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पटना में अब भी झूल रहे जर्जर तार, दे रहे हादसे को न्योता

राजधानी के गली-मोहल्ले में सालों से जर्जर तारों को नहीं बदला जा रहा है. बिजली विभाग में घरों में स्मार्ट मीटर तो लगा रही है लेकिन जर्जर तारों को बदलने को लेकर गंभीर नहीं है.

बिजली
बिजली
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Published : Mar 21, 2021, 1:58 PM IST

पटना: राज्य सरकार इन दिनों शहर को स्मार्ट बनाए जाने को लेकर कई सारी परियोजनाओं को धरातल पर उतारने का काम कर रही है. बिजली विभाग लोगो के घरों में स्मार्ट मीटर लगा कर लोगों को स्मार्ट बनाने का काम कर रही है, लेकिन सालों से जो बिजली की तार जर्जर स्थिति में हैं, वो आज भी ऐसे ही हैं. राजधानी पटना की बात करें तो सड़कों के किनारे बिजली के पोल पर तार जर्जर स्थिति में हैं और दुर्घटना को दावत दे रहे हैं.

ये भी पढ़ें : पटना: कोरोना से बचाव को लेकर विद्यालयों में बनाया गया हैंड वाशिंग स्टेशन, बच्चे हो रहे जागरूक

जर्जर तार हादसे को दे रहे न्योता
शहर का गर्दनीबाग का इलाका हो या गांधी मैदान का, हाइटेंशन तार शहर के सबसे व्यस्त बाजार बाकरगंज के बीचो-बीच लटक रहे हैं, नौबत यह है कि जगह-जगह तार कब टूट कर गिर जाए और घटनाएं घट जाए, यह कोई नहीं जानता. सबसे अहम बात तो यह है कि बाजार के बीच से जर्जर तार लटक रहे हैं. शहर के गली-मोहल्लों में तार इस तरह लटक गए हैं कि बाइक लेकर जाने वाले भी भयभीत रहते हैं, बाजार में लोग गली का सहारा लेकर लोग जाते रहते हैं. इसी तरह गर्दनीबाग का दुर्गा मंदिर का इलाका, वहां भी इसी तरह जर्जर तार हादसे को आमंत्रण दे रहा है.

देखें रिपोर्ट

सालों से नहीं बदले गये जर्जर तार
जर्जर तारों की समस्या सिर्फ राजधानी पटना की ही नहीं, बल्कि बिहार के कई जिलों के गांवों कस्बों के यही हाल है, इतना ही नहीं, घरों से सटकर जर्जर तार गुजरा रहे हैं. खेतों के ऊपर से बिजली के हाइटेंशन के तार भी गुजरे हैं और बिजली की लचर व्यवस्था शहर से लेकर गांव तक हावी है, शहर की अधिकांश गलियों और मोहल्लों में रास्तों पर तारों का मकड़जाल बिछा हुआ है, सालों से तारों को बदला नहीं जा सका है, घरों के पास से गुजर रहे जर्जर तार कई बार हादसे का सबब भी बने हैं और बनते रहते हैं.

बिजली के जर्जर तार
बिजली के जर्जर तार

ये भी पढ़ें : गोपालगंज और सारण में सीएम नीतीश, जमींदारी बांध का लेंगे जायजा

भीड़-भाड़ वाले इलाके में लटके हैं जर्जर तार
सीएम नीतीश कुमार लोगों के घर-घर तक तो बिजली पहुंचा दिए लेकिन जो बिजली आपूर्ति के लिए जो संसाधन है उसको काफी ठीक करने की अभी भी आवश्यकता है. जर्जर तार हो या लोगों के घर से सट कर गुजरने वाली हाइटेंशन तार का भी ख्याल करते हुए ऊर्जा विभाग को काम करना होगा. शहर में ही कई जगहों पर तारों का मकड़जाल फैला हुआ है, जिसे दुरुस्त विभाग के द्वारा नहीं कराया जा रहा है, हाइटेंशन लाइनों के टूटने से गंभीर हादसे भी घटित होते रहते हैं. शहर में भीड़-भाड़ वाले दर्जनों स्थानों पर हाइटेंशन तारों के गुजरी है. वहीं विशेषज्ञ की माने तो हाइटेंशन तार को घर के कम से कम ढाई सौ मीटर की दूरी होनी चाहिए.

