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Patna News: सैकड़ों बच्चे जमीन पर बैठकर करते हैं पढ़ाई, जांच करने पहुंची SDM ने दिए दिशा निर्देश - संस्कृत मध्य विद्यालय

बिहार में शिक्षा में सुधार के लिए सरकार भले ही लाख दावे करती हो मगर इन दावों की जमीनी हकीकत को आइना दिखा रहा है. नगर मुख्यालय मसौढ़ी के संस्कृत मध्य विद्यालय की तस्वीर सामने आई है, जहां पर आज भी सैकड़ों बच्चे जमीन पर बैठकर अपनी पढ़ाई करते हैं. आगे पढ़ें पूरी खबर...

मसौढ़ी में संस्कृत मध्य विद्यालय
मसौढ़ी में संस्कृत मध्य विद्यालय
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Published : May 27, 2023, 4:01 PM IST

पटना: पटना से सटे नगर मुख्यालय मसौढ़ी के संस्कृत मध्य विद्यालय में तकरीबन 1000 से अधिक छात्र-छात्राओं पठन-पाठन होता है. इन सब के बीच सैकड़ों बच्चे जमीन पर दरी बिछाकर पढ़ाई करते हैं. मसौढ़ी की नवपदस्थापित एसडीएम प्रीति कुमारी को इस बात की सूचना मिलने पर वह स्कूल में जांच के लिए पहुंची, जहां पर जमीन पर बैठकर पढ़ने वाले छात्र छात्राओं को देखकर आश्चर्यचकित रह गईं. उन्होंने कहा कि आज भी मसौढ़ी जैसे शहर के छात्र जमीन पर बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं. उन्होंने जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिखकर संसाधन बढ़ाने की गुजारिश की है.

पढ़ें-VIDEO: ये हैं बिहार की नवाबी टीचर! क्लास रूम में आराम फरमाती हैं मैडम, छात्राओं से झलवाती हैं पंखे

विद्यालय में एक हजार छात्र-छात्राएं: संस्कृत मध्य विद्यालय के प्रधानाचार्य ब्रजकिशोर सिंह ने कहा कि हमारे यहां एक हजार छात्र-छात्रा हैं और कक्षा 1, 2,7 और 6 कक्षा तक के बच्चों को बैठने के लिए जगह नहीं है. ऐसे में जमीन पर बैठा कर ही पढ़ाई की जाती है. स्कूल व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए नवपदस्थापित एसडीएम प्रीति कुमारी विभिन्न स्कूलों की लगातार जांच कर रही है. ऐसे में संस्कृत मध्य विद्यालय की जांच करने पहुंची एसडीएम ने देखा कि सैकड़ों बच्चे जमीन पर बोरा बिछा कर पढ़ाई कर रहे हैं.

"जब मैं संस्कृत मध्य विद्यालय की जांच करने पहुंची तो देखा कि सैकड़ों बच्चे जमीन पर बोरा बिछा कर पढ़ाई कर रहे हैं. आज भी मसौढ़ी जैसे शहर के छात्र जमीन पर बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं. जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिखकर संसाधन बढ़ाने की गुजारिश की है." -प्रिती कुमारी, एसडीएम, मसौढ़ी

जिला शिक्षा पदाधिकारी को लिखा पत्र: ऐसे में स्कूल के प्रधानाचार्य से स्कूल के सिस्टम का जायजा लेते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिखकर स्कूल की व्यवस्था को सुदृढ़ करने की बात कही है. स्कूलों में कई तरह के संसाधनों का अभाव था. साफ-सफाई और पठन-पाठन को ठीक करने का निर्देश दिया गया है. वहीं स्कूल के सभी शिक्षकों को चेतावनी देते हुए कहा गया है कि पठन-पाठन में अगर अनुपस्थिति होती है तो उन पर कार्रवाई होगी.

''हमारे यहां एक हजार छात्र-छात्रा हैं और कक्षा 1, 2, 6 और 7 कक्षा तक के बच्चों को बैठने के लिए जगह नहीं है. ऐसे में जमीन पर बैठा कर ही पढ़ाई कराई जाती है. स्कूल में कई तरह के संसाधनों का अभाव है."- ब्रजकिशोर सिंह, प्रधानाचार्य, संस्कृत मध्य विद्यालय

पटना: पटना से सटे नगर मुख्यालय मसौढ़ी के संस्कृत मध्य विद्यालय में तकरीबन 1000 से अधिक छात्र-छात्राओं पठन-पाठन होता है. इन सब के बीच सैकड़ों बच्चे जमीन पर दरी बिछाकर पढ़ाई करते हैं. मसौढ़ी की नवपदस्थापित एसडीएम प्रीति कुमारी को इस बात की सूचना मिलने पर वह स्कूल में जांच के लिए पहुंची, जहां पर जमीन पर बैठकर पढ़ने वाले छात्र छात्राओं को देखकर आश्चर्यचकित रह गईं. उन्होंने कहा कि आज भी मसौढ़ी जैसे शहर के छात्र जमीन पर बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं. उन्होंने जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिखकर संसाधन बढ़ाने की गुजारिश की है.

पढ़ें-VIDEO: ये हैं बिहार की नवाबी टीचर! क्लास रूम में आराम फरमाती हैं मैडम, छात्राओं से झलवाती हैं पंखे

विद्यालय में एक हजार छात्र-छात्राएं: संस्कृत मध्य विद्यालय के प्रधानाचार्य ब्रजकिशोर सिंह ने कहा कि हमारे यहां एक हजार छात्र-छात्रा हैं और कक्षा 1, 2,7 और 6 कक्षा तक के बच्चों को बैठने के लिए जगह नहीं है. ऐसे में जमीन पर बैठा कर ही पढ़ाई की जाती है. स्कूल व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए नवपदस्थापित एसडीएम प्रीति कुमारी विभिन्न स्कूलों की लगातार जांच कर रही है. ऐसे में संस्कृत मध्य विद्यालय की जांच करने पहुंची एसडीएम ने देखा कि सैकड़ों बच्चे जमीन पर बोरा बिछा कर पढ़ाई कर रहे हैं.

"जब मैं संस्कृत मध्य विद्यालय की जांच करने पहुंची तो देखा कि सैकड़ों बच्चे जमीन पर बोरा बिछा कर पढ़ाई कर रहे हैं. आज भी मसौढ़ी जैसे शहर के छात्र जमीन पर बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं. जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिखकर संसाधन बढ़ाने की गुजारिश की है." -प्रिती कुमारी, एसडीएम, मसौढ़ी

जिला शिक्षा पदाधिकारी को लिखा पत्र: ऐसे में स्कूल के प्रधानाचार्य से स्कूल के सिस्टम का जायजा लेते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिखकर स्कूल की व्यवस्था को सुदृढ़ करने की बात कही है. स्कूलों में कई तरह के संसाधनों का अभाव था. साफ-सफाई और पठन-पाठन को ठीक करने का निर्देश दिया गया है. वहीं स्कूल के सभी शिक्षकों को चेतावनी देते हुए कहा गया है कि पठन-पाठन में अगर अनुपस्थिति होती है तो उन पर कार्रवाई होगी.

''हमारे यहां एक हजार छात्र-छात्रा हैं और कक्षा 1, 2, 6 और 7 कक्षा तक के बच्चों को बैठने के लिए जगह नहीं है. ऐसे में जमीन पर बैठा कर ही पढ़ाई कराई जाती है. स्कूल में कई तरह के संसाधनों का अभाव है."- ब्रजकिशोर सिंह, प्रधानाचार्य, संस्कृत मध्य विद्यालय

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