कोटा/पटना: बिहार सरकार ने अपने बच्चों को कोटा से ले जाने से मना कर दिया. इसके बाद कोटा में इन बच्चों ने अनशन शुरू कर दिया है. छात्रों ने अनशन अपने हॉस्टल में रखा है. इन छात्रों की मांग है कि जिस तरह से अन्य राज्य के छात्रों को उनके गृह जिलों तक पहुंचा दिया गया है, तो बिहार की नीतीश सरकार ऐसा क्यों नहीं कर रही है?
छात्रों का कहना है कि वे हर मंच पर आवेदन, निवेदन और प्रार्थना कर चुके हैं. अब थक हार कर अनशन की राह उन्हें अपनाने को मजबूर होना पड़ा है. साथ ही हाथों में बैनर लेकर में बिहार सरकार से घर बुलाने के लिए भी निवेदन कर रहे हैं.
गूंगी, बहरी हो चुकी है बिहार सरकार
बता दें कि कोटा के कोचिंग संस्थानों में पढ़ रहे यूपी, एमपी, उत्तराखंड, गुजरात के साथ दो यूनियन टेरिटरी के बच्चे अपने गृह जिलों की तरफ लौट गए हैं. असम के बच्चों की भी कल वापसी होगी, लेकिन बिहार सरकार ने अपने बच्चों को ले जाने से मना कर दिया. इसके बाद कोटा में बिहार के बच्चों ने अनशन शुरू कर दिया है. इन छात्रों ने कहा कि नीतीश सरकार अंधी, गूंगी, बहरी हो चुकी है. दोहरी नीति अपना रही है. विदेशी छात्रों को तो वापस बिहार बुला लिया गया है, लेकिन कोटा में फंसे हुए छात्रों के बारे में नहीं सोच रही है, जबकि बिहार के छात्र कोटा में बेहाल हैं.
'मुझे मेंटल डिप्रेशन हो रहा है'
इस अनशन में शामिल छात्रा मिलन जायसवाल ने कहा कि सभी बच्चे यहां से जा रहे हैं, मुझे मेंटल डिप्रेशन हो रहा है. सभी गवर्नमेंट अपने बच्चों को ले जा रही है, लेकिन हमारी सरकार नहीं लेकर जा रही है. हम चाहते हैं हमारी सरकार भी हमें यहां से लेकर जाए. हमारे घर वाले भी परेशान है.
'सुध नहीं ले रही हमारी सरकार'
छात्रा शाजनी का कहना है कि हमें यहां पर मेंटल डिप्रेशन झेलना पड़ रहा है. सभी राज्य अपने बच्चों को लेकर जा रहे हैं. गुजरात, एमपी, यूपी सभी बच्चे यहां से जा चुके हैं, लेकिन हमारी सरकार एक बार हमारी सुध नहीं ली. हमारी पढ़ाई बिल्कुल भी नहीं हो पा रही है. जब पैरंट्स पूछ रहे हैं कि क्या हाल है तो हम बता भी नहीं पाते हैं.