पटना: कोरोना काल में राज्य सरकार ( Nitish Government) ने सूबे के सभी राशन धारकों ( Ration Card Holder ) को मुफ्त में राशन ( Free Ration) मुहैया कराने का वादा किया था. जिसके तहत राशन कार्ड धारकों को राशन वितरण किया जा रहा है. लेकिन इन राशन की क्वालिटी बेहद घटिया है.
राजधानी पटना के सैदपुर इलाके में एक पीडीएस दुकान (PDS Shop) से राशन लेने वाले लोगों ने सरकारी राशन की क्वालिटी के बारे में जो कहा वह सरकारी लापरवाही की हकीकत बयान करता है.
घटिया क्वालिटी की राशन कराई जा रही मुहैया
लोगों की दी जाने वाली गेहूं में घुन लगी हुई है. जबकि चावल की क्वालिटी बेहद ही खराब है. चावल सड़े हुए हैं. चावल के दानों पर काले धब्बे पड़ गये हैं.
क्या कहते हैं स्थानीय
स्थानीय लोगों ने सरकारी राशन को लेकर कहा कि जो अनाज सरकार मुफ्त में गरीबों के बीच बांट रही है. वह इंसान तो क्या जानवरों के खाने के लायक भी नहीं है. उन्होंने कहा कि काम नहीं मिलने पर इस राशन से किसी तरह पेट भर रहे हैं. नहीं तो यह राशन खाने लायक नहीं है.
स्थानीय राशन कार्ड धारक काजल कुमारी कहती हैं कि राशन कभी-कभार ही ठीक मिलता है. चावल की क्वालिटी बेहद घटिया है. किसी तरह छांट कर खा रहे हैं. वहीं, एक और राशन धारक ने कहा कि राशन की क्वालिटी ठीक नहीं रहता है. चावल में कीड़े रहते हैं.
'पीडीएस दुकानदार से कई बार शिकायत की है. इस पर वो कहते हैं कि जो सरकार देती है वह हम आपको दे रहे हैं'.- प्रीति देवी, उपभोक्ता
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क्या कहते हैं पीडीएस दुकानदार
राशन क्वालिटी को लेकर पीडीएस दुकानदार ने कहा कि राशन की क्वालिटी अच्छी नहीं रहती है. यह बात सही है. उन्होंने कहा कि मुझे जो राशन गोदाम से मिलता है. उसे ही कार्ड धारकों के बीच वितरण करते हैं.
'राशन की क्वालिटी अच्छी नहीं रहती है. क्या करें जो गोदाम से मिलता है. वह हम लोगों के बीच बांटते हैं. राशन की क्वालिटी को लेकर पदाधिकारी को शिकायत करने वाले हैं'.- अजय चौधरी, पीडीएस दुकानदार
राज्य में 1.75 करोड़ राशनकार्ड धारक
बता दें कि बिहार में लगभग 1 करोड़ 75 लाख राशन कार्ड धारक हैं. 50 हजार जन वितरण प्रणाली की दुकान है. प्रतिमाह 4 लाख मीट्रिक टन अनाज का इन दुकानों के माध्यम से वितरण किया जाता है.