पटना: राजधानी पटना के गांधी मैदान में चल रहे हैं पुस्तक मेला में रविवार के दिन भारत की साझी विरासत पर परिचर्चा का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम के बाद पत्रकार कुमार दिनेश की पुस्तक 'डबल इंजन की सरकार' का उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने विमोचन किया.
भारत की साझी विरासत पर परिचर्चा में आपदा प्राधिकरण के उपाध्यक्ष व्यास जी, चर्चित कवि मदन कश्यप और समाजशास्त्री प्रोफेसर रघुनंदन शर्मा ने भारत की साझी विरासत पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि जब हम एक दूसरे की संस्कृतियों से जुड़ते हैं, तब हमारा विस्तार होता है. हमारा मानसिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विकास होता है.
'डबल इंजन की सरकार'
वरिष्ठ पत्रकार कुमार दिनेश की लिखित पुस्तक डबल इंजन की सरकार का उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने तुलसी सभागार में विमोचन किया. इस मौके पर मंच पर लेखक वरिष्ठ पत्रकार कुमार दिनेश के अलावा कई प्रख्यात पत्रकार भी मौजूद रहे. अपने संबोधन में उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि पुस्तक डबल इंजन की सरकार में बिहार में एनडीए शासन पर लेखक कुमार दिनेश ने लिखा है और इस पुस्तक में जो कुछ भी लिखा गया है. वह लेखक के अपने विचार हैं. उन्होंने कहा कि वह पुस्तक पढ़ने के बाद देखेंगे. कई मुद्दों पर उनके विचार लेखक से भिन्न ने भी हो सकते हैं.
अस्थिर सरकार से विकास नहीं होता- सुशील मोदी
सुशील मोदी ने कहा कि अस्थिर सरकार से राज्य में विकास नहीं होता है. उन्होंने कहा कि 1961 तक जब तक श्री कृष्ण बाबू की सरकार थी. तब तक राज्य का विकास हुआ. उन्होंने एक स्थाई सरकार चलाई. लेकिन उसके बाद से 1990 तक बिहार में 28 मुख्यमंत्री बने. कोई 3 दिन बना, कोई 4 दिन रहा और कोई 3 महीने. उन्होंने कहा कि जब बिहार के विकास का स्टैटिक देखेंगे. तब पता चलेगा कि आजादी से लेकर 1961 तक राज्य में विकास हुआ फिर 2005 के बाद से.
सुशील मोदी ने कहा कि स्थिर सरकार में विकास हो ही नहीं सकता और 1980 से 90 तक पूर्ण बहुमत में होने के बावजूद कांग्रेस ने स्थिर सरकार नहीं दिया. 10 वर्षों में पांच मुख्यमंत्री बदले गए. मुख्यमंत्री बनने के अगले दिन से ही कांग्रेसी मुख्यमंत्री को पद से हटाने में लग जाते थे. ऐसे में मुख्यमंत्री विकास करें या फिर अपनी कुर्सी बचाते. सुशील मोदी ने कहा कि साल 2013 में कुछ कारणों से राज्य में सत्ता की अस्थिरता आई थी उस वक्त बिहार में विकास काफी प्रभावित हुआ था.
क्या बोले लेखक...
पुस्तक के लेखक कुमार दिनेश ने बताया कि इस पुस्तक में उन्होंने बिहार में गठबंधन शासन के दौर पर अपना ध्यान आकृष्ट किया है. किस तरह 1995 में राजद को पूर्ण बहुमत नहीं आने के बाद कांग्रेस ने अपने 34 के 34 विधायकों को मंत्री बनवा दिया था. उसके बाद से बिहार में भाजपा और जदयू की गठबंधन कैसे चली इस पर भी पुस्तक में लिखा गया है. उन्होंने कहा कि अपनी पुस्तक में एक आलेख में उन्होंने यह भी जिक्र किया है कि जिस प्रकार 30 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद यूपी में किसी एक दल की पूर्ण बहुमत की सरकार बनती है. उसी प्रकार बिहार में भी कभी ऐसा होगा कि एक दल की पूर्ण बहुमत की सरकार होगी, जिससे बिहार का विकास तेजी से हो.