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पंचायत चुनाव के दौरान कुव्यवस्था पर उठ रहे सवाल, EC ने कहा- DM से मांगी है रिपोर्ट, करेंगे कार्रवाई - चुनाव के दौरान परेशानी

बिहार पंचायत चुनाव के दौरान मतदाताओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिसे लेकर राज्य निर्वाचन आयोग और प्रशासन पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. हालांकि चौथे चरण के मतदान को लेकर आयोग पूरी तरह सख्त दिख रहा है. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Oct 13, 2021, 7:12 AM IST

पटना: बिहार पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election) के तीन चरण संपन्न हो गए हैं, इसके परिणाम भी आ चुके है. तीनों चरणों में यह देखने को मिला है कि राज्य निर्वाचन आयोग (State Election Commission) की तैयारी में कमी रह गई. ऐसा लगा जैसे राज्य निर्वाचन आयोग ने आधी-अधूरी तैयारी के साथ ही पंचायत चुनाव की घोषणा कर दी. मतदाताओं को मतदान केंद्र पहुंचने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से बोगस वोटिंग रोकने के लिए बायोमेट्रिक और ईवीएम का प्रयोग किया गया, लेकिन मतदाताओं की परेशानी जस की तस बनी रही.

इसे भी पढ़ें: पंचायत चुनाव: प्रचार कर रहे युवक को बदमाशों ने मारी गोली, जांच में जुटी पुलिस

पंचायत चुनाव के दौरान हो रही परेशानियों को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग पर सवाल उठाए जा रहे हैं. इसके साथ ही जिस जिले में चुनाव संपन्न हुए हैं, वहां के जिलाधिकारी पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. पंचायत चुनाव में मतदाता अपने पंचायत के विकास के मुद्दे पर बढ़-चढ़कर मतदान कर रहे हैं. लेकिन मतदाताओं को काफी परेशानी भी उठानी पड़ रही है. तीसरे चरण के मतदान के दिन कई जिलों में ऐसी तस्वीर सामने आई कि मतदान केंद्र चुन लिया गया, लेकिन मतदान केंद्र तक पहुंचने का रास्ता ही नहीं था.

देखें रिपोर्ट.

ये भी पढ़ें: पंचायत चुनाव में आगे आ रही आधी आबादी, वोटरों ने कहा-महिलाओं के हक की बात करनेवाले को देंगे वोट

चुनाव के दौरान मतदान केंद्र पूरी तरह से पानी से घिरा हुआ दिख रहा था. जिला प्रशासन और राज्य निर्वाचन की तरफ से ऐसे बूथों पर समीक्षा भी नहीं की गई और न ही ऐसे बूथों को देखने की उन्हें फुर्सत मिली. पहले चरण से लेकर तीसरे चरण तक के चुनाव में यह भी देखने को मिला कि मतदान केंद्रों पर मतदान कर्मी से लेकर के मतदाता बगैर मास्क के ही थे.

इस मामले को लेकर हमने राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव मुकेश कुमार सिन्हा से बात की तो उन्होंने बताया कि कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है. चौथे चरण के तहत जिस जिले में चुनाव होना है, तैयारी चल रही है. वहीं, जब उनसे यह सवाल किया गया कि पहले चरण से लेकर तीसरे चरण तक बूथों पर कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन होता नहीं दिखा, तो इस बात पर उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी गई है. जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

'चौथे चरण के लिए तैयारियां चल रही है. कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है. जिन जिलों में कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया है, उसे लेकर जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी गई है. जिस बूथ का प्रस्ताव जिला देता है, उस पर हमलोग विचार करते हैं और बाढ़ प्रभावित होने की कोई जानकारी नहीं मिली है.' -मुकेश कुमार सिन्हा, सचिव, राज्य निर्वाचन आयोग

इसके साथ ही यह भी सवाल किया गया कि बहुत सारे बूथ पानी से घिरे हुए नजर आए और मतदाताओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. इस सवाल के जवाब पर उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के द्वारा जो बूथ चिन्हित करके प्रस्ताव दिया जाता है, उस पर राज्य निर्वाचन आयोग के द्वारा अमल किया जाता है. सचिव ने कहा कि चौथे चरण से कोविड-19 प्रोटोकॉल को लेकर खासा इंतजाम किया जा रहा है. जिला प्रशासन से लगातार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मीटिंग भी की जा रही है. इसके साथ ही दिशा-निर्देश भी दिया जा रहा है.

