ETV Bharat / state

जंग की जमीन तैयार, CAA पर लड़ेगा बिहार!

बिहार में 2020 में बिहार विधानसभा के सत्ता की हुकूमत की लड़ाई सियासी गोलबंदी के साथ मुद्दों की राजनीति अपने तरकश में बटोर रही है. ऐसे में हर सियासी दल अपने फायदे और नुकसान को लेकर गुणा-गणित करने में जुटा है.

डिजाइन फोटो
डिजाइन फोटो
author img

By

Published : Jan 10, 2020, 11:53 PM IST

पटना: सीएएए पर केंद्र सरकार की अधिसूचना के बाद बिहार में भाजपा और जदयू गठबंधन के बीच तकरार बढ़ेगी. क्योंकि नीतीश कुमार पहले ही कह चुके हैं कि बिहार में सीएए को लेकर अभी विचार किया जाएगा.

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पूरे देश में 10 जनवरी से नागरिकता कानून को लागू कर दिया है. गृह मंत्रालय ने भारत राजपत्र से नागरिक कानून की अधिसूचना जारी कर दी. देश में 10 जनवरी से नागरिक कानून लागू हो गया है.

patna
गृह मंत्रालय का अधिसूचना

बिहार में 2020 में बिहार विधानसभा के सत्ता की हुकूमत की लड़ाई सियासी गोलबंदी के साथ मुद्दों की राजनीति अपने तरकश में बटोर रही है. ऐसे में हर सियासी दल अपने फायदे और नुकसान को लेकर गुणा-गणित करने में जुटा है. बीजेपी नागरिकता कानून को लेकर पूरे देश में अभियान चला रही है. यहीं से बिहार में एनडीए गठबंधन के बीच सियासत की नई जंग हो गई है. जिससे बिहार में विपक्ष की सियासत का स्वरूप खड़ा हो जाएगा.

बीजेपी चलाएगी जागरूकता अभियान
नागरिकता कानून को लेकर भाजपा ने बिहार को अपना बड़ा केंद्र बना लिया है. इसके चलते बीजेपी ने जागरूकता अभियान से लेकर केंद्रीय बीजेपी नेतृत्व में बिहार में अपनी तैयारी शुरू कर दी है. इसी क्रम में बिहार के गया में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 14 जनवरी को रैली करेंगे. बिहार के लोगों को भाजपा की नीति और रणनीति से अवगत कराएंगे. वहीं, देश के गृह मंत्री अमित शाह 16 जनवरी को बिहार का दौरा करेंगे और नागरिकता कानून को लेकर लोगों के बीच सरकार का पक्ष रखेंगे.

2020 में है विधानसभा चुनाव
2020 में बिहार विधानसभा चुनाव इन नीतियों के आधार पर लड़ा जाना है कि बिहार में जेडीयू और बीजेपी के बीच लड़ाई और समन्वय के जो हालात हैं, उसे सुधार लिए जाएंगे. लेकिन, नागरिकता कानून को लेकर जिस तरीके से जदयू के प्रशांत किशोर ने विरोध किया था, उससे एक बात तो साफ है कि बिहार में नागरिकता कानून को लेकर बीजेपी और जदयू के बीच रिश्ते बहुत ठीक रहने वाले नहीं हैं.

patna
नागरिकता अधिनियम

10 जनवरी को अधिसूचना जारी
राजनीति और सियासत की तमाम बातों के बाद 10 जनवरी को गृह मंत्रालय ने नागरिकता कानून की अधिसूचना जारी कर दी. नागरिकता कानून लागू होने के साथ ही बिहार में सियासत में नए जंग की शुरुआत मानी जा रही है. हालांकि बीजेपी और जदयू के बीच इस बात को लेकर लगातार बयान दिया जा रहा है कि हालात सामान्य हैं.

CM फेस को लेकर राजनीति
हालांकि, बिहार के नेताओं द्वारा सरकार का चेहरा बदलने, बीजेपी का मुख्यमंत्री बनाने, नीतीश को राजनीति की नई डगर बिहार में खड़ा करने और बीजेपी के गठबंधन को नए तरीके से तैयार करने को लेकर जो बयानों का दौर चल रहा है. उसमें नागरिकता कानून एक और बड़ी लड़ाई खड़ा करेगा. देखना यही है कि 2020 के फतेह के लिए जिस स्वरूप को खड़ा करने में बीजेपी और जदयू लगी है उसमें नागरिकता कानून की पेशी दिया साथ चलने में कहां तक सही राह दिखा पाती है.

