पटना: कोरोना वायरस को लेकर पूरे देश में लॉक डाउन हैं. ऐसे में राजधानी पटना में प्रतिदिन कमा कर खाने वाले लोगों का हाल बेहाल होता जा रहा है. हालांकि, कई सामाजिक संस्थाएं और जिला प्रशासन सड़क किनारे जीवन बसर कर रहे लोगों को भोजन बांटते रहती है. पटना की सड़कों पर बेसहारों को भोजन ना केवल दिन में बल्कि रात में भी बांटा जाता है.
'सोशल डिस्टेंस मेंटेन कर बांटा जा रहा भोजन'
बेसहारों के लिए सरकार राजधानी पटना समेत कई जगहों पर कम्यूनिटी किचन का संचालन भी किया जा रहा है. प्रदेश में कई राहत कैंप भी चलाए जा रहें है. बावजूद शहर में कई समाजिक कार्यकर्ता बेसहारों के बीच भोजन का वितरण कर रही है. बता दें कि पटना में लाखों की संख्या में ऐसे लोग फुटपाथ पर जीवन गुजर-बसर करने वाले लोग है. जो प्रतिदन कमा कर दो वक्त का भोजन जुटाते थे.लॉक डाउन होने के बाद उनकी स्थिति बद से बदतर होती चली जा रही है. जिसको देखते हुए पटना में कई सामाजिक संस्था और कार्यकर्ता दिन-रात गरीबों में भोजन का वितरण कर रही है. जिला प्रशासन ने लॉकडाउन का पालन करने के लिए भोजन बांटने का आदेश नहीं दिया है. हालांकि, प्रशासन ने कुछ ऐसे समाजिक संस्थाओं को छूट दे रखी है. जो जो सोशल डिस्टेंस मेंटेन करते हुए गरीब लोगों के बीच खाद्य पदार्थ बांट रहे हैं.
बिहार में तेजी से बढ़ रहा संक्रमण के मामले
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के संक्रमण पर नियंत्रण के लिए पीएम मोदी ने पूरे देश में लॉक डाउन करने का आदेश जारी किया गया है. जिला प्रशासन राजधानी पटना में पूरी सख्ती से लॉक डाउन का पालन करवा रही है. बता दें कि देश में कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को रात 12 बजे से पूरे देश में 21 दिन का लॉकडाउन घोषित किया था. पूरे देशभर में लॉक डाउन 14 अप्रैल तक लागू रहेगा. देश में कोरोना से संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. पूरे देश में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 14 सौ की संख्या को पार कर चुका है. इस वायरस के दंश से लगभग 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, प्रदेश में कोरोना के 29 मामले पॉजिटिव पाए गए है. जबकि, इस वायरस के कारण 1 की मौत हो चुकी है.