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बिहार के कानून मंत्री पर अपहरण का केस.. जिस दिन सरेंडर करना था उसी दिन ली शपथ

बिहार सरकार के Law Minister Kartikeya Singh के खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी किया हुआ है. बिहटा थाना में उनके खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज है. उन्होंने अभी तक ना तो कोर्ट के सामने सरेंडर किया है ना ही जमानत के लिए अर्जी दी है.

Karthik Singh,  Law Minister
Karthik Singh, Law Minister
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Published : Aug 17, 2022, 11:27 AM IST

Updated : Aug 17, 2022, 4:11 PM IST

पटनाः बिहार में महागठबंधन की सरकार (Mahagathbandhan Government In Bihar) बनने के बाद मंगलवार को नीतीश मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया. जिसमें 31 मंत्रियों ने शपथ ली. इनमें कई मंत्रियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें एक नाम आरजेडी विधान पार्षद कार्तिकेय कुमार का भी है, जिन्हें कानून मंत्री बनाया गया है. कार्तिकेय कुमार पर कई थानों में मामले दर्ज में हैं. मोकामा थाना, मोकामा रेल थाना समेत बिहटा में भी इनके खिलाफ आपराधिक मामले (Allegations Against Bihar Law Minister Kartikeya Singh) दर्ज हैं. हालांकि किसी भी मामले में अब तक न्यायालय से इन्हें दोषी करार नहीं दिया गया है.

ये भी पढे़ंः सरकार बदलते ही बदले सुर..RJD के मंत्री बोले.. सिर्फ बिहार से नहीं पूरे विश्व से शराब खत्म करना है

मंत्री के खिलाफ है कोर्ट का वारंटः आपको बता दें कि राजीव रंजन की 2014 में किडनैपिंग हुई थी. इसके बाद कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लिया था. राजीव रंजन की किडनैपिंग मामले में एक आरोपी बिहार के कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह भी हैं. बिहटा थाना में उनके खिलाफ मामला दर्ज है. जिनके खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी किया हुआ है. धारा 164 के तहत बयान में नाम आया है. कार्तिकेय सिंह ने अभी तक ना तो कोर्ट के सामने सरेंडर किया है ना ही जमानत के लिए अर्जी दी है. कल यानी 16 अगस्त को इनको कोर्ट में पेश होना था, लेकिन वो मंत्री पद की शपथ ले रहे थे.

ये भी पढ़ें: कानून मंत्री कार्तिकेय कुमार के खिलाफ वारंट, CM ने कहा... हमको कोई जानकारी नहीं

इस बीच दानापुर कोर्ट के आदेश की कॉपी सामने आई है, जिसमें मोकामा के थाना प्रभारी को आदेश दिया गया है कि कार्तिकेय सिंह के खिलाफ एक सितंबर तक किसी भी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई न की जाए. अदालत का ये आदेश 12 अगस्त का है.

दानापुर कोर्ट से जारी पत्र
दानापुर कोर्ट से जारी पत्र

"मेरे ऊपर लगे आरोप अभी साबित नहीं हुए हैं. सभी आरोप राजनीति से प्रेरित है. जो भी कानून सम्मत होगी, वही होगा. वैसे भी चुनावी हलफनामे में सारी जानकारी दी गई है"- कार्तिकेय सिंह, कानून मंत्री, बिहार सरकार

कार्तिकेय सिंह के खिलाफ जारी  वारंट
कार्तिकेय सिंह के खिलाफ जारी वारंट

"14 जुलाई 2022 को कार्तिकेय सिंह पर गिरफ्तारी का वारंट जारी किया गया था लेकिन जो जानकारी मिल रही है, उसके हिसाब से अग्रिम जमानत के लिए याचिका कार्तिकेय सिंह की ओर से न्यायालय के सामने दाखिल की गई है. जिस पर कोर्ट का जो आदेश जारी किया गया है, उसके मुताबिक अभी जबतक जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी नहीं हो जाती है, तबतक उनकी गिरफ्तारी पर रोक है. अभी जो जानकारी आ रही है, अगर उस संदर्भ में देखा जाए तो फरारी नहीं कहा जा सकता"- अजय प्रताप शर्मा, शिकायतकर्ता राजू सिंह के वकील

अनंत सिंह के हैं चुनावी रणनीतिकारः आपको बता दें कि कार्तिकेय कुमार को बाहुबली अनंत सिंह के समर्थक 'कार्तिक मास्टर' के नाम से जानते हैं. वर्ष 2005 के बिहार विधानसभा चुनाव के बाद कार्तिक मास्टर और अनंत सिंह में दोस्ती काफी आगे बढ़ी थी. अनंत सिंह के चुनावी रणनीतिकार के रूप में कार्तिकेय ने खुद को साबित किया. जानकारी है कि अनंत सिंह के लिए सभी राजनीतिक दांव-पेंच पर्दे के पीछे से कार्तिकेय की मदद से ही अनंत सिंह संभालते हैं. इसलिए अनंत सिंह की पहली पसंद वे हैं. सबसे बड़े विश्वासी हैं. अनंत सिंह कार्तिकेय कुमार को खुद 'मास्टर साहब' कहकर पुकारते हैं. राजनीति में सक्रिय होने से पहले कार्तिकेय स्कूल में शिक्षक थे. वे मोकामा के रहनेवाले हैं और उनके गांव का नाम शिवनार है. कार्तिक मास्टर की पत्नी रंजना कुमारी लगातार दो बार मुखिया बनीं.

शपथ ग्रहण करते कानून मंत्री  कार्तिक कुमार
शपथ