अब देखने वाली बात होगी कि निर्वाचन आयोग के बातों का जिला प्रशासन कितना अमल करता है. वहीं, चौथे चरण में कोविड-19 नियमों का कितना पालन कितना होता है. मतदाताओं की सुविधाओं के लिए क्या कुछ व्यवस्था नजर आती है. बता दें कि चौथा चरण का चुनाव 20 अक्टूबर को 36 जिलों के 53 प्रखंडों में होना है.

पटना: बिहार पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election) के तीन चरण संपन्न हो गए हैं, इसके परिणाम भी आ चुके है. तीनों चरणों में यह देखने को मिला है कि राज्य निर्वाचन आयोग (State Election Commission) की तैयारी में कमी रह गई. ऐसा लगा जैसे राज्य निर्वाचन आयोग ने आधी-अधूरी तैयारी के साथ ही पंचायत चुनाव की घोषणा कर दी. मतदाताओं को मतदान केंद्र पहुंचने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से बोगस वोटिंग रोकने के लिए बायोमेट्रिक और ईवीएम का प्रयोग किया गया, लेकिन मतदाताओं की परेशानी जस की तस बनी रही.

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पंचायत चुनाव के दौरान हो रही परेशानियों को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग पर सवाल उठाए जा रहे हैं. इसके साथ ही जिस जिले में चुनाव संपन्न हुए हैं, वहां के जिलाधिकारी पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. पंचायत चुनाव में मतदाता अपने पंचायत के विकास के मुद्दे पर बढ़-चढ़कर मतदान कर रहे हैं. लेकिन मतदाताओं को काफी परेशानी भी उठानी पड़ रही है. तीसरे चरण के मतदान के दिन कई जिलों में ऐसी तस्वीर सामने आई कि मतदान केंद्र चुन लिया गया, लेकिन मतदान केंद्र तक पहुंचने का रास्ता ही नहीं था.

देखें रिपोर्ट.

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चुनाव के दौरान मतदान केंद्र पूरी तरह से पानी से घिरा हुआ दिख रहा था. जिला प्रशासन और राज्य निर्वाचन की तरफ से ऐसे बूथों पर समीक्षा भी नहीं की गई और न ही ऐसे बूथों को देखने की उन्हें फुर्सत मिली. पहले चरण से लेकर तीसरे चरण तक के चुनाव में यह भी देखने को मिला कि मतदान केंद्रों पर मतदान कर्मी से लेकर के मतदाता बगैर मास्क के ही थे.

इस मामले को लेकर हमने राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव मुकेश कुमार सिन्हा से बात की तो उन्होंने बताया कि कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है. चौथे चरण के तहत जिस जिले में चुनाव होना है, तैयारी चल रही है. वहीं, जब उनसे यह सवाल किया गया कि पहले चरण से लेकर तीसरे चरण तक बूथों पर कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन होता नहीं दिखा, तो इस बात पर उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी गई है. जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

'चौथे चरण के लिए तैयारियां चल रही है. कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है. जिन जिलों में कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया है, उसे लेकर जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी गई है. जिस बूथ का प्रस्ताव जिला देता है, उस पर हमलोग विचार करते हैं और बाढ़ प्रभावित होने की कोई जानकारी नहीं मिली है.' -मुकेश कुमार सिन्हा, सचिव, राज्य निर्वाचन आयोग

इसके साथ ही यह भी सवाल किया गया कि बहुत सारे बूथ पानी से घिरे हुए नजर आए और मतदाताओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. इस सवाल के जवाब पर उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के द्वारा जो बूथ चिन्हित करके प्रस्ताव दिया जाता है, उस पर राज्य निर्वाचन आयोग के द्वारा अमल किया जाता है. सचिव ने कहा कि चौथे चरण से कोविड-19 प्रोटोकॉल को लेकर खासा इंतजाम किया जा रहा है. जिला प्रशासन से लगातार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मीटिंग भी की जा रही है. इसके साथ ही दिशा-निर्देश भी दिया जा रहा है.

अब देखने वाली बात होगी कि निर्वाचन आयोग के बातों का जिला प्रशासन कितना अमल करता है. वहीं, चौथे चरण में कोविड-19 नियमों का कितना पालन कितना होता है. मतदाताओं की सुविधाओं के लिए क्या कुछ व्यवस्था नजर आती है. बता दें कि चौथा चरण का चुनाव 20 अक्टूबर को 36 जिलों के 53 प्रखंडों में होना है.

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