पटना: पटना साहिब लोकसभा और पटना साहिब विधान सभा पहले पटना पूर्वी लोकसभा और पटना पूर्वी विधान सभा के नाम से जाना जाता था. लेकिन, सिखों के दसवें और अंतिम गुरु श्री गुरुगोविंद सिंह जी महाराज के जन्मस्थली के कारण इस क्षेत्र का नाम पटना साहिब लोकसभा और पटना साहिब विधानसभा रखा गया. कहा जाता है कि इलाके के सिखों ने चुनाव आयोग के सामने नाम बदलने की मांग रखी थी. तब इस क्षेत्र की महत्ता को समझते हुए आयोग ने इनकी बात स्वीकार की.
पटना साहिब लोकसभा या विधान सभा गुरुगोविंद सिंह के नाम पर तो जरूर जाना जाने लगा. लेकिन, इस लोकसभा या विधानसभा का दुर्भाग्य है कि आजतक इस सीट पर एकबार भी सिख समाज से किसी को टिकट नहीं मिला. इसका कारण यह कि यहां सिखों की आबादी महज 12 हजार है. अल्पसंख्यक होने के कारण आजतक इन्हें किसी भी चुनाव में किसी पार्टी ने टिकट नहीं दिया.
क्या कहते हैं पटना साहिब के सिख?
इसबार पटना साहिब लोकसभा चुनाव को लेकर सिखों की राय जानने के लिए ईटीवी संवाददाता तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब गुरुद्वारा पहुंचे. वहां उन्होंने लोगों से उनकी राय पूछी. ज्यादातर स्थानीय सिखों ने बताया कि पटना साहिब में सिख समाज ने कितने सांसद और विधायक को जिताया. लेकिन, किसी ने सिखों के लिए कोई खास काम नहीं किया.
शत्रुघ्न सिन्हा से दिखे नाराज
सिखों का आरोप है कि सभी जनप्रतिनिधियों ने सिखों की उपेक्षा की है. इस सीट से सिने स्टार शत्रुघ्न सिन्हा उर्फ बिहारी बाबू दो बार भाजपा के सांसद रहे. लेकिन, विकास के नाम पर कुछ खास नहीं हुआ. वहीं कुछ सिख इस साल हुए प्रकाश पर्व के मौके पर सरकार की ओर से किए गए इंतजामों से काफी संतुष्ट दिखे.