पटनाः नौकरी के लिए विदेश जाने के मामले में फिलहाल बिहार में सिवान (Siwan District) पहले नंबर पर है. क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय पटना के आंकड़ों की मानें तो पिछले साल सिवान के लोगों को 37,546 पासपोर्ट दिया गया. वहीं इस साल 7 महीनों में 16,283 पासपोर्ट दिया गया. सिवान से सबसे अधिक लोग मिडिल ईस्ट देशों में रोजगार के लिए जाते हैं. हालांकि कोरोना के समय विदेश जाने वालों पर असर पड़ा है. लेकिन अभी भी पासपोर्ट बनाने में सिवान, पटना और गोपालगंज जिला टॉप पर है.
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क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय पटना के अनुसार पूरे बिहार में पासपोर्ट बनाने के लिए 2020 में 2,89,700 आवेदन प्राप्त हुए थे. जबकि 3,05,300 पासपोर्ट जारी हुए. इसमें कुछ 2019 के पुराने आवेदन भी शामिल थे. जहां सिवान, पटना और गोपालगंज टॉप पर रहे तो वहीं सबसे कम पासपोर्ट शेखपुरा में 895, शिवहर में 974, अरवल में 1102 और लखीसराय में 1196 पासपोर्ट लोगों ने बनाया.
क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय पटना के अनुसार 2021 में 7 महीने में 1,35,759 आवेदन आए और उसमें से 1,22,195 लोगों को पासपोर्ट निर्गत किया गया. सिवान जिले के लोगों को 16,283 सबसे अधिक पासपोर्ट जारी किया गया है. और उसके बाद ही दूसरे जिलों का स्थान है. इनमें गोपालगंज 14,022 दूसरे स्थान पर है. पटना 11656 तीसरे स्थान पर आता है. उसके बाद मुजफ्फरपुर को 5383, बेतिया को 4400, गया को 3442 और पूर्णिया के 3240 लोगों ने पासपोर्ट बनवाए हैं.
जिला | 2019-2020 में बने पासपोर्ट |
सिवान | 37,546 |
पटना | 34,246 |
गोपालगंज | 27,890 |
मुजफ्फरपुर | 16,416 |
सारण | 15,310 |
पश्चिम चंपारण | 15,255 |
पूर्वी चंपारण | 14,900 |
चूंकि 2019-2020 में कोरोना के कारण कई पाबंदियां थीं. फिर भी इस दौरान सबसे अधिक सिवान के ही लोगों ने पासपोर्ट बनवाए. इन जगहों के लोग परदेस की यात्रा पर गए. वहीं पटना और गोपालगंज भी सिवान के बाद रेस में सबसे आगे है.
जिला | 2021 में 7 महीनों में बने पासपोर्ट |
सिवान | 16,283 |
गोपालगंज | 14,022 |
पटना | 11,656 |
मुजफ्फरपुर | 5383 |
बेतिया | 4400 |
गया | 3442 |
पूर्णिया | 3240 |
'बिहार में बेरोजगारी पहले से ही काफी अधिक है. अब 11 से 12% तक पहुंच गई है. बिहार क्या पूरे देश में बेरोजगारी का दर बढ़ रहा है. ऐसे सिवान, गोपालगंज से पहले भी बड़ी संख्या में लोग मिडिल ईस्ट के देशों में रोजगार के लिए और अधिक वेतन मिले, इसके लिए जाते थे. कोरोना के कारण कुछ असर पड़ा है लेकिन अभी भी इन क्षेत्रों से अधिक से अधिक लोग पासपोर्ट बना रहे हैं. इसका एकमात्र कारण ही है यहां उन्हें नौकरी का अभाव है. वही मिडिल ईस्ट के देशों में रोजगार के लिए लोग जाना चाहते हैं. क्योंकि वहां रोजगार के साथ अच्छा इनकम भी हो जाता है.' -डॉ. विद्यार्थी विकास, विशेषज्ञ, एएन सिन्हा शोध संस्थान
क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय के आंकड़ों से साफ है कि सिवान, पटना और गोपालगंज लगातार सबसे अधिक पासपोर्ट बनाने वाले जिलों में हैं. पासपोर्ट सेवा केंद्र पटना में हमेशा भीड़ लगी रहती है. बता दें कि बिहार में बेरोजगारी दर लगातार बढ़ रही है. विधानसभा चुनाव में यह एक बड़ा मुद्दा भी बना था.
'सिवान में कोई रोजगार नहीं है. दुबई में रोजगार मिल रहा है. ज्यादा सैलरी भी मिलेगी. मैं पासपोर्ट बनवाने पहुंचा हूं. काम में देरी हो रही है.' -कृष्णा यादव, युवा, सिवान
'हर व्यक्ति की इच्छा होती है कि हम जहां हैं, वहां से आगे जाएं. गांव के लोग पटना आना चाहते हैं. पटना के लोग दिल्ली जाकर पढ़ना चाहते हैं और नौकरी करना चाहते हैं. जो लोग स्किल्ड हैं और उन्हें लगता है कि वे फलां जगह पर जाकर अच्छा कर सकते हैं, तो वे जाते हैं.' -प्रोफेसर सुहेली मेहता, प्रवक्ता जदयू
जानकार बताते हैं कि विदेश जाने वाले लोगों में अधिकांश ड्राइवर, इलेक्ट्रिशियन, सिक्योरिटी गार्ड विभिन्न तरह के तकनीकी काम करने वाले होते हैं. शिक्षण संस्थानों में पढ़ाने के लिए हायर एजुकेशन की डिग्री वाले लोग भी जाते हैं. इसके अलावा डॉक्टर और इंजीनियर भी विदेश में अच्छी नौकरी के लिए जाते हैं. हालांकि खाड़ी के देशों में जानेवाले सबसे अधिक आईटीआई से स्किल्ड लोग ही ज्यादा होते हैं. वहीं अमेरिका, ब्रिटेन, सिंगापुर जैसे देशों में जानेवाले इंजीनियर और डॉक्टर की संख्या अधिक होती है.
कोरोना के कारण पिछले 2 सालों में रोजगार के लिए विदेश जाने वाले लोगों के मंसूबे पर जरूर असर पड़ा है. बड़ी संख्या में बाहर से लोग इंडिया भी लौटे हैं. उसके बाद भी सिवान, गोपालगंज जैसे जिलों के लोग पासपोर्ट बना कर रख लेना चाहते हैं और इसीलिए लगातार टॉप पर पासपोर्ट बनाने में इन जिलों के लोग हैं.
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