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पटना में बनेगा आंखों का सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, ये होंगी सुविधाएं - Patna

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने अपने संबोधन में कहा कि अब किसी भी मरीज को आंखों के ऑपरेशन और इलाज के लिए बाहर जाने की आवश्यकता नहीं होगी. साथ ही डॉक्टरों से अपील की कि आइजीआइएमएस से कोई भी मरीज लौट नहीं पाए, इसका अनुपालन होना चाहिए.

जेपी नड्डा
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Published : Mar 2, 2019, 5:49 PM IST

पटना: राजधानी पटना के आइजीआइएमएस अस्पताल में शनिवार को आंखों का विश्वस्तरीय अस्पताल का शिलान्यास किया गया. इस मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि अब किसी भी मरीज को आंखों के ऑपरेशन और इलाज के लिए बाहर जाने की आवश्यकता नहीं होगी.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने अपने संबोधन में कहा कि अब किसी भी मरीज को आंखों के ऑपरेशन और इलाज के लिए बाहर जाने की आवश्यकता नहीं होगी. साथ ही डॉक्टरों से अपील की कि आइजीआइएमएस से कोई भी मरीज लौट नहीं पाए, इसका अनुपालन होना चाहिए.

जेपी नड्डा लोगों को संबोधित करते हुए.

'अच्छे दिन आने वाले नहीं हैं, बल्कि आ गए हैं'
उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की सेवा अमूल्य होती है, इसलिए डॉक्टर सेवा भाव से मन लगाकर काम करें. इस दौरान जेपी नड्डा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत और अनिय अभियानों की बात की. उन्होंने कहा कि अच्छे दिन आने वाले नहीं हैं, बल्कि आ गए हैं.

स्वास्थ्य के सुधार में लगी है सरकार
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत अब बदल गया है. पूरे प्रदेशभर में कई मेडिकल कॉलेज खुल रहे हैं. आए दिन स्वास्थ्य में सुधार को लेकर सरकार कई नए-नए प्रयोग कर रही है. 'आयुष्मान भारत योजना' गरीबों के लिए अब तक का सबसे अच्छा और बेहतर स्वास्थ सुधारात्मक प्रयोग हैं, जो अब तक किसी सरकार ने नहीं की.

3 सालों में कैंसर से एक भी मरीज की नहीं हुई मौत
कार्यक्रम में मौजूद डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कहा कि पिछले सालों में कैंसर और टीवी के मरीजों की मृत्यु दर अधिक थी, लेकिन पिछले तीन सालों से आंकड़ों को देख लीजिए एक भी कैंसर मरीजों की मौत नहीं हुई है.

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कई गणमान्य रहे मौजूद
इस अवसर पर केंद्रीय राज्य स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी चौबे, बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे, प्रधान सचिव संजय कुमार सहित आइजीआइएमएस के अधिकारी चिकित्सकों ने शिरकत की.

178 करोड़ की राशि स्वीकृत
केंद्र सरकार ने आइजीआइएमएस के क्षेत्रीय चक्षु संस्थान के लिए 178 करोड़ की परियोजना को स्वीकृति दी है. इसके तहत केंद्र ने 60 फीसद राशि अपनी ओर से स्वीकृत की है, वहीं 40 फीसद राज्य सरकार देगी.

संस्थान में होंगी ये सुविधाएं
यह संस्थान तीन वर्षों में तैयार हो जाएगा. इसके लिए आईजीआईएमएस में पांच मंजिला एक अलग भवन तैयार होगा, जो 17 हजार वर्गफीट में फैला होगा. इसमें आंख के पांच सुपर स्पेशियलिटी विभाग खुलेंगे. मरीजों को आंखों की सभी बीमारियों का इलाज एक छत के नीचे ही मिल जाएगा. इस संस्थान के लिए 2012 से प्रक्रिया चल रही थी, राज्य सरकार की पदवर्ग समिति ने फैकल्टी के 32 पदों की स्वीकृति भी दे दी है.

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चश्मा हटाने से लेकर गंभीर कैंसर का भी इलाज
सुपरस्पेशियलिटी सेंटर तैयार होने के बाद आइजीआइएमएस में अत्याधुनिक तकनीक से इलाज के बाद वैसे लोगों को चश्मे से मुक्ति मिलेगी, जो नजर कमजोर के कारण इसे लगाते हैं. वर्तमान में यह सुविधा अस्पताल में नहीं है. आंखों के गंभीर कैंसर का भी उपचार व जांच सुपर-स्पेशियलिटी सेंटर में हो सकेगा.

