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'बिहार में क्वॉरेंटाइन नहीं, टॉर्चर सेंटर में रखे गए प्रवासी मजदूर, अपराधियों जैसा हो रहा सलूक'

ईटीवी भारत से बात करते हुए मनोज झा ने बिहार के क्वॉरेंटाइन सेंटर को प्रताड़ना गृह करार दिया. उन्होंने कहा कि यहां प्रवासी मजदूरों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार होता है.

मनोज झा से बात करते ईटीवी भारत संवाददाता
मनोज झा से बात करते ईटीवी भारत संवाददाता
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Published : May 23, 2020, 7:01 PM IST

Updated : May 23, 2020, 7:18 PM IST

नई दिल्ली: आरजेडी से राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ नेता मनोज झा ने बिहार में क्वॉरेंटाइन सेंटर को टॉर्चर सेंटर बताया. ईटीवी भारत से बात करते हुए उन्होंने कहा कि टॉर्चर सेंटर पर प्रवासी मजदूरों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया जाता है. सुविधाओं का घोर अभाव है. लॉकडाउन के बाद बिहार सरकार को काफी समय मिला था. वो चाहती तो इन केंद्रों की हालत दुरुस्त कर सकती थी. लेकिन ऐसा नहीं किया गया. अब प्रवासी मजदूर आ रहे हैं, तो उन्हें वहीं रखा जा रहा है.

मनोज झा ने कहा कि बिहार सरकार ने प्रवासी मजदूरों को क्वॉरेंटाइन सेंटर पर भगवान भरोसे छोड़ दिया है. प्रवासी मजदूरों को वहां पर जो सुविधा मिलनी चाहिए, वो नहीं मिल रही हैं. यही कारण हैं कि मजदूर प्रदर्शन कर रहे हैं. मजदूर अपनी समस्या किसी को सुनाते हैं, तो पुलिस उनको पीटती है. बिहार के क्वॉरेंटाइन सेंटर की जो हालत है, उसके कारण पूरे देश में राज्य की बदनामी हो रही है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को हम लोग कुछ सुझाव देते हैं, तो वो उसे नहीं मानते.

मनोज झा से बात करते ईटीवी भारत संवाददाता

इसलिए मीडिया को कर दिया बैन
मनोज झा ने कहा कि क्वॉरेंटाइन केंद्रों पर न तो अच्छा खाना मिल रहा है और न ही स्वच्छ पानी. यही वजह है कि मीडिया को प्रतिबंधित कर दिया गया है, ताकि सच उजागर न हो. मनोज झा ने कहा कि अब जाकर नीतीश कुमार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से क्वॉरेंटाइन सेंटर का जायजा ले रहे हैं और मजदूरों से पूछ रहे हैं कि आप की क्या समस्या है.

मनोज झा ने कहा कि यह सिर्फ खानापूर्ति कर रहें हैं, इससे कुछ नहीं होने वाला. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को खुद सभी जिलों के क्वॉरेंटाइन सेंटर पर जाना चाहिए और हालातों का जायजा लेना चाहिए, तभी कुछ सुधार हो सकता है.

नई दिल्ली: आरजेडी से राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ नेता मनोज झा ने बिहार में क्वॉरेंटाइन सेंटर को टॉर्चर सेंटर बताया. ईटीवी भारत से बात करते हुए उन्होंने कहा कि टॉर्चर सेंटर पर प्रवासी मजदूरों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया जाता है. सुविधाओं का घोर अभाव है. लॉकडाउन के बाद बिहार सरकार को काफी समय मिला था. वो चाहती तो इन केंद्रों की हालत दुरुस्त कर सकती थी. लेकिन ऐसा नहीं किया गया. अब प्रवासी मजदूर आ रहे हैं, तो उन्हें वहीं रखा जा रहा है.

मनोज झा ने कहा कि बिहार सरकार ने प्रवासी मजदूरों को क्वॉरेंटाइन सेंटर पर भगवान भरोसे छोड़ दिया है. प्रवासी मजदूरों को वहां पर जो सुविधा मिलनी चाहिए, वो नहीं मिल रही हैं. यही कारण हैं कि मजदूर प्रदर्शन कर रहे हैं. मजदूर अपनी समस्या किसी को सुनाते हैं, तो पुलिस उनको पीटती है. बिहार के क्वॉरेंटाइन सेंटर की जो हालत है, उसके कारण पूरे देश में राज्य की बदनामी हो रही है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को हम लोग कुछ सुझाव देते हैं, तो वो उसे नहीं मानते.

मनोज झा से बात करते ईटीवी भारत संवाददाता

इसलिए मीडिया को कर दिया बैन
मनोज झा ने कहा कि क्वॉरेंटाइन केंद्रों पर न तो अच्छा खाना मिल रहा है और न ही स्वच्छ पानी. यही वजह है कि मीडिया को प्रतिबंधित कर दिया गया है, ताकि सच उजागर न हो. मनोज झा ने कहा कि अब जाकर नीतीश कुमार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से क्वॉरेंटाइन सेंटर का जायजा ले रहे हैं और मजदूरों से पूछ रहे हैं कि आप की क्या समस्या है.

मनोज झा ने कहा कि यह सिर्फ खानापूर्ति कर रहें हैं, इससे कुछ नहीं होने वाला. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को खुद सभी जिलों के क्वॉरेंटाइन सेंटर पर जाना चाहिए और हालातों का जायजा लेना चाहिए, तभी कुछ सुधार हो सकता है.

Last Updated : May 23, 2020, 7:18 PM IST
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