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पटना लॉ कॉलेज की मान्यता को लेकर छात्रसंघ की चेतावनी, BCI में तालाबंदी कर करेंगे उग्र प्रदर्शन

छात्र संघ ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इसकी मान्यता पर जल्द विचार नहीं किया गया तो सभी छात्र उग्र आंदोलन करने को मजबूर हैं. छात्रों ने कहा कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया में तालाबंदी भी की जा सकती है. इसकी जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ बार काउंसिल ऑफ इंडिया ही होगी.

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Published : Jul 13, 2019, 6:15 PM IST

पटना लॉ कॉलेज

पटना: पटना लॉ कॉलेज की मान्यता खतरे में है. इसके विरोध में छात्रसंघ प्रदर्शन कर रहा है. एआईएसएफ, छात्र जाप, राजद छात्रसंघ ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर कॉलेज को स्थाई मान्यता नहीं दी गई, तो सभी छात्र बार काउंसिल ऑफ इंडिया में तालाबंदी कर उग्र प्रदर्शन करेंगे.

हर साल होता है निरीक्षण
दरअसल, प्रत्येक तीन साल पर बार काउंसिल ऑफ इंडिया की तरफ से पटना लॉ कॉलेज का निरीक्षण किया जाता है. उसके बाद उसे स्थाई मान्यता दी जाती है. बार काउंसिल ऑफ इंडिया की तरफ से इस बार मान्यता नहीं देने से नाराज छात्र संघ जमकर प्रदर्शन कर रहे हैं.

लॉ कॉलेज की मान्यता को लेकर छत्रसंघ का प्रदर्शन

छात्रों के भविष्य को है खतरा
छात्रों के अनुसार इस कॉलेज से पढ़ाई कर तकरीबन सात चीफ जस्टिस पटना हाईकोर्ट में है. छात्रों ने कहा कि कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी इसी कॉलेज से पढ़ाई की है. लेकिन आज इस कॉलेज को स्थाई तौर पर मान्यता नहीं दी जा रही है. इस कारण 300 से अधिक छात्रों का भविष्य अधर में लटका हुआ है.

उग्र आंदोलन की चेतावनी
छात्र संघ ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इसकी मान्यता पर जल्द विचार नहीं किया गया तो सभी छात्र उग्र आंदोलन करने को मजबूर हैं. छात्रों ने कहा कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया में तालाबंदी भी की जा सकती है. इसकी जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ बार काउंसिल ऑफ इंडिया ही होगी.

पटना: पटना लॉ कॉलेज की मान्यता खतरे में है. इसके विरोध में छात्रसंघ प्रदर्शन कर रहा है. एआईएसएफ, छात्र जाप, राजद छात्रसंघ ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर कॉलेज को स्थाई मान्यता नहीं दी गई, तो सभी छात्र बार काउंसिल ऑफ इंडिया में तालाबंदी कर उग्र प्रदर्शन करेंगे.

हर साल होता है निरीक्षण
दरअसल, प्रत्येक तीन साल पर बार काउंसिल ऑफ इंडिया की तरफ से पटना लॉ कॉलेज का निरीक्षण किया जाता है. उसके बाद उसे स्थाई मान्यता दी जाती है. बार काउंसिल ऑफ इंडिया की तरफ से इस बार मान्यता नहीं देने से नाराज छात्र संघ जमकर प्रदर्शन कर रहे हैं.

लॉ कॉलेज की मान्यता को लेकर छत्रसंघ का प्रदर्शन

छात्रों के भविष्य को है खतरा
छात्रों के अनुसार इस कॉलेज से पढ़ाई कर तकरीबन सात चीफ जस्टिस पटना हाईकोर्ट में है. छात्रों ने कहा कि कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी इसी कॉलेज से पढ़ाई की है. लेकिन आज इस कॉलेज को स्थाई तौर पर मान्यता नहीं दी जा रही है. इस कारण 300 से अधिक छात्रों का भविष्य अधर में लटका हुआ है.

उग्र आंदोलन की चेतावनी
छात्र संघ ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इसकी मान्यता पर जल्द विचार नहीं किया गया तो सभी छात्र उग्र आंदोलन करने को मजबूर हैं. छात्रों ने कहा कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया में तालाबंदी भी की जा सकती है. इसकी जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ बार काउंसिल ऑफ इंडिया ही होगी.

Intro:पटना लॉ कॉलेज की मान्यता के खतरे को लेकर छात्र संघों में आया उबाल विरोध प्रदर्शन करने पर उतारू हुए छात्र संघ,


पटना लॉ कॉलेज की स्थाई तौर पर मान्यता को लेकर छात्रसंघों का विरोध, प्रदर्शन,


कानुन मंत्री रविशंकर प्रसाद, एवं पटना हाईकोर्ट के सात चीफ जस्टिस इसी कॉलेज से पढे है बावजूद इस कॉलेज को आज तक स्थाई तौर नही मिला है मान्यता,हर तिन साल पर मिलता है अस्थायी मान्यता


Body:पटना विश्वविद्यालय के पटना लॉ कॉलेज की मान्यता खतरे में है, इन दिनों बार काउंसिल ऑफ इंडिया की तलवार पटना लॉ कॉलेज की मान्यता पर लटकी हुई है, जिसको लेकर तकरीबन 300 से अधिक छात्रों का भविष्य अधर में लटकता दिख रहा है, दरअसल बताया जाता है कि प्रत्येक 3 साल पर बार काउंसिल ऑफ इंडिया के तरफ से पटना लॉ कॉलेज की निरीक्षण किया जाता है और उसे अस्थाई मान्यता दी जाती है ,गौरतलब है कि इन दिनों पटना विश्वविद्यालय 300 से अधिक छात्रों का नामांकन को लेकर आवेदन ले चुका है वहीं मान्यता के चक्कर में अभी तक परीक्षाएं नहीं हो सकी है, जिसको लेकर एकेडमिक सत्र पीछे जा रहा है ऐसे में विभिन्न छात्र संघों का विरोध प्रदर्शन शुरू हो चुका है आज एआईएसएफ, छात्र जाप, राजद छात्र ने संयुक्त रूप से पटना लॉ कॉलेज के पास विरोध प्रदर्शन किया


Conclusion:बार काउंसिल ऑफ इंडिया के तरफ से मान्यता को लेकर मान्यता नहीं देने से नाराज छात्र संघों ने आज जमकर विरोध प्रदर्शन किया और कहा कि इस कॉलेज से पढे हुए तकरीबन 7 चीफ जस्टिस पटना हाई कोर्ट में है, वही कानून मंत्री रविशंकर इसी कॉलेज से पढ़े हैं, लेकिन ताज्जुब की बात है कि अभी तक इस कॉलेज के स्थाई तौर पर मान्यता नहीं मिली है
पटना विश्वविद्यालय का यह कॉलेज सबसे प्राचीनतम कॉलेज रहा है, बावजूद आज तक स्थाई मान्यता नहीं मिलना हैरत की बात है, छात्र संघ ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इसकी मान्यता पर जल्द विचार नहीं किया गया तो जल्द ही आंदोलन और उग्र होगा और बार काउंसिल ऑफ इंडिया में तालाबंदी भी की जा सकती है जिसके जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ बार काउंसिल ऑफ इंडिया ही होगी



बाईट:--सुशील कुमार, राज्य सचिव, एआईएसएफ
बाईट-डॉ सुमन,छात्र राजद
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