6 मॉड्यूलर ओटी बनेंगे
नए सेंटर में छह मॉड्यूलर ओटी तैयार होंगे. इसमें लेसिक लेजर, फ्रेमेटोलेजर, ओसीटी एंजियो सहित अन्य अत्याधुनिक उपकरण भी लगाए जाएंगे. इससे सभी तरह के ऑपरेशन की भी सुविधा हो जाएगी.

24 घंटे इमरजेंसी की सुविधा
आंखों में किसी प्रकार की परेशानी को लेकर इस केंद्र में 24 घंटे इमरजेंसी की सुविधा उपलब्ध होगी. इस संस्थान के लिए 32 फैकल्टी के अतिरिक्त लगभग 100 से अधिक जूनियर व रेसिडेंट चिकित्सक उपलब्ध होंगे. वर्तमान में आइजीआइएमएस में प्रति वर्ष 75 हजार लोगों का इलाज हो रहा है. नए सेंटर में डेढ़ लाख मरीजों का इलाज संभव होगा.

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सुपरस्पेशिलिटी हॉस्पिटल में सुविधा:

  • यूविया : इसमें आंख बार-बार लाल हो जाती है.
  • कॉर्निया : इसमें परेशानी होने पर आंखों की रोशनी कम हो जाती है. नए तकनीक से चश्मा उतारने की भी सुविधा आरंभ हो जाएगी.
  • ऑक्यूलोप्लास्टी : इसमें आंखों के कैंसर के इलाज की सुविधा होगी.
  • ग्लूकोमा : इसमें गंभीर मोतियाबिंद का सभी तरह का उपचार होगा.
  • न्यूरो ऑप्थेल्मोलॉजी : इसमें आंखों की नस में परेशानी से संबंधित सभी तरह के उपचार होंगे.

पटना: राजधानी पटना के आइजीआइएमएस अस्पताल में शनिवार को आंखों का विश्वस्तरीय अस्पताल का शिलान्यास किया गया. इस मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि अब किसी भी मरीज को आंखों के ऑपरेशन और इलाज के लिए बाहर जाने की आवश्यकता नहीं होगी.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने अपने संबोधन में कहा कि अब किसी भी मरीज को आंखों के ऑपरेशन और इलाज के लिए बाहर जाने की आवश्यकता नहीं होगी. साथ ही डॉक्टरों से अपील की कि आइजीआइएमएस से कोई भी मरीज लौट नहीं पाए, इसका अनुपालन होना चाहिए.

जेपी नड्डा लोगों को संबोधित करते हुए.

'अच्छे दिन आने वाले नहीं हैं, बल्कि आ गए हैं'
उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की सेवा अमूल्य होती है, इसलिए डॉक्टर सेवा भाव से मन लगाकर काम करें. इस दौरान जेपी नड्डा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत और अनिय अभियानों की बात की. उन्होंने कहा कि अच्छे दिन आने वाले नहीं हैं, बल्कि आ गए हैं.

स्वास्थ्य के सुधार में लगी है सरकार
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत अब बदल गया है. पूरे प्रदेशभर में कई मेडिकल कॉलेज खुल रहे हैं. आए दिन स्वास्थ्य में सुधार को लेकर सरकार कई नए-नए प्रयोग कर रही है. 'आयुष्मान भारत योजना' गरीबों के लिए अब तक का सबसे अच्छा और बेहतर स्वास्थ सुधारात्मक प्रयोग हैं, जो अब तक किसी सरकार ने नहीं की.

3 सालों में कैंसर से एक भी मरीज की नहीं हुई मौत
कार्यक्रम में मौजूद डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कहा कि पिछले सालों में कैंसर और टीवी के मरीजों की मृत्यु दर अधिक थी, लेकिन पिछले तीन सालों से आंकड़ों को देख लीजिए एक भी कैंसर मरीजों की मौत नहीं हुई है.

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कई गणमान्य रहे मौजूद
इस अवसर पर केंद्रीय राज्य स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी चौबे, बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे, प्रधान सचिव संजय कुमार सहित आइजीआइएमएस के अधिकारी चिकित्सकों ने शिरकत की.

