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बालू और शराब माफियाओं से निभाई 'यारी' तो 10 साल के लिए जाएगी थानेदारी - Patna Police

अवैध बालू खनन माफियाओं (Illegal Sand Mining Mafia) से संबंध रखने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है. थानेदार अवैध बालू कारोबार में संलिप्त पाये जाते हैं तो उन्हें अगले 10 साल तक थानेदारी नहीं मिलेगी.

Illegal Sand Mining
अवैध बालू खनन
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Published : Jul 14, 2021, 5:26 PM IST

Updated : Jul 14, 2021, 7:00 PM IST

पटना: जिन पुलिसवालों के कंधे पर अवैध बालू खनन (Illegal sand mining) और शराब के अवैध धंधे (Illegal Liquor Business) को रोकने की जिम्मेदारी है वे ही कई मामलों में इसमें संलिप्त पाये गए हैं. पुलिसकर्मी बालू (Sand Mining Mafia) और शराब माफियाओं (Liquor Mafia) के साथ मिलीभगत से शराब और बालू के अवैध धंधे को चला रहे हैं.

यह भी पढ़ें- बालू के खेल में 'नप' गए औरंगाबाद और भोजपुर के SP, मुख्यालय में किए गए पदस्थापित

दरअसल बालू और शराब माफियाओं से थानेदारों का याराना पुराना रहा है. पुलिस मुख्यालय द्वारा लगातार कार्रवाई करने पर भी पुलिसकर्मी नहीं मान रहे हैं. कुछ दिन पहले ही बालू के अवैध खनन से जुड़े मामले में पुलिस मुख्यालय ने 4 इंस्पेक्टर सहित 14 सब इंस्पेक्टर का तबादला किया था. इनमें से 11 थानेदार थे. इनका रेंज भी बदला गया था. पुलिस मुख्यालय के सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार अवैध खनन से जुड़े मामले में अब सिर्फ ट्रांसफर नहीं होगा. शराब और बालू के धंधे में संलिप्त पाए जाने पर थानाध्यक्ष से 10 साल तक थानेदारी छीनी जा सकती है.

देखें वीडियो

"अवैध बालू खनन या अवैध शराब कारोबार के संबंध में अगर हमें कोई सूचना मिलती है तो तुरंत कार्रवाई की जाती है. यह निर्देश हमारे सभी अधिकारियों को है कि किसी भी प्रकार की सूचना की अनदेखी नहीं की जाए. हम इसके लिए कृत संकल्पित हैं कि अवैध बालू खनन और अवैध शराब कारोबार नहीं होने देंगे."- जितेंद्र कुमार, एडीजी, पुलिस मुख्यालय

पटना पुलिस के थानेदारों का शराब और बालू माफियाओं से पुराना कनेक्शन रहा है. इस मामले में दो-तीन साल में आधा दर्जन थानेदार को निलंबित किया जा चुका है. इसके बाद भी पुलिसवालों का शराब या बालू माफियाओं से याराना खत्म नहीं हो रहा है. कुछ दिन पहले ही पुलिस मुख्यालय द्वारा बुद्धा कॉलोनी के थानेदार कैसर आलम को शराब माफियाओं से मिलीभगत के आरोप में निलंबित किया गया है. इसके अलावा पटना के 3-4 और थानेदारों के खिलाफ जांच चल रही है. इनके तार शराब माफियाओं से जुड़ने की बात सामने आई है.

इसी साल फरवरी में कदमकुआं के तत्कालीन थानेदार निशिकांत निशि को शराब माफियाओं से मिलीभगत के चलते आईजी संजय सिंह द्वारा निलंबित किया गया था. बाईपास थाना क्षेत्र में एक गोदाम से दो करोड़ रुपये की शराब बरामद होने पर तत्कालीन थानेदार मुकेश पासवान को निलंबित किया गया था. दो साल पहले शराब माफियाओं को छोड़ने पर बेउर थाना के तत्कालीन थानेदार समेत सभी पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था. जक्कनपुर थाना इलाके में एक अस्पताल में छापेमारी के दौरान शराब पार्टी चलने की सूचना पर तत्कालीन थानेदार एसके झा समेत थाना के सभी पुलिसकर्मियों को हटा दिया गया था. जून 2020 में दीदारगंज थानेदार राजेश कुमार को बालू माफियाओं से घूस लेते गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया.

