पटना: बिहार में एकतरफ नीतीश सरकार चौपट शिक्षा व्यवस्था को सुधारने में लगी है तो दूसरी तरफ यहां के लोग इसका बंटाधार करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे. सरकार की महत्वकांक्षी उन्नयन योजना, जिसके तहत राज्य के सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लासेज के जरिये बच्चों को पढ़ाये जाने की शुरूआत की गई थी, उसे चोरों की नजर लग गई. स्कूलों में लगे स्मार्ट टीवी को राज्य के विकास के प्रति असंवेदनशील चोरों ने चुरा लिये.
उन्नयन योजना की शुरुआत सबसे पहले बांका जिले में की गई थी. जिसके तहत सरकारी विद्यालयों में स्मार्ट क्लासेज के जरिए बच्चों को पढ़ाने की परंपरा शुरू की गई. बांका में इसकी सफलता को देखते हुए बिहार सरकार ने पूरे बिहार में इसे लागू करने की योजना बनाई और शिक्षक दिवस के अवसर पर 5 सितंबर से इसे पूरे बिहार में लागू कर दिया गया. लेकिन शुरू होने के बाद ही यह महत्वाकांक्षी योजना चोरों के निशाने पर आ गई है.
90 फीसदी स्कूलों में नहीं है नाइट गार्ड
दरभंगा, मुजफ्फरपुर, सहरसा और मधेपुरा समेत कई जगहों से चोरों ने स्कूल में लगे स्मार्ट टीवी के पूरे सिस्टम को ही चुरा लिया. जिसके बाद अब ये सवाल उठने लगे हैं कि जब प्रदेश भर के करीब 90 फीसदी स्कूलों में नाइट गार्ड नहीं है तो फिर इतना खर्च कर स्मार्ट टीवी और पूरा सिस्टम क्यों लगा दिया गया.
स्कूलों से चोरी हो रहे स्मार्ट टीवी
हालांकि सरकार की तरफ से इसे लेकर पहले ही गाइडलाइन जारी की गई थी. उन्नयन बिहार के लिए राशि निर्गत करने के साथ ही बिहार शिक्षा परियोजना ने यह गाइडलाइन जारी की थी कि सभी स्कूलों को अपने स्कूल फंड से एक चौकीदार को रखना जरूरी होगा, जो स्थानीय होना चाहिए और उसके लिए 5000 रुपये प्रति महीने की पगार भी तय कर दी गई थी. लेकिन जाहिर तौर पर स्कूलों ने इस गाइडलाइन को नहीं माना. जिसका नतीजा ये हुआ कि अब धड़ाधड़ ऐसे स्कूलों से स्मार्ट टीवी सेट चोरी हो गये.
नाइट गार्ड के लिये मुहैया कराया जा रहा फंड
बता दें कि सरकार ने सभी स्कूलों को इसके लिए 90,000 का फंड जारी किया, जिसमें एलइडी टीवी के साथ माइक, स्पीकर, इनवर्टर, बैटरी और पेन ड्राइव आदि लगाए गए हैं. इस बारे में उन्नयन बिहार की राज्य परियोजना प्रबंधक किरण कुमारी ने बताया कि चोरी की इन घटनाओं को रोकने की कोशिश हो रही है. जिन स्कूलों के पास फंड नहीं है उन्हें नाइट गार्ड के लिए फंड भी मुहैया कराये जा रहे हैं.
स्कूलों से कंप्यूटर भी हो गये थे चोरी
किरण कुमारी ने बताया कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिये विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों के साथ बैठक हो रही है. बता दें कि इससे पहले भी सभी छात्रों को कंप्यूटर की शिक्षा देने के लिये सभी हाईस्कूल और प्लस टू स्कूलों में 2011 में ही कंप्यूटर लगाए गए थे. हर स्कूल को कंप्यूटर मुहैया कराए गए थे लेकिन इनमें से ज्यादातर स्कूलों के कंप्यूटर चोरी हो चुके हैं.