पटना: केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी जुबान और पाकिस्तान की जुबान में कोई अंतर नहीं दिखाई देता. राहुल गांधी हमेशा देश विरोधी बायन और हरकत करते हैं. जब पीएम मोदी ने पूरी दुनिया में मेक इन इंडिया की बात करते हुए विदेशी कंपनियों को बढ़ावा दे रहे हैं. ऐसे में राहुल गांधी ने गलत भाषण दे बैठते हैं.
पटना एयरपोर्ट पहुंचे बेगूसराय से बीजेपी सांसद गिरिराज सिंह ने कहा कि चाणक्य की नीतियों को समझने की जरूरत है. उन्होंने चाणक्य नीतियों को लेकर कहा कि विदेशी महिला की संतान कभी देश की गद्दी पर नहीं बैठ सकता और ऐसा कभी होगा भी नहीं. वहीं उन्होंने कहा कि नकली नाम रख लेने से कोई गांधी नहीं हो जाता. उन्होंने राहुल गांधी के दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित रैली में दिए गए भाषण पर पलटवार किया है.
दरअसल, शनिवार को रामलीला मैदान में कांग्रेस की 'भारत बचाओ' रैली में राहुल गांधी, सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए कई मुद्दों को उछाला. इसी रैली में हुंकार भरते हुए राहुल गांधी ने कहा कि मेरा नाम सावरकर गांधी नहीं राहुल गांधी है. मैं माफी नहीं मांगूगा.
कांग्रेस को सुझाव...
बीजेपी नेता गिरिराज ने पलटवार करते हुए कहा कि नकली नाम रख लेने से कोई गांधी नहीं होता. जिसकी रगों में देश का प्रेम बह सकता वही सावरकर होता है. नेहरू परिवार के किसी सदस्य ने ऐसी यातना नहीं सहन की जैसी सावरकर ने की. चाहिए. गांधी परिवार को सलाह देते हुए गिरिराज सिंह ने कहा कि आपके अंदर वो जमीर जागना चाहिए, जैसा राजेंद्र प्रसाद का था. बहुत शोषण आप लोगों ने देश का कर लिया, अब नहीं.
राहुल गांधी जिस तरह का बयान दे रहे हैं निश्चित तौर पर पूरे विश्व में देश का जग हंसाई कर रहे हैं उन्होंने कहा कि धारा 370 का मामला हो या नागरिकता संशोधन बिल का मामला हो सभी पर उन्होंने पाकिस्तान की भाषा बोली है और हमेशा वह पाकिस्तान के नेताओं की तरह बयान देते रहते हैं- गिरिराज सिंह, केंद्रीय मंत्री
क्यों माफी मांगे राहुल?
बता दें कि राहुल गांधी ने झारखंड में एक चुनावी रैली के दौरान पीएम मोदी के 'मेक इन इंडिया' पर तंज कसते हुए कहा था कि देश अब 'रेप इन इंडिया' जैसे हालातों पर है. इस पर भाजपा सदस्यों ने शुक्रवार को संसद में हंगामा करते हुए उनसे इस टिप्पणी के लिए माफी की मांग की थी. इस बाबत राहुल गांधी ने कहा कि वो राहुल गांधी है. सावरकर नहीं.
सावरकर का जिक्र क्यों?
राहुल का इशारा हिंदूवादी नेता दिवंगत विनायक दामोदर सावरकर पर था. 14 नवंबर, 1913 को ब्रिटिश सरकार को लिखे गए माफी के पत्र की तरफ था. जिसे उन्होंने अंडमान के सेलुलर जेल में बंद रहने के दौरान लिखा था.