पुलिस मुख्यालय से मिल रही जानकारी के अनुसार शराबबंदी की तर्ज पर बालू के अवैध खनन से जुड़े मामलों में संलिप्त थानेदारों के 10 साल तक थाना अध्यक्ष के पद पर तैनाती पर रोक लगाई जा सकती है. शराबबंदी के बाद राज्य सरकार ने बालू के अवैध खनन के खिलाफ व्यापक अभियान चलाने का फैसला किया है. शराब से जुड़े मामलों में अब तक 665 अधिकारियों और कर्मियों के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई की गई है. इसके अलावा 135 पुलिस पदाधिकारियों और कर्मियों को बर्खास्त और 60 पुलिस पदाधिकारियों को थाना अध्यक्ष के पद से हटाया गया है. पुलिस मुख्यालय स्तर पर कार्रवाई का पहला चरण पूरा हो गया है. इसमें 18 इंस्पेक्टर और 14 सब इंस्पेक्टर को हटाया गया है. अवैध बालू खनन के खेल में पुलिस के अलावा दूसरे महकमों की बड़ी मछलियों पर भी गाज गिरनी तय है. दरअसल सरकार को जो रिपोर्ट दी गई है उनमें 3 दर्जन से अधिक अफसरों की संलिप्तता सामने आई है.

बालू के अवैध खनन का मामला सामने आने के बाद सरकार के निर्देश पर मई से ऑपरेशन चलाया जा रहा है. 1 मई से 20 मई तक 5 जिलों में 155 मामले दर्ज किए गए, जिसमें 160 लोगों की गिरफ्तारी की गई. 723 वाहनों को जब्त किया गया है. पटना, रोहतास, कैमूर, भोजपुर, औरंगाबाद और सारण में खुफिया ऑपरेशन चल रहा है. पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र कुमार का कहना है कि शराब और बालू के अवैध धंधे को लेकर पुलिस मुख्यालय हमेशा सजग और सख्त रहा है. जो लोग अवैध कारोबार से जुड़े होंगे उनपर कार्रवाई की जाएगी. अगर पुलिसकर्मी इन अवैध धंधे में संलिप्त पाए जाएंगे तो उनपर भी विभागीय कार्रवाई के साथ-साथ अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी.

यह भी पढ़ें- बिहार में बोले नित्यानंद राय- 'जनसंख्या नियंत्रण के लिए यूपी CM योगी का मॉडल बेहद जरूरी'

पटना: जिन पुलिसवालों के कंधे पर अवैध बालू खनन (Illegal sand mining) और शराब के अवैध धंधे (Illegal Liquor Business) को रोकने की जिम्मेदारी है वे ही कई मामलों में इसमें संलिप्त पाये गए हैं. पुलिसकर्मी बालू (Sand Mining Mafia) और शराब माफियाओं (Liquor Mafia) के साथ मिलीभगत से शराब और बालू के अवैध धंधे को चला रहे हैं.

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दरअसल बालू और शराब माफियाओं से थानेदारों का याराना पुराना रहा है. पुलिस मुख्यालय द्वारा लगातार कार्रवाई करने पर भी पुलिसकर्मी नहीं मान रहे हैं. कुछ दिन पहले ही बालू के अवैध खनन से जुड़े मामले में पुलिस मुख्यालय ने 4 इंस्पेक्टर सहित 14 सब इंस्पेक्टर का तबादला किया था. इनमें से 11 थानेदार थे. इनका रेंज भी बदला गया था. पुलिस मुख्यालय के सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार अवैध खनन से जुड़े मामले में अब सिर्फ ट्रांसफर नहीं होगा. शराब और बालू के धंधे में संलिप्त पाए जाने पर थानाध्यक्ष से 10 साल तक थानेदारी छीनी जा सकती है.

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"अवैध बालू खनन या अवैध शराब कारोबार के संबंध में अगर हमें कोई सूचना मिलती है तो तुरंत कार्रवाई की जाती है. यह निर्देश हमारे सभी अधिकारियों को है कि किसी भी प्रकार की सूचना की अनदेखी नहीं की जाए. हम इसके लिए कृत संकल्पित हैं कि अवैध बालू खनन और अवैध शराब कारोबार नहीं होने देंगे."- जितेंद्र कुमार, एडीजी, पुलिस मुख्यालय

पटना पुलिस के थानेदारों का शराब और बालू माफियाओं से पुराना कनेक्शन रहा है. इस मामले में दो-तीन साल में आधा दर्जन थानेदार को निलंबित किया जा चुका है. इसके बाद भी पुलिसवालों का शराब या बालू माफियाओं से याराना खत्म नहीं हो रहा है. कुछ दिन पहले ही पुलिस मुख्यालय द्वारा बुद्धा कॉलोनी के थानेदार कैसर आलम को शराब माफियाओं से मिलीभगत के आरोप में निलंबित किया गया है. इसके अलावा पटना के 3-4 और थानेदारों के खिलाफ जांच चल रही है. इनके तार शराब माफियाओं से जुड़ने की बात सामने आई है.

इसी साल फरवरी में कदमकुआं के तत्कालीन थानेदार निशिकांत निशि को शराब माफियाओं से मिलीभगत के चलते आईजी संजय सिंह द्वारा निलंबित किया गया था. बाईपास थाना क्षेत्र में एक गोदाम से दो करोड़ रुपये की शराब बरामद होने पर तत्कालीन थानेदार मुकेश पासवान को निलंबित किया गया था. दो साल पहले शराब माफियाओं को छोड़ने पर बेउर थाना के तत्कालीन थानेदार समेत सभी पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था. जक्कनपुर थाना इलाके में एक अस्पताल में छापेमारी के दौरान शराब पार्टी चलने की सूचना पर तत्कालीन थानेदार एसके झा समेत थाना के सभी पुलिसकर्मियों को हटा दिया गया था. जून 2020 में दीदारगंज थानेदार राजेश कुमार को बालू माफियाओं से घूस लेते गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया.

पुलिस मुख्यालय से मिल रही जानकारी के अनुसार शराबबंदी की तर्ज पर बालू के अवैध खनन से जुड़े मामलों में संलिप्त थानेदारों के 10 साल तक थाना अध्यक्ष के पद पर तैनाती पर रोक लगाई जा सकती है. शराबबंदी के बाद राज्य सरकार ने बालू के अवैध खनन के खिलाफ व्यापक अभियान चलाने का फैसला किया है. शराब से जुड़े मामलों में अब तक 665 अधिकारियों और कर्मियों के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई की गई है. इसके अलावा 135 पुलिस पदाधिकारियों और कर्मियों को बर्खास्त और 60 पुलिस पदाधिकारियों को थाना अध्यक्ष के पद से हटाया गया है. पुलिस मुख्यालय स्तर पर कार्रवाई का पहला चरण पूरा हो गया है. इसमें 18 इंस्पेक्टर और 14 सब इंस्पेक्टर को हटाया गया है. अवैध बालू खनन के खेल में पुलिस के अलावा दूसरे महकमों की बड़ी मछलियों पर भी गाज गिरनी तय है. दरअसल सरकार को जो रिपोर्ट दी गई है उनमें 3 दर्जन से अधिक अफसरों की संलिप्तता सामने आई है.

बालू के अवैध खनन का मामला सामने आने के बाद सरकार के निर्देश पर मई से ऑपरेशन चलाया जा रहा है. 1 मई से 20 मई तक 5 जिलों में 155 मामले दर्ज किए गए, जिसमें 160 लोगों की गिरफ्तारी की गई. 723 वाहनों को जब्त किया गया है. पटना, रोहतास, कैमूर, भोजपुर, औरंगाबाद और सारण में खुफिया ऑपरेशन चल रहा है. पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र कुमार का कहना है कि शराब और बालू के अवैध धंधे को लेकर पुलिस मुख्यालय हमेशा सजग और सख्त रहा है. जो लोग अवैध कारोबार से जुड़े होंगे उनपर कार्रवाई की जाएगी. अगर पुलिसकर्मी इन अवैध धंधे में संलिप्त पाए जाएंगे तो उनपर भी विभागीय कार्रवाई के साथ-साथ अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी.

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Last Updated : Jul 14, 2021, 7:00 PM IST
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