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Shikshak Niyamawali 2023: वैकेंसी जारी होने के बाद से अबतक हो चुके 7 बदलाव, अभ्यर्थियों में आक्रोश - Bihar Teacher Recruitment

बिहार में शिक्षक बहाली प्रक्रिया को लेकर छात्रों में आक्रोश का माहौल है. छात्रों का कहना है कि जब से नई नियमावली आई है, तबसे कई बार संशोधन किया जा चुका है. ऐसे में छात्रों का कहना है कि सरकार इसे बिना सोचे-समझे लेकर आ गई है, जिसके चलते बार-बार बदलाव करना पड़ रहा है. बहाली प्रक्रिया में सरकार की ओर से संसोधन करते हुए डोमिसाइल पॉलिसी को हटा दिया गया है. जिसका प्रदेश के छात्र विरोध कर रहे हैं और इसे लागू करने की मांग कर रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर..

नियमावली में संशोधन को लेकर छात्रों में आक्रोश
नियमावली में संशोधन को लेकर छात्रों में आक्रोश
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Published : Jun 29, 2023, 10:59 AM IST

Updated : Jun 29, 2023, 11:10 AM IST

नियमावली में संशोधन को लेकर छात्रों में आक्रोश

पटना: बिहार में 1.70 लाख सीटों पर आई शिक्षक की वैकेंसी ( Bihar Teacher Recruitment) शुरू से विवादों में है. 30 मई को वैकेंसी को लेकर नोटिफिकेशन जारी हुआ. तब से अब तक शिक्षक बहाली के वैकेंसी में 7 संशोधन हो चुके हैं. 7 बार अधिसूचना जारी किया गया है. मंगलवार 27 जून को बिहार सरकार ने अधिसूचना जारी कर दिया कि अब इस शिक्षक बहाली में पूरे देश के शिक्षक अभ्यर्थी फॉर्म भर सकते हैं.

ये भी पढ़ें- Shikshak Niyamawali 2023: 'विरोध हो रहा तो हमें क्या? इसलिए हटा डोमिसाइल'.. शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर

शिक्षक बहाली को लेकर विवाद: साल 2020 में जिस डोमिसाइल नीति को प्रदेश में लागू किया गया था, इस वैकेंसी में उसे मंगलवार की अधिसूचना में खत्म कर दिया गया. जिसका शिक्षक अभ्यर्थी पुरजोर विरोध कर रहे हैं. शिक्षक अभ्यर्थियों का कहना है कि यह प्रदेश के बेरोजगार युवाओं के खिलाफ लिया गया फैसला है और जिस प्रकार आए दिन शिक्षक बहाली के नियमावली में बदलाव हो रहे हैं, उससे अभ्यर्थी भी कंफ्यूज हैं.

कई बार बदले गये नियम: शिक्षक बहाली के नियमावली आने से पूर्व भी कई बार नियम बदलने पर हैं. बहाली के नियमावली आने से पूर्व परीक्षा में पूछे जाने वाले सवालों की संख्या को लेकर आपत्ति थी. ऐसे में 30 मई को जब नियमावली आई तब बीपीएससी ने बताया कि पेपर वन में 150 की जगह 120 प्रश्न पूछे जाएंगे और भाषा विषय के सॉन्ग को की परीक्षा क्वालीफाइंग होगी.

एक महीने में सात बदलाव: 30 मई को वैकेंसी की अधिसूचना जारी होने के बाद वैकेंसी के नियमावली में बीते 1 महीने में सात प्रमुख बदलाव किए गए हैं. अब अभ्यर्थी कह रहे हैं कि बदलाव इस प्रकार हो रहे हैं कि जब तक बहाली की प्रक्रिया पूरी होगी, तब तक उम्मीद है कि संविधान संशोधन से भी अधिक संशोधन इस नियमावली में हो जाए. वैकेंसी की अधिसूचना के बाद जो सात प्रमुख बदलाव किए गए हैं वह निम्न है-

शिक्षक नियमावली में किए गये संशोधन
शिक्षक नियमावली में किए गये संशोधन

6 जून- बीपीएससी ने अधिसूचना जारी किया कि दिव्यांग अभ्यर्थियों को दिव्यांग का प्रमाण-पत्र सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल से लाना होगा और वही मान्य होगा.

9 जून- दिव्यांग अभ्यर्थियों के विरोध के बाद बीपीएससी ने संशोधन करते हुए अधिसूचना जारी किया कि सरकारी अस्पतालों से जारी दिव्यांग का प्रमाण-पत्र भी आवेदन के लिए मान्य होगा.