178 करोड़ की राशि स्वीकृत
केंद्र सरकार ने आइजीआइएमएस के क्षेत्रीय चक्षु संस्थान के लिए 178 करोड़ की परियोजना को स्वीकृति दी है. इसके तहत केंद्र ने 60 फीसद राशि अपनी ओर से स्वीकृत की है, वहीं 40 फीसद राज्य सरकार देगी.

संस्थान में होंगी ये सुविधाएं
यह संस्थान तीन वर्षों में तैयार हो जाएगा. इसके लिए आईजीआईएमएस में पांच मंजिला एक अलग भवन तैयार होगा, जो 17 हजार वर्गफीट में फैला होगा. इसमें आंख के पांच सुपर स्पेशियलिटी विभाग खुलेंगे. मरीजों को आंखों की सभी बीमारियों का इलाज एक छत के नीचे ही मिल जाएगा. इस संस्थान के लिए 2012 से प्रक्रिया चल रही थी, राज्य सरकार की पदवर्ग समिति ने फैकल्टी के 32 पदों की स्वीकृति भी दे दी है.

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चश्मा हटाने से लेकर गंभीर कैंसर का भी इलाज
सुपरस्पेशियलिटी सेंटर तैयार होने के बाद आइजीआइएमएस में अत्याधुनिक तकनीक से इलाज के बाद वैसे लोगों को चश्मे से मुक्ति मिलेगी, जो नजर कमजोर के कारण इसे लगाते हैं. वर्तमान में यह सुविधा अस्पताल में नहीं है. आंखों के गंभीर कैंसर का भी उपचार व जांच सुपर-स्पेशियलिटी सेंटर में हो सकेगा.

6 मॉड्यूलर ओटी बनेंगे
नए सेंटर में छह मॉड्यूलर ओटी तैयार होंगे. इसमें लेसिक लेजर, फ्रेमेटोलेजर, ओसीटी एंजियो सहित अन्य अत्याधुनिक उपकरण भी लगाए जाएंगे. इससे सभी तरह के ऑपरेशन की भी सुविधा हो जाएगी.

24 घंटे इमरजेंसी की सुविधा
आंखों में किसी प्रकार की परेशानी को लेकर इस केंद्र में 24 घंटे इमरजेंसी की सुविधा उपलब्ध होगी. इस संस्थान के लिए 32 फैकल्टी के अतिरिक्त लगभग 100 से अधिक जूनियर व रेसिडेंट चिकित्सक उपलब्ध होंगे. वर्तमान में आइजीआइएमएस में प्रति वर्ष 75 हजार लोगों का इलाज हो रहा है. नए सेंटर में डेढ़ लाख मरीजों का इलाज संभव होगा.

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सुपरस्पेशिलिटी हॉस्पिटल में सुविधा:

  • यूविया : इसमें आंख बार-बार लाल हो जाती है.
  • कॉर्निया : इसमें परेशानी होने पर आंखों की रोशनी कम हो जाती है. नए तकनीक से चश्मा उतारने की भी सुविधा आरंभ हो जाएगी.
  • ऑक्यूलोप्लास्टी : इसमें आंखों के कैंसर के इलाज की सुविधा होगी.
  • ग्लूकोमा : इसमें गंभीर मोतियाबिंद का सभी तरह का उपचार होगा.
  • न्यूरो ऑप्थेल्मोलॉजी : इसमें आंखों की नस में परेशानी से संबंधित सभी तरह के उपचार होंगे.
Intro:पटना में बन रहा है पूर्वी भारत का पहला आंखों का सुपर स्पेशलिटी अस्पताल

राजधानी पटना के आईजीआईएमएस अस्पताल में आज आंखों का विश्वस्तरीय अस्पताल का शिलान्यास किया गया है, मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, केंद्रीय राज्य स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी चौबे, बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे, प्रधान सचिव संजय कुमार समेत आईजीआईएमएस के अधिकारी चिकित्सक, शिरकत किए
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने सभा को संबोधन में कहा कि अब किसी भी मरीज को आंखों के ऑपरेशन और इलाज के लिए बाहर जाने की आवश्यकता नहीं होगी, वहीं डॉक्टरों से उन्होंने अपील किया कि आईजीआईएमएस से कोई भी मरीज लौट नहीं पाए इसका बेहद अनुपालन होना चाहिए ,डॉक्टरों की सेवा अमूल्य होती है इसलिए डॉक्टर सेवा भाव से मन लगाकर काम करें वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अभियान पर कहा कि बदलता भारत और स्वच्छ भारत को लेकर कई बात की चर्चा की उन्होंने कहा कि अच्छे दिन आने वाले नहीं बल्कि अच्छे दिन आ गए हैं भारत अब बदल गया है पूरे प्रदेश भर में कई मेडिकल कॉलेज खुल रहे हैं आए दिन स्वास्थ्य में सुधार को लेकर सरकार कई नये प्रयोग कर रहे हैं, आयुष्मान भारत योजना गरीबों के लिए अब तक का सबसे अच्छा और बेहतर स्वास्थ सुधारात्मक प्रयोग किए गए हैं जो अब तक किसी सरकारों ने नहीं की है, सुशील मोदी ने कहा कि पिछले सालों में कैंसर और टीवी के मरीजों केमृत्यु दर आधिक था लेकिन पिछले 3 सालों से आंकड़ों को देख लीजिए एक भी कैंसर मरीजों की मौत कि संख्या नहीं है


