पटना: सूबे में विधानसभा चुनाव तीन चरणों में कराया जाना है. पहले चरण में 71, दूसरे चरण में 94 और तीसरे चरण में 78 विधानसभा में निर्वाचन होना है. वहीं चुनाव आयोग की रिपोर्ट के अनुसार पहले चरण के विधानसभा क्षेत्रों में अधिकांश क्षेत्र नक्सल प्रभावित हैं. चुनाव आयोग की रिपोर्ट के अनुसार राज्य में कुल 63 विधानसभा क्षेत्र पूरी तरह से नक्सल प्रभावित हैं और 28 विधानसभा क्षेत्र आंशिक नक्सल प्रभावित हैं. दियारा और नदी वाले इलाकों को भी इसमें जोड़ा जाता है.
आयोग ने इन इलाकों में मतदान के लिए विशेष तैयारी कर रखी है. जमीन, पानी और हवा तीनों से चुनाव के वक्त निगरानी की जाएगी. इन इलाकों के हर मतदान केंद्रों पर अर्धसैनिक बलों की तैनाती सुनिश्चित की गई है. इसके अलावा तमाम दियारा इलाकों में नदी में, मोटर बोट के द्वारा पेट्रोलिंग की जाएगी. चुनाव से 24 घंटे पूर्व ही नदी में आवागमन सामान्य तौर पर बंद कर दिया जाता है. वही हेलीकॉप्टर के माध्यम से जंगलों और पहाड़ों पर निगरानी रखी जाएगी.
स्ट्रांग रूम तक जाने में विशेष सतर्कता
बता दें कि इन इलाकों में मतदान का समय कम होता है. हालांकि कोविड-19 के कारण चुनाव आयोग ने कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए अतिरिक्त एक घंटा बढ़ाने का निर्णय लिया है. गौरतलब है कि ईवीएम मशीन के कारण मतदान केंद्रों से ज्यादा पोलिंग पार्टी द्वारा मतदान कराकर स्ट्रांग रूम तक जाने में विशेष सतर्कता बरतनी होती है. जिसके कारण शाम होने से पहले ही स्ट्रांग रूम तक मशीन पहुंचाने की पूरी तैयारी की जाती है.
नक्सल प्रभावित विधानसभा क्षेत्र.
- मुजफ्फरपुर के 6
- औरंगाबाद के 6
- वैशाली के 5
- गया के 5
- जहानाबाद के 3
- नवादा के 2
- पटना के 3
- रोहतास के 4
- अरवल के 2
- कैमूर के 1
- सीतामढ़ी के 2
- शिवहर के 1
- सारण के 2
- गोपालगंज के 1
- पश्चिमी चंपारण के 2
- पूर्वी चंपारण के 1
- समस्तीपुर के 1
- भागलपुर के 1
- मुंगेर के 3
- जमुई के 3
- लखीसराय का 1
- बेगूसराय का 3
- खगड़िया का 2
आंशिक रूप से नक्सल प्रभावित विधानसभा क्षेत्र.
- गया के 4
- मुजफ्फरपुर के 4
- पूर्वी चंपारण के 4
- बेगूसराय के 3
- सारण का 1
- वैशाली का 2
- पटना का 1
- नालंदा का 1
- खगड़िया का 1
- जमुई का 1
- भागलपुर का 1
- औरंगाबाद का 1