पटना: राजद के वरिष्ठ दलित नेता और पूर्व मंत्री श्याम रजक ने कि जीतन राम मांझी दलितों की चर्चा कर रहे हैं. सम्मानित नेता भी हैं लेकिन एक भी ऐसा संघर्ष बता दें जो दलितों के लिए उन्होंने किया है. श्याम रजक ने कहा कि प्रमोशन में आरक्षण का जब मामला आया तो हम सभी दलित नेताओं ने उनसे कहा था कि आप नेतृत्व कीजिए. लेकिन, उन्होंने नेतृत्व करने का काम नहीं किया.
'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कहना चाहता हूं कि उनके मुख्य संगठन आरएसएस ने बाबा साहब अंबेडकर का कितना अपमान किया था. कोई व्यक्ति दलित में जन्म लेने से दलितों का नेता नहीं हो सकता है, दलितों के लिए संघर्ष करना पड़ता है.'- श्याम रजक, राजद के वरिष्ठ दलित नेता सह पूर्व मंत्री
मांझी ने संविधान का पालन नहीं कियाः श्याम रजक ने कहा कि केंद्र में बैठी सरकार से हम लोग मांग करते रहे कि कोर्ट ने जो फैसला दिया है उसके खिलाफ संविधान में संशोधन कीजिए. लेकिन, उसको लेकर कभी जीतन राम मांझी ने कुछ नहीं कहा. नीतीश कुमार के बयान को किस ढंग से देख रहे हैं, इस पर श्याम रजक ने कहा कि याद कीजिए नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनाने के बाद उस कैबिनेट में हम लोग भी मंत्री थे. जीतन मांझी ने मंत्रिमंडल में क्या-क्या किया था. इन्होंने कितना संविधान का पालन किया था.
मांझी ने दलितों के लिए कुछ नहीं कियाः श्याम रजक ने कहा कि जीतन राम मांझी को सिर्फ अपनी कुर्सी प्यारी थी. येन केन प्रकार अपनी कुर्सी बचा कर रखना चाहते थे. श्याम रजक ने कहा कि हम तो कहेंगे आज बहुत दर्द में हैं प्रधानमंत्री तो इनको क्यों नहीं राज्यपाल बना देते हैं. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के इस बयान पर कि नीतीश कुमार ने जिस प्रकार से बयान दिया, वह सही नहीं था इस पर श्याम रजक ने कहा कि बयान किसने क्या दिया हम उस पर नहीं जाते हैं. हम तो जीतन राम मांझी के बारे में ही बोल रहे हैं कि उन्होंने दलितों के लिए कुछ नहीं किया है.
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