पटना: चर्चित शेल्टर होम मामले में दोषी लोक सेवकों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश सीबीआई ने उच्चतम न्यायालय से की है. सीबीआई ने बताया कि केवल दो मामलों को छोड़कर बिहार के 17 आश्रयगृहों में यौन एवं शारीरिक उत्पीड़न के आरोप के मामले में जांच पूरी हो चुकी है. बिहार सरकार के समाज कल्याण मंत्री रामसेवक सिंह का कहना है कि हमें और बिहार सरकार को सीबीआई की जांच पर पूरा भरोसा है. जो लोग भी दोषी पाए जाएंगे, न्यायालय के आदेश पर उन पर कार्रवाई की जाएगी.
घोर लापरवाही आई सामने
सीबीआई ने कुछ मामलों में जिलाधिकारियों सहित दोषी लोक सेवकों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने की सिफारिश की गई है. सीबीआई ने कहा कि कई मामलों में आश्रय गृह संचालित कर रहे एनजीओ और लोक सेवकों की घोर लापरवाही का पता चला है. दोषी सरकारी अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई किए जाने और एनजीओ का पंजीकरण रद्द करने के साथ-साथ उन्हें अपने पदाधिकारी को काली सूची में डालने की सिफारिश संबंधित रिपोर्ट बिहार सरकार को सौंपी गई है.
सीबीआई की जांच पर भरोसा
बिहार सरकार के समाज कल्याण मंत्री के अनुसार बिहार सरकार को सीबीआई की जांच पर पूरा भरोसा है. न्यायालय के आदेश पर जो भी दोषी पाए जाएंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी. साथ ही उन्होंने कहा कि जिस एनजीओ के खिलाफ हमें शिकायत मिलेगी, उनका लाइसेंस भी रद्द बिहार सरकार करेगी. साथ ही जिन अधिकारियों पर आरोप लगेगा, उन्हें बिहार सरकार बर्खास्त करेगी.
बता दें कि जब मुजफ्फरपुर के आश्रयगृह के मामले की सुनवाई हो रही थी, उस वक्त शीर्ष अदालत के सामने आया था. यहां कई लड़कियों का यौन उत्पीड़न किया गया था. बाद में एक निचली अदालत ने मुजफ्फरपुर आश्रय गृह मामले में 19 लोगों को दोषी ठहराया था.