी यादव दिन में सपने देख रहे हैं. राघोपुर की जनता उनसे नाराज थी, ऐसे में लोगों को भ्रमित करने के लिए वह इस तरह के बयान दे रहे हैं."
क्या कहा था तेजस्वी ने?
दरअसल आरजेडी नेता तेजस्वी यादव जब शुक्रवार को अपने विधानसभा क्षेत्र राघोपुर के दौरे पर थे, तभी वहां के लोग उन्हें अपनी समस्या बता रहे थे. इसी दौरान तेजस्वी ने कहा- "चिंता मत कीजिए, दो-तीन महीने में नीतीश कुमार की ये सरकार गिर जाएगी".
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हमलावर रहते हैं सुशील मोदी
आपको बताएं कि सुशील मोदी हमेशा से लालू यादव और उनके परिवार को लेकर हमलावर रहते हैं. बीजेपी और पूरे एनडीए खेमे से वे सबसे अधिक मुखर रहते हैं. याद करिए कि 2020 विधानसभा चुनाव के बाद कथित तौर पर लालू यादव का ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें वो एक बीजेपी विधायक को अपने साथ आने के लिए कह रहे हैं. तब भी सुशील मोदी ने ही इसे मीडिया में जारी किया था.
विधानसभा का गणित?
वैसे 243 (एक सीट खाली रखने के कारण फिलहाल 242) सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी-74, जेडीयू-44, हम- 4, वीआईपी-4 और एक निर्दलीय समेत एनडीए के पास 126 विधायक हैं. जबकि महागठबंधन के विधायकों की संख्या 110 है. जिनमें आरजेडी-75, कांग्रेस-19 और वाम दल के 16 एमएलए हैं. वहीं एमआईएमआईएम के 5 विधायक हैं.
तेजस्वी के दावे का आधार?
दरअसल पिछले कुछ समय से जीतनराम मांझी और मुकेश सहनी के बयानों से ये अटकलें लगाई जा रही हैं कि दोनों एनडीए में खुश नहीं है. ये भी चर्चा है कि दोनों नेता लालू यादव और आरजेडी के संपर्क में हैं. तेजस्वी को उम्मीद है कि दोनों आने वाले दिनों में महागठबंधन के साथ आ सकते हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में मांझी-सहनी तेजस्वी के साथ ही थे.
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कैसे बन सकती है सरकार?
अगर मांझी और सहनी एनडीए छोड़कर विरोधी खेमे में आ जाते हैं तो महागठबंधन का संख्या बल 110 से बढ़कर 118 हो जा जाएगा. उधर ओवैसी की पार्टी एमआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान पहले ही कह चुके हैं, वैसी कोई परिस्थिति बनी तो वे नई सरकार को समर्थन दे सकते हैं. इस तरह से तेजस्वी बहुमत का आंकड़ा छू लेंगे. अर्थात 123 विधायकों के साथ वे नई सरकार बना सकते हैं. हालांकि सहनी और मांझी अपनी नाराजगी के बावजूद एनडीए में बने रहने की भी बात करते रहते हैं.