पटना: बिहार में हुए उपचुनाव (Bihar By Election) के परिणाम आने के बाद राजद के सुर बदले नजर आ रहे हैं. राजद (RJD) के विधान पार्षद रामबली सिंह चंद्रवंशी ने कहा है कि कांग्रेस से हमारा संबंध वैसा ही है जैसे पहले हुआ करता था. उपचुनाव में हम लोगों ने दोनों सीटों पर लड़ने का निर्णय लिया था. जनता की मांग को देखते हुए यह फैसला लिया गया था.
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राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी पार्टी कांग्रेस है. कांग्रेस को किनारा कर धर्मनिरपेक्ष ताकतें इकट्ठा नहीं हो सकतीं. इसलिए हमलोग कांग्रेस के नेतृत्व को स्वीकार करते हैं, लेकिन जहां क्षेत्रीय दल मजबूत हैं वहां कांग्रेस को भी उनका नेतृत्व स्वीकार करना होगा.
राजद नेता के बयान पर कांग्रेस के विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्रा ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, 'राजद जब चुनाव आता है तो अलग लड़ने की बात करता है. अब राजद के नेता किस तरह से कह रहे हैं कि कांग्रेस उनके साथ है. जिस तरह का काम राष्ट्रीय जनता दल ने इस बार किया वह गलत था. राजद ने गठबंधन तोड़ा है. क्या फायदा हुआ वह सब जानते हैं.' क्या बिहार में राजद और कांग्रेस फिर से एक साथ हो सकते हैं? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि फिलहाल इसकी संभावना दूर-दूर तक नहीं दिखती है.
"आज तरह-तरह की बात राजद के लोग बोल रहे हैं. राजद को पहले अपनी अकड़ समाप्त करनी होगी. राजनीति में अकड़कर बात नहीं की जाती. जिस तरह के हालात इस बार बने हैं उसके लिए राजद जिम्मेदार है. राजद को जवाब देना होगा. अगर इस बार राजद और कांग्रेस साथ होते तो दोनों सीट महागठबंधन के खाते में होती. इसकी जिम्मेदारी राजद को लेनी होगी."- प्रेमचंद्र मिश्रा, विधान पार्षद, कांग्रेस
कुल मिलाकर उपचुनाव में मिली पराजय के बाद राजद और कांग्रेस हार का ठीकरा एक-दूसरे पर फोड़ते नजर आ रहे हैं. राजद के नेता यह कह रहे हैं कि अभी भी हम कांग्रेस के साथ हैं, जबकि कांग्रेस के नेता कहते हैं कि हम फिलहाल राजद से अलग हैं.
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