नई दिल्ली/पटना: बिहार में राज्यसभा की 5 सीटों पर चुनाव होने हैं. इसमें 3 सीट पर एनडीए और 2 सीट पर महागठबंधन ने उम्मीदवार उतारा है. महागठबंधन में आरजेडी ने ही दोनों सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं. संभावना ऐसी जताई जा रही थी कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोकतांत्रिक जनता दल के प्रमुख शरद यादव को राज्यसभा भेजा जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
हालांकि, एलजेडी भी बिहार महागठबंधन का ही हिस्सा है. शरद यादव लंबे समय से संसद में बिहार का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं. कांग्रेस भी एक सीट मांग रही थी, लेकिन कांग्रेस को भी आरजेडी ने सीट नहीं दी. वहीं, शरद यादव को राज्यसभा नहीं भेजने पर बिहार एलजेडी के नेता आरजेडी के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोले हुए हैं.
महागठबंधन के नेताओं के साथ करूंगा बैठक
इसको लेकर शरद यादव ने कहा कि मैं अभी इस मुद्दे पर बातचीत नहीं कर पाउंगा. लेकिन इस संबंध में मैं महागठबंधन के नेताओं से बातचीत करूंगा. उन्होंने कहा कि महागठबंधन के नेताओं के साथ बैठक करने के बाद ही अपना स्टैंड क्लियर कर आगे की रणनीति तय करूंगा.
बिहार आएंगे शरद यादव
बता दें कि शरद यादव अगले सप्ताह बिहार का दौरा करेंगे. उन्होंने कहा कि 6 साल के लिए राज्यसभा तो मुझे भेजा ही गया था, लेकिन मेरी सदस्यता छिनवा दी गई. एलजेडी प्रमुख ने ये भी बताया कि ये मामला कोर्ट में चल रहा है.
महागठबंध में दरार!
बता दें कि पिछले लंबे समय से बिहार महागठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. आरजेडी ने ऐलान किया था कि तेजस्वी यादव ही महागठबंधन के सीएम कैंडिडेट होंगे. लेकिन हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी, विकासशील इंसान पार्टी ने तेजस्वी के नाम पर सहमति नहीं दी है. वहीं, राज्यसभा सीट को लेकर भी महागठबंधन में तकरार दिख रहा है.