पटना: सीएएए पर केंद्र सरकार की अधिसूचना के बाद बिहार में भाजपा और जदयू गठबंधन के बीच तकरार बढ़ेगी. क्योंकि नीतीश कुमार पहले ही कह चुके हैं कि बिहार में सीएए को लेकर अभी विचार किया जाएगा.

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पूरे देश में 10 जनवरी से नागरिकता कानून को लागू कर दिया है. गृह मंत्रालय ने भारत राजपत्र से नागरिक कानून की अधिसूचना जारी कर दी. देश में 10 जनवरी से नागरिक कानून लागू हो गया है.

patna
गृह मंत्रालय का अधिसूचना

बिहार में 2020 में बिहार विधानसभा के सत्ता की हुकूमत की लड़ाई सियासी गोलबंदी के साथ मुद्दों की राजनीति अपने तरकश में बटोर रही है. ऐसे में हर सियासी दल अपने फायदे और नुकसान को लेकर गुणा-गणित करने में जुटा है. बीजेपी नागरिकता कानून को लेकर पूरे देश में अभियान चला रही है. यहीं से बिहार में एनडीए गठबंधन के बीच सियासत की नई जंग हो गई है. जिससे बिहार में विपक्ष की सियासत का स्वरूप खड़ा हो जाएगा.

बीजेपी चलाएगी जागरूकता अभियान
नागरिकता कानून को लेकर भाजपा ने बिहार को अपना बड़ा केंद्र बना लिया है. इसके चलते बीजेपी ने जागरूकता अभियान से लेकर केंद्रीय बीजेपी नेतृत्व में बिहार में अपनी तैयारी शुरू कर दी है. इसी क्रम में बिहार के गया में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 14 जनवरी को रैली करेंगे. बिहार के लोगों को भाजपा की नीति और रणनीति से अवगत कराएंगे. वहीं, देश के गृह मंत्री अमित शाह 16 जनवरी को बिहार का दौरा करेंगे और नागरिकता कानून को लेकर लोगों के बीच सरकार का पक्ष रखेंगे.

2020 में है विधानसभा चुनाव
2020 में बिहार विधानसभा चुनाव इन नीतियों के आधार पर लड़ा जाना है कि बिहार में जेडीयू और बीजेपी के बीच लड़ाई और समन्वय के जो हालात हैं, उसे सुधार लिए जाएंगे. लेकिन, नागरिकता कानून को लेकर जिस तरीके से जदयू के प्रशांत किशोर ने विरोध किया था, उससे एक बात तो साफ है कि बिहार में नागरिकता कानून को लेकर बीजेपी और जदयू के बीच रिश्ते बहुत ठीक रहने वाले नहीं हैं.

patna
नागरिकता अधिनियम

10 जनवरी को अधिसूचना जारी
राजनीति और सियासत की तमाम बातों के बाद 10 जनवरी को गृह मंत्रालय ने नागरिकता कानून की अधिसूचना जारी कर दी. नागरिकता कानून लागू होने के साथ ही बिहार में सियासत में नए जंग की शुरुआत मानी जा रही है. हालांकि बीजेपी और जदयू के बीच इस बात को लेकर लगातार बयान दिया जा रहा है कि हालात सामान्य हैं.

CM फेस को लेकर राजनीति
हालांकि, बिहार के नेताओं द्वारा सरकार का चेहरा बदलने, बीजेपी का मुख्यमंत्री बनाने, नीतीश को राजनीति की नई डगर बिहार में खड़ा करने और बीजेपी के गठबंधन को नए तरीके से तैयार करने को लेकर जो बयानों का दौर चल रहा है. उसमें नागरिकता कानून एक और बड़ी लड़ाई खड़ा करेगा. देखना यही है कि 2020 के फतेह के लिए जिस स्वरूप को खड़ा करने में बीजेपी और जदयू लगी है उसमें नागरिकता कानून की पेशी दिया साथ चलने में कहां तक सही राह दिखा पाती है.

Intro:Body:Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.