पटना: भाजपा और जदयू (Bjp and Jdu) के बीच 27 साल पुराना रिश्ता है. इन दोनों दलों के रिश्तो में कई बार खटास भी आए और बीच में एक बार तलाक भी हुआ. लेकिन थोड़े अंतराल के बाद दोनों दल एक साथ आ गए. ललन सिंह की जदयू के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष (National President of JDU) के रूप में ताजपोशी हुई है. जिससे आने वाले समय में भाजपा और जदयू के रिश्ते और राजनीति की दिशा और दशा तय होगी.
ये भी पढ़ें- नीतीश ने यूं ही नहीं सौंपी सवर्ण समाज से आने वाले ललन सिंह को JDU की कमान, भरोसे की वजह समझिए
केंद्रीय मंत्री बनने के बाद आरसीपी सिंह ने राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ दिया और संसदीय दल के नेता ललन सिंह को जदयू का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया. जदयू के संविधान में एक व्यक्ति एक पद का सिद्धांत है. ऐसे में आरसीपी सिंह ने मंत्री बनने के बाद अध्यक्ष पद छोड़ दिया और उन्होंने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में ललन सिंह के नाम को राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए आगे बढ़ाया.
दरअसल आरसीपी सिंह के भाजपा नेताओं के साथ अच्छे रिश्ते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पसंद होने के चलते आरसीपी सिंह मंत्री बनाए गए हैं. आरसीपी सिंह के बाद जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में संसदीय दल के नेता ललन सिंह की ताजपोशी हुई है. ऐसे में नीतीश कुमार की राजनीति को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी अब ललन सिंह के कंधों पर है.
ये भी पढ़ें- अपने राजनीतिक फैसलों से नीतीश कुमार ने जितना चौंकाया, उतना ही JDU को उलझाया भी
बता दें कि एक समय ऐसा था जब शरद यादव जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे और उन्हीं के हस्तक्षेप के बाद नीतीश और लालू प्रसाद यादव में नजदीकियां बढ़ी थी. नीतीश कुमार ने महागठबंधन की रूपरेखा तय की थी. लेकिन कुछ ही समय में महागठबंधन से उनका मोह भंग हो गया और एनडीए गठबंधन का हिस्सा बन गये. उस दौरान शरद यादव भी किनारे कर दिए गए.
वहीं, ललन सिंह के जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाये जाने पर भाजपा प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा है कि जदयू में कौन राष्ट्रीय अध्यक्ष बनता है, यह उनका आंतरिक मामला है. लेकिन जब तक नीतीश कुमार पार्टी के नेता हैं, तब तक भाजपा और जदयू के रिश्तो में दरार नहीं आएगी.
ये भी पढ़ें- ललन सिंह बने JDU के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष, RCP सिंह ने दिया इस्तीफा
जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है कि ललन सिंह पार्टी के पुराने और मजबूत नेता है. उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद भाजपा के साथ हमारे रिश्ते और मजबूत होंगे.
हालांकि इस मामले में राजनीतिक विश्लेषक डॉ. संजय कुमार का मानना है कि भाजपा और जदयू के रिश्ते कितनी दूर चलेंगे और कितने मजबूत होंगे? यह राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूख पर निर्भर करेगा. राष्ट्रीय अध्यक्ष अगर बीजेपी माइंडेड होंगे तो गठबंधन लंबा चलेगा. लेकिन राष्ट्रीय अध्यक्ष की विचारधारा महागठबंधन से जुड़ी होगी तो गठबंधन की गाड़ी बहुत दूर तक नहीं चल पाएगी.