पटना: राजधानी पटना नगर निगम के सफाई कर्मी अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. 8000 दैनिक सफाई कर्मियों में मुश्किल से 2000 सफाई कर्मी ही नगर निगम के दबाव में ड्यूटी कर रहे हैं और लगभग 6000 सफाई कर्मी हड़ताल पर हैं. ऐसे में शहर की स्थिति नारकीय होती जा रही है. पटना की सड़कों पर जगह-जगह कूड़े का अंबार दिखने लगा है.
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पटना में बारिश के बाद सड़कों पर फैला कचरा: शुक्रवार को पटना में झमाझम बारिश हुई इसके बाद कचरा सड़क पर बहने लगा है. जो दैनिक सफाई कर्मी है वह स्थाई करण और समान काम के बदले समान वेतन जैसे अपनी कई मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं. महिला सफाई कर्मी जयमूर्ति देवी ने कहा कि पिछली बार जब वह हड़ताल पर गई थी तेजस्वी यादव ने कहा था कि अभी नई-नई सरकार में आए हैं सभी सफाई कर्मियों को स्थाई करेंगे.
"हम वर्षों से कार्यरत है और अभी भी हमें दैनिक वेतन मिलता है, कोई भविष्य सुरक्षित नहीं है. महीने के 10000 से घर नहीं चल रहा है, ऐसे में मजबूरन हम हड़ताल पर बैठे हैं. मंत्री तेजस्वी यादव आकर हमें स्थाई करें. समान काम की बदले वेतन भी सामान देने की घोषणा करें तभी जाकर हड़ताल टूटेगी नहीं तो ये अनिश्चितकाल तक चलेगी."-जयमूर्ति देवी, सफाई कर्मी
2020 से कर रहे आंदोलन: पटना नगर निगम संयुक्त कर्मचारी समन्वय समिति के अध्यक्ष चंद्र प्रकाश सिंह ने कहा कि साल 2020 में उन लोगों ने अपनी मांगों को लेकर आंदोलन किया. हाई कोर्ट से केस भी जीता है बावजूद सरकार से सिर्फ आश्वासन मिला कुछ काम नहीं हुआ. 2021 में हड़ताल किया, 2022 में हड़ताल किया और अब इस मांग को लेकर फिर से 2023 में हड़ताल पर बैठे हैं. आखिर सरकार भी कहती है की सफाई कर्मियों की मांगी जायज है तो पूरा क्यों नहीं कर रही है.
"निगम के स्थाई सफाई कर्मियों को 30000 रुपया का वेतन मिल रहा है और आउटसोर्सिंग वाले दैनिक सफाई कर्मियों को महीने के 10000 से 12000 रुपये, यह उचित नहीं है. बिहार के अन्य विभागों में आउटसोर्सिंग से भी जो ड्राइवर का काम कर रहे हैं उन्हें 20000 से 22000 रुपये दिया जा रहा है, जबकि नगर निगम के ड्राइवर को 10000 से 11000 रुपये दिए जा रहे हैं."-चंद्र प्रकाश सिंह, अध्यक्ष, समन्वय समिति
सफाई कर्मियों को स्थाई करे सरकार: आगे चंद्र प्रकाश सिंह ने कहा कि नगर निगम कहता है कि 60 साल जब तक पूरा नहीं हो जाता तब तक दैनिक सफाई कर्मियों को नहीं हटाएंगे. हालांकि 15 वर्षों से अधिक समय से सफाई कर्मी कार्यरत है तो सरकार क्यों नहीं उन्हें 60 वर्षों के लिए स्थाई कर देती है. स्थाई करने के लिए एक सेवा शर्त नियमावली भी तैयार करनी होगी जिससे गरीब सफाई कर्मियों को सुरक्षा का भाव मिलेगा.
वेतन में प्रतिदिन 30 रुपये की बढ़ोतरी: वहीं पटना नगर निगम के नगर आयुक्त अनिमेष पाराशर ने कहा कि सभी वार्ड में सुपरवाइजर को साफ सफाई की व्यवस्था चौकस रखने का निर्देशि दिया गया है. अभी के समय डेंगू भी बढ़ा हुआ है और स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम भी पटना आने वाली है. हाल ही में सफाई कर्मियों के वेतन में प्रतिदिन 30 रुपये की बढ़ोतरी की गई है.
"कुछ जगह पर देखने को मिला है कि जो सफाई कर्मी काम कर रहे हैं उनके साथ कुछ लोग आकर मारपीट कर रहे हैं. स्मार्ट सिटी के कैमरे में सभी कैद हुए हैं. मारपीट करने वालों को चिन्हित कर उन पर आगे की कार्रवाई की जा रही है. पटना नगर निगम के सफाई में जो लोग भी बाधा बनेंगे उन पर कार्रवाई होगी."- अनिमेष पाराशर, नगर आयुक्त, पटना नगर निगम