Body:आंखों की गंभीर बीमारियों के लिए भी अब राज्य के मरीजों को दूसरे प्रदेशों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। केंद्र सरकार ने इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (आइजीआइएमएस) के क्षेत्रीय चक्षु संस्थान के लिए 178 करोड़ की परियोजना को स्वीकृति दी है। इसके तहत केंद्र ने 60 फीसद राशि अपनी ओर से स्वीकृत करते हुए 40 फीसद के लिए राज्य सरकार देगी, यह संस्थान तीन वर्षो में तैयार हो जाएगा। इसके लिए आइजीआइएमएस में पांच तल का एक अलग भवन तैयार होगा जो 17 हजार वर्गफीट में फैला होगा। इसमें आंख के पांच सुपरस्पेशियलिटी विभाग खुलेंगे। मरीजों को आंख की सभी बीमारियों का इलाज एक छत के नीचे ही मिल जाएगा। इस संस्थान के लिए वर्ष 2012 से प्रक्रिया चल रही थी। राज्य सरकार की पदवर्ग समिति ने फैकल्टी के 32 पदों की स्वीकृति भी दे दी है।


चश्मा हटाने से लेकर गंभीर कैंसर का भी इलाज :
सुपरस्पेशियलिटी सेंटर तैयार होने के बाद आइजीआइएमएस में अत्याधुनिक तकनीक से इलाज के बाद वैसे लोगों को चश्मे से मुक्ति मिलेगी जो नजर कमजोर के कारण इसे लगाते हैं। वर्तमान में यह सुविधा अस्पताल में नहीं है। आंखों के गंभीर कैंसर का भी उपचार व जांच सुपर-स्पेशियलिटी सेंटर में हो सकेगा।
: बनेंगे आधा दर्जन मॉड्यूलर ओटी :
नए सेंटर में आधा दर्जन मॉड्यूलर ओटी तैयार होंगे। इसमें लेसिक लेजर, फ्रेमेटोलेजर, ओसीटी एंजियो सहित अन्य अत्याधुनिक उपकरण भी लगाए जाएंगे। इससे सभी तरह के ऑपरेशन की भी सुविधा हो जाएगी।

: 24 घंटे इमरजेंसी की सुविधा :
आंखों में किसी प्रकार की परेशानी को लेकर इस केंद्र में 24 घंटे इमरजेंसी की सुविधा उपलब्ध होगी। इस संस्थान के लिए 32 फैकल्टी के अतिरिक्त लगभग 100 से अधिक जूनियर व रेसिडेंट चिकित्सक उपलब्ध होंगे। वर्तमान में आइजीआइएमएस में प्रति वर्ष 75 हजार लोगों का इलाज हो रहा है। नए सेंटर में डेढ़ लाख मरीजों की इलाज संभव होगा।



Conclusion: ये होंगे सुपरस्पेशिलिटी विभाग :---
यूविया : इसमें आंख बार-बार लाल हो जाती है।
कॉर्निया : इसमें परेशानी होने पर आंखों की रोशनी कम हो जाती हैं। नए तकनीक से चश्मा उतारने की भी सुविधा आरंभ हो जाएगी।
ऑक्यूलोप्लास्टी : इसमें आंखों के कैंसर के इलाज की सुविधा होगी।
ग्लूकोमा : इसमें गंभीर मोतियाबिंद का सभी तरह का उपचार होगा।
न्यूरो ऑप्थेल्मोलॉजी : इसमें आंखों की नस में परेशानी से संबंधित सभी तरह के उपचार होंगे।


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