पटना: भारत सरकार ने महान गणितज्ञ आइंस्टीन को चुनौती देने वाले बिहार के गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह को मरणोपरांत पद्मश्री अवार्ड देने की घोषणा की है. इस बाबत परिजनों ने खुशी तो जाहिर की, लेकिन उनकी मानें तो वशिष्ठ बाबू को देश के सर्वोच्च सम्मान से नवाजा जाना चाहिए. हालांकि, परिजनों ने कहा कि 'समथिंग इज बेटर दैन नथिंग'.
बीते साल 14 नवंबर को आखिरी सांस लेने वाले महान गणितज्ञ के परिजनों का कहना है कि जीते जी अगर ये सम्मान मिलता तो खुशी दोगुनी होती. उपेक्षा के शिकार हुए वशिष्ठ बाबू को खुशी मिलती. वशिष्ठ नारायण सिंह के भाई अयोध्या प्रसाद सिंह ने मांग करते हुए कहा कि हम बिहार सरकार से मांग करते हैं कि कोईलवर पुल के समानांतर जो सिक्स लेन सड़क बन रही है. उसका नाम वशिष्ठ बाबू के नाम पर हो.
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'पद्म विभूषण के लिए किया था नामांकन'
वशिष्ठ बाबू के भतीजे मुकेश का कहना है कि 2019 में हम लोगों ने वशिष्ठ ट्रस्ट की ओर से नॉमिनेशन किया था कि उन्हें पद्म विभूषण मिले पर पद्मश्री की घोषणा के बाद हम लोग थोड़े निराश हुए हैं. हमें विश्वास था कि पद्म विभूषण मिलेगा. लेकिन हम लोग पद्मश्री से ही संतुष्ट होने वाले नहीं हैं. हम लोग भारत रत्न की मांग करते रहेंगे.
मुकेश ने कहा कि जिस इंसान को नोबेल पुरस्कार का दावेदार बताया जा रहा था. उसे सिर्फ पद्म श्री अवार्ड दिया गया है. उन्हें भारत रत्न मिलना चाहिए. हालांकि, ये प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के एकाधिकार की बात है. हम लोग खुश हैं लेकिन खुशी उतनी नहीं है. जितनी पद्म विभूषण मिलने पर मिलती.
पद्म अवार्ड की घोषणा
सरकार ने इस बार 7 हस्तियों को पद्म विभूषण, 16 को पद्म भूषण और 118 को पद्मश्री पुरस्कार देने का ऐलान किया है. पद्म विभूषण पाने वालों में पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का भी नाम है. वहीं, बात करें बिहार की, तो प्रदेश के कुल 8 महान हस्तियों को पद्म अवार्ड देने की घोषणा हुई है. इनमें से दो प्रमुख नाम, बिहार से सांसद रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस और बिहार का नाम रोशन करने वाले गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह शामिल हैं. दोनों प्रमुख हस्तियों को मरणोपरांत पुरस्कार देने की घोषणा हुई है. बिहार से जुड़े एक काे पद्म विभूषण, तो सात हस्तियों काे पद्म श्री दिए गए.