पटना: राज्य सरकार इन दिनों शहर को स्मार्ट बनाए जाने को लेकर कई सारी परियोजनाओं को धरातल पर उतारने का काम कर रही है. बिजली विभाग लोगो के घरों में स्मार्ट मीटर लगा कर लोगों को स्मार्ट बनाने का काम कर रही है, लेकिन सालों से जो बिजली की तार जर्जर स्थिति में हैं, वो आज भी ऐसे ही हैं. राजधानी पटना की बात करें तो सड़कों के किनारे बिजली के पोल पर तार जर्जर स्थिति में हैं और दुर्घटना को दावत दे रहे हैं.

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जर्जर तार हादसे को दे रहे न्योता
शहर का गर्दनीबाग का इलाका हो या गांधी मैदान का, हाइटेंशन तार शहर के सबसे व्यस्त बाजार बाकरगंज के बीचो-बीच लटक रहे हैं, नौबत यह है कि जगह-जगह तार कब टूट कर गिर जाए और घटनाएं घट जाए, यह कोई नहीं जानता. सबसे अहम बात तो यह है कि बाजार के बीच से जर्जर तार लटक रहे हैं. शहर के गली-मोहल्लों में तार इस तरह लटक गए हैं कि बाइक लेकर जाने वाले भी भयभीत रहते हैं, बाजार में लोग गली का सहारा लेकर लोग जाते रहते हैं. इसी तरह गर्दनीबाग का दुर्गा मंदिर का इलाका, वहां भी इसी तरह जर्जर तार हादसे को आमंत्रण दे रहा है.

देखें रिपोर्ट

सालों से नहीं बदले गये जर्जर तार
जर्जर तारों की समस्या सिर्फ राजधानी पटना की ही नहीं, बल्कि बिहार के कई जिलों के गांवों कस्बों के यही हाल है, इतना ही नहीं, घरों से सटकर जर्जर तार गुजरा रहे हैं. खेतों के ऊपर से बिजली के हाइटेंशन के तार भी गुजरे हैं और बिजली की लचर व्यवस्था शहर से लेकर गांव तक हावी है, शहर की अधिकांश गलियों और मोहल्लों में रास्तों पर तारों का मकड़जाल बिछा हुआ है, सालों से तारों को बदला नहीं जा सका है, घरों के पास से गुजर रहे जर्जर तार कई बार हादसे का सबब भी बने हैं और बनते रहते हैं.

बिजली के जर्जर तार
बिजली के जर्जर तार

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भीड़-भाड़ वाले इलाके में लटके हैं जर्जर तार
सीएम नीतीश कुमार लोगों के घर-घर तक तो बिजली पहुंचा दिए लेकिन जो बिजली आपूर्ति के लिए जो संसाधन है उसको काफी ठीक करने की अभी भी आवश्यकता है. जर्जर तार हो या लोगों के घर से सट कर गुजरने वाली हाइटेंशन तार का भी ख्याल करते हुए ऊर्जा विभाग को काम करना होगा. शहर में ही कई जगहों पर तारों का मकड़जाल फैला हुआ है, जिसे दुरुस्त विभाग के द्वारा नहीं कराया जा रहा है, हाइटेंशन लाइनों के टूटने से गंभीर हादसे भी घटित होते रहते हैं. शहर में भीड़-भाड़ वाले दर्जनों स्थानों पर हाइटेंशन तारों के गुजरी है. वहीं विशेषज्ञ की माने तो हाइटेंशन तार को घर के कम से कम ढाई सौ मीटर की दूरी होनी चाहिए.

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