19 जून- सामान्य वर्ग की महिला, दिव्यांग और एससी एसटी के लिए सीटेट में प्राप्त अंकों में छूट की सीमा बढ़ी. पूर्व में सीटेट में 90 अंक प्राप्त किया होना जरूरी था. लेकिन इसे घटाकर 82 किया गया.

21 जून- सीटेट जुलाई की परीक्षा में सम्मिलित होने वाले अभ्यर्थियों को भी परीक्षा में फॉर्म भरने की अनुमति दी गई और इसको लेकर अधिसूचना जारी किया गया.

22 जून- अधिसूचना जारी करते हुए परीक्षा की तिथि में बदलाव किया गया. 19, 20, 26 और 27 अगस्त को होने वाली परीक्षा की तिथि को बदलकर 24, 25, 26 और 27 अगस्त को दो पालियों में करने का निर्णय लिया गया.

24 जून- बीएड और डीएलएड परीक्षा के अपीयरिंग अभ्यर्थियों को भी शिक्षक बहाली प्रक्रिया में अनुमति दिए जाने को लेकर अधिसूचना जारी की गई.

27 जून- बिहार सरकार ने शिक्षक बहाली के लिए आवेदन में डोमिसाइल पॉलिसी खत्म करते हुए देश के सभी अभ्यर्थियों के लिए आवेदन की अनुमति दे दी. संबंध में बीपीएससी की ओर से बहाली नियमावली में संशोधन की अधिसूचना भी जारी की गई.

शिक्षक नियमावली में किए गये संशोधन
शिक्षक नियमावली में किए गये संशोधन

संशोधन से छात्रों में नाराजगी: बीपीएससी आंदोलन के छात्र नेता सौरव कुमार ने कहा कि, 'सरकार नियमावली में संशोधन पर संशोधन कर रही है. ऐसा लग रहा है कि बहाली प्रक्रिया पूरी होने तक संविधान संशोधन से भी अधिक संशोधन शिक्षक बहाली नियमावली में हो जाए. अब तक 7 प्रमुख संशोधन हो चुके हैं और मंगलवार को जो संशोधन हुआ वह बिहार के बेरोजगार अभ्यर्थियों के साथ अन्याय किया गया.'

"मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री बनने की चाह में पूरे देश के अभ्यर्थियों के लिए आवेदन की अनुमति दे दी. यह काला नियमावली है और इसे बदलना होगा. वह सरकार से मांग करते हैं कि बिहार के अभ्यर्थियों के हितों में पूर्व की तरह डोमिसाइल पॉलिसी लागू किया जाए. देश में कई राज्य ऐसे हैं, जो अपने यहां नौकरियों में बिहार के अभ्यर्थियों का मौका नहीं देते और बिहार में मजदूर की फैक्ट्री बनकर रह गया है. शिक्षक बहाली में लगातार हो रहे संशोधन से अभ्यर्थी कन्फ्यूज्ड हैं."- सौरभ कुमार, छात्र नेता

छात्रों ने सरकार पर लगाए आरोप: छात्र नेता दिलीप कुमार ने कहा कि सरकार बिना समझे और बिना तैयारी किए यह वैकेंसी लेकर आ गई. न शिक्षक नेताओं के प्रतिनिधियों से बातें की गई. न अभ्यर्थियों की बातों को सुनी गई और बहाली ला दी गई. जिस कारण आए दिन इस शिक्षक बहाली के नियमावली में संशोधन करने पर रहे हैं. अब तक 8 बार बदलाव किए जा चुके हैं और ताजा बदलाव जो हुआ है, जिसमें देश के सभी राज्यों के अभ्यर्थियों को आवेदन की अनुमति दे दी गई है. यह बिहार के अभ्यर्थियों को बेरोजगार रखने की साजिश की गई है.

"दूसरे प्रदेश में हमारे अभ्यर्थियों को मौका नहीं मिलता है. शिक्षा मंत्री इस पर बयान देते हैं कि बिहार में साइंस, मैथ के योग्य अभ्यर्थियों की कमी है, यह बहुत ही शर्मनाक बयान है."- दिलीप कुमार, छात्र नेता

डोमिसाइल पॉलिसी लागू करने की मांग: दिलीप कुमार ने कहा कि अगर शिक्षा मंत्री को लगता है कि योग्य शिक्षकों की बहाली के लिए वैकेंसी को इंटरनेशनल करना होगा तो वह कहेंगे कि वैकेंसी को इंटरनेशनल ही कर दिया जाए. ताकि ब्रिटेन और अमेरिका के लोग भी यहां आकर आवेदन कर सकें. शिक्षा मंत्री अगर बिहार में निकलेंगे तो उन्हें योग्य अभ्यर्थी नजर आ जाएंगे क्योंकि देश और दुनिया में हर जगह शिक्षा के क्षेत्र में बिहारियों का डंका बज रहा है.

"चाणक्य, आर्यभट्ट, वशिष्ठ नारायण सिंह जैसे विद्वान भी बिहार से ही हुए हैं और यूपीएससी और इंजीनियरिंग में बिहारी अपना हमेशा चैंपियन रहते हैं. यह काला संशोधन हुआ है. हम सरकार से मांग करते हैं कि इस काली संशोधन को समाप्त करते हुए बहाली प्रक्रिया में डोमिसाइल पॉलिसी लागू की जाए."- दिलीप कुमार, छात्र नेता

नियमावली में संशोधन को लेकर छात्रों में आक्रोश

पटना: बिहार में 1.70 लाख सीटों पर आई शिक्षक की वैकेंसी ( Bihar Teacher Recruitment) शुरू से विवादों में है. 30 मई को वैकेंसी को लेकर नोटिफिकेशन जारी हुआ. तब से अब तक शिक्षक बहाली के वैकेंसी में 7 संशोधन हो चुके हैं. 7 बार अधिसूचना जारी किया गया है. मंगलवार 27 जून को बिहार सरकार ने अधिसूचना जारी कर दिया कि अब इस शिक्षक बहाली में पूरे देश के शिक्षक अभ्यर्थी फॉर्म भर सकते हैं.

ये भी पढ़ें- Shikshak Niyamawali 2023: 'विरोध हो रहा तो हमें क्या? इसलिए हटा डोमिसाइल'.. शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर

शिक्षक बहाली को लेकर विवाद: साल 2020 में जिस डोमिसाइल नीति को प्रदेश में लागू किया गया था, इस वैकेंसी में उसे मंगलवार की अधिसूचना में खत्म कर दिया गया. जिसका शिक्षक अभ्यर्थी पुरजोर विरोध कर रहे हैं. शिक्षक अभ्यर्थियों का कहना है कि यह प्रदेश के बेरोजगार युवाओं के खिलाफ लिया गया फैसला है और जिस प्रकार आए दिन शिक्षक बहाली के नियमावली में बदलाव हो रहे हैं, उससे अभ्यर्थी भी कंफ्यूज हैं.

कई बार बदले गये नियम: शिक्षक बहाली के नियमावली आने से पूर्व भी कई बार नियम बदलने पर हैं. बहाली के नियमावली आने से पूर्व परीक्षा में पूछे जाने वाले सवालों की संख्या को लेकर आपत्ति थी. ऐसे में 30 मई को जब नियमावली आई तब बीपीएससी ने बताया कि पेपर वन में 150 की जगह 120 प्रश्न पूछे जाएंगे और भाषा विषय के सॉन्ग को की परीक्षा क्वालीफाइंग होगी.

एक महीने में सात बदलाव: 30 मई को वैकेंसी की अधिसूचना जारी होने के बाद वैकेंसी के नियमावली में बीते 1 महीने में सात प्रमुख बदलाव किए गए हैं. अब अभ्यर्थी कह रहे हैं कि बदलाव इस प्रकार हो रहे हैं कि जब तक बहाली की प्रक्रिया पूरी होगी, तब तक उम्मीद है कि संविधान संशोधन से भी अधिक संशोधन इस नियमावली में हो जाए. वैकेंसी की अधिसूचना के बाद जो सात प्रमुख बदलाव किए गए हैं वह निम्न है-

शिक्षक नियमावली में किए गये संशोधन
शिक्षक नियमावली में किए गये संशोधन

6 जून- बीपीएससी ने अधिसूचना जारी किया कि दिव्यांग अभ्यर्थियों को दिव्यांग का प्रमाण-पत्र सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल से लाना होगा और वही मान्य होगा.

9 जून- दिव्यांग अभ्यर्थियों के विरोध के बाद बीपीएससी ने संशोधन करते हुए अधिसूचना जारी किया कि सरकारी अस्पतालों से जारी दिव्यांग का प्रमाण-पत्र भी आवेदन के लिए मान्य होगा.

19 जून- सामान्य वर्ग की महिला, दिव्यांग और एससी एसटी के लिए सीटेट में प्राप्त अंकों में छूट की सीमा बढ़ी. पूर्व में सीटेट में 90 अंक प्राप्त किया होना जरूरी था. लेकिन इसे घटाकर 82 किया गया.

21 जून- सीटेट जुलाई की परीक्षा में सम्मिलित होने वाले अभ्यर्थियों को भी परीक्षा में फॉर्म भरने की अनुमति दी गई और इसको लेकर अधिसूचना जारी किया गया.

22 जून- अधिसूचना जारी करते हुए परीक्षा की तिथि में बदलाव किया गया. 19, 20, 26 और 27 अगस्त को होने वाली परीक्षा की तिथि को बदलकर 24, 25, 26 और 27 अगस्त को दो पालियों में करने का निर्णय लिया गया.

24 जून- बीएड और डीएलएड परीक्षा के अपीयरिंग अभ्यर्थियों को भी शिक्षक बहाली प्रक्रिया में अनुमति दिए जाने को लेकर अधिसूचना जारी की गई.

27 जून- बिहार सरकार ने शिक्षक बहाली के लिए आवेदन में डोमिसाइल पॉलिसी खत्म करते हुए देश के सभी अभ्यर्थियों के लिए आवेदन की अनुमति दे दी. संबंध में बीपीएससी की ओर से बहाली नियमावली में संशोधन की अधिसूचना भी जारी की गई.

शिक्षक नियमावली में किए गये संशोधन
शिक्षक नियमावली में किए गये संशोधन

संशोधन से छात्रों में नाराजगी: बीपीएससी आंदोलन के छात्र नेता सौरव कुमार ने कहा कि, 'सरकार नियमावली में संशोधन पर संशोधन कर रही है. ऐसा लग रहा है कि बहाली प्रक्रिया पूरी होने तक संविधान संशोधन से भी अधिक संशोधन शिक्षक बहाली नियमावली में हो जाए. अब तक 7 प्रमुख संशोधन हो चुके हैं और मंगलवार को जो संशोधन हुआ वह बिहार के बेरोजगार अभ्यर्थियों के साथ अन्याय किया गया.'

"मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री बनने की चाह में पूरे देश के अभ्यर्थियों के लिए आवेदन की अनुमति दे दी. यह काला नियमावली है और इसे बदलना होगा. वह सरकार से मांग करते हैं कि बिहार के अभ्यर्थियों के हितों में पूर्व की तरह डोमिसाइल पॉलिसी लागू किया जाए. देश में कई राज्य ऐसे हैं, जो अपने यहां नौकरियों में बिहार के अभ्यर्थियों का मौका नहीं देते और बिहार में मजदूर की फैक्ट्री बनकर रह गया है. शिक्षक बहाली में लगातार हो रहे संशोधन से अभ्यर्थी कन्फ्यूज्ड हैं."- सौरभ कुमार, छात्र नेता

छात्रों ने सरकार पर लगाए आरोप: छात्र नेता दिलीप कुमार ने कहा कि सरकार बिना समझे और बिना तैयारी किए यह वैकेंसी लेकर आ गई. न शिक्षक नेताओं के प्रतिनिधियों से बातें की गई. न अभ्यर्थियों की बातों को सुनी गई और बहाली ला दी गई. जिस कारण आए दिन इस शिक्षक बहाली के नियमावली में संशोधन करने पर रहे हैं. अब तक 8 बार बदलाव किए जा चुके हैं और ताजा बदलाव जो हुआ है, जिसमें देश के सभी राज्यों के अभ्यर्थियों को आवेदन की अनुमति दे दी गई है. यह बिहार के अभ्यर्थियों को बेरोजगार रखने की साजिश की गई है.

"दूसरे प्रदेश में हमारे अभ्यर्थियों को मौका नहीं मिलता है. शिक्षा मंत्री इस पर बयान देते हैं कि बिहार में साइंस, मैथ के योग्य अभ्यर्थियों की कमी है, यह बहुत ही शर्मनाक बयान है."- दिलीप कुमार, छात्र नेता

डोमिसाइल पॉलिसी लागू करने की मांग: दिलीप कुमार ने कहा कि अगर शिक्षा मंत्री को लगता है कि योग्य शिक्षकों की बहाली के लिए वैकेंसी को इंटरनेशनल करना होगा तो वह कहेंगे कि वैकेंसी को इंटरनेशनल ही कर दिया जाए. ताकि ब्रिटेन और अमेरिका के लोग भी यहां आकर आवेदन कर सकें. शिक्षा मंत्री अगर बिहार में निकलेंगे तो उन्हें योग्य अभ्यर्थी नजर आ जाएंगे क्योंकि देश और दुनिया में हर जगह शिक्षा के क्षेत्र में बिहारियों का डंका बज रहा है.

"चाणक्य, आर्यभट्ट, वशिष्ठ नारायण सिंह जैसे विद्वान भी बिहार से ही हुए हैं और यूपीएससी और इंजीनियरिंग में बिहारी अपना हमेशा चैंपियन रहते हैं. यह काला संशोधन हुआ है. हम सरकार से मांग करते हैं कि इस काली संशोधन को समाप्त करते हुए बहाली प्रक्रिया में डोमिसाइल पॉलिसी लागू की जाए."- दिलीप कुमार, छात्र नेता

Last Updated : Jun 29, 2023, 11:10 AM IST
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