पटना: बिहार में महागठबंधन की सरकार (Mahagathbandhan Government in Bihar) बन गई है. नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने शपथ ले ली है. शपथ ग्रहण करने के बाद तेजस्वी यादव जब राजभवन से बाहर निकले तो समर्थकों के हुजूम (Supporters Gathered After Tejashwi Yadav Oath ) ने तेजस्वी यादव की गाड़ी को घेर लिया और उनके पक्ष में नारे लगाने लगे. तेजस्वी यादव ने भी समर्थकों का अभिवादन स्वीकार किया. गाड़ी के रूफटॉप को खोलकर बाहर निकले और सभी समर्थकों का आभार जताया.
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तेजस्वी यादव ने समर्थकों का जताया आभार: इस दौरान तेजस्वी यादव ने इशारों में 10 सर्कुलर रोड पहुंचने की बात कही. इस दौरान सभी समर्थक पूरे उत्साह से तेजस्वी यादव जिंदाबाद और लालू राबड़ी जिंदाबाद जैसे नारे लगाते दिखे. तेजस्वी यादव लगभग 1 मिनट तक बाहर रहे और समर्थकों का उत्साह को बढ़ाया.
तेज प्रताप ने गाड़ी से बाहर निकलकर समर्थकों का बढ़ाया हौसला: तेजस्वी यादव के बाद जब तेज प्रताप यादव की गाड़ी उनके पीछे निकली तो तेज प्रताप यादव की इनोवा गाड़ी में रूफटॉप नहीं था. तेज प्रताप गाड़ी का गेट खोल कर गाड़ी से बाहर निकलते हुए खड़े हुए और समर्थकों का उत्साह बढ़ाया. इस दौरान तेज तेजस्वी जिंदाबाद के खूब नारे लगे. तेज प्रताप यादव इस दौरान हरी टोपी पहने नजर आए और कार्यकर्ताओं का खूब जोश बढ़ाया. लगभग आधे मिनट तक तेज प्रताप यादव गाड़ी से बाहर रहे और फिर राबड़ी आवास के लिए निकल गए.
समर्थक हुए गदगद: तेज प्रताप और तेजस्वी द्वारा गाड़ी से बाहर निकल कर समर्थकों का अभिवादन किए जाने के बाद समर्थक काफी उत्साहित नजर आए और उनके चेहरे पर इसकी प्रसन्नता साफ दिखी. सभी समर्थक इस बात से उत्साहित है कि उनके नेता ने उनका मान रखा और इतनी भीड़ के बावजूद गाड़ी से बाहर निकल कर सभी का अभिवादन किया और उनके समर्थन के प्रति आभार जताया.
उपमुख्यमंत्री बने तेजस्वी: वहीं, तेजस्वी यादव 22 नवंबर, 2015 में पहली बार बिहार के उप मुख्यमंत्री बने थे, जब नीतीश कुमार एनडीए से निकलकर महागठबंधन में शामिल हो गए थे और महागठबंधन को विधानसभा चुनाव में जबरदस्त जीत मिली थी. नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार में तेजस्वी उप मुख्यमंत्री बने थे और आज एक बार फिर से दूसरी बार उप मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं. वैसे मंत्रिमंडल का विस्तार बाद में होगा.
जल्द ही विधानसभा का सत्र बुलाया जाएगा-नीतीश: शपथ ग्रहण के बाद नीतीश कुमार ने साफ किया कि 2020 के विधानसभा चुनाव के बाद वह सीएम नहीं बनना चाहते थे लेकिन बीजेपी के शीर्ष नेता चाहते थे कि मैं ही मुख्यमंत्री बनूं. नीतीश ने कहा कि बाद के दिनों में बीजेपी का दबाव बढ़ता जा रहा था. उस माहौल में काम करना मुश्किल हो गया था. जिस वजह से हमें ये फैसला लेना पड़ा. मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद मीडिया से बातचीत में नीतीश कुमार ने कहा कि अब जल्द ही विधानसभा का सत्र बुलाया जाएगा और मंत्रियों का शपथ ग्रहण भी जल्द से जल्द होगा. हम समय आने पर जनता को सब कुछ बता देंगे. बीजेपी के साथ जाने पर हमारी सीटें कम हुईं थी.