पटना: महाराष्ट्र में राजनीतिक उठा पटक का दौर जारी है. पहले तो उपमुख्यमंत्री अजित पवार और उसके बाद देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. इस्तीफे से जहां महागठबंधन खेमे में खुशी की लहर है. वहीं, भाजपा खेमे में थोड़ी बहुत मायूसी है.
भाजपा उपाध्यक्ष और विधायक मिथिलेश तिवारी ने कहा है कि महाराष्ट्र में हमारी हार नहीं हुई है क्योंकि हमारे विधायक एकजुट हैं. हार अजित पवार की हुई है. अजित पवार विधायक दल के नेता थे और उन्होंने समर्थन का दावा किया था लेकिन वो पीछे हट गए. पूरे प्रकरण में भाजपा अपने स्टैंड पर कायम है. लेकिन अजीत पवार अपने स्टैंड में कामयाब नहीं हुए.
महाराष्ट्र की महाभारत...
महाराष्ट्र में सत्ता की महाभारत चल रही है. सुप्रीम कोर्ट पहुंचे मामले के बाद कोर्ट ने राज्यपाल से अपील करते हुए कहा कि वो फ्लोर टेस्ट करा, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार की सरकार का बहुमत सिद्ध करवाएं. इसके लिए कोर्ट ने 27 नवंबर की शाम साढ़े 5 बजे तक का समय दिया था. वहीं, फ्लोर टेस्ट से पहले अजित पवार ने डिप्टी सीएम के पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद देवेंद्र फडणवीस ने भी प्रेस वार्ता आयोजित करते हुए इस्तीफे का ऐलान कर दिया और कहा कि उनके पास बहुमत से कम विधायक हैं.
क्या बोले फडणवीस...
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि कुछ देर पहले मेरे पास अजित पवार आए और उन्होंने कहा कि कुछ कारणों से मैं आपके गठबंधन का हिस्सा नहीं बन सकता. अजित पवार ने मुझे इस्तीफा दिया. अजित पवार के इस्तीफे के बाद मेरे पास बहुमत नहीं है इसलिए मैं अभी राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपने जा रहा हूं. उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि नई सरकार अच्छा काम करेगी. हम विपक्ष के रूप में अपना काम करेंगे. उन्होंने कहा कि शिवसेना नेता लाचारी में सोनिया गांधी के सामने नतमस्तक हो रहे हैं. तीन पहियों वाली सरकार चलना काफी मुश्किल है. फडणवीस ने कहा कि शिवसेना उन वादों को लेकर अड़ गई थी, जो हमने कभी किए ही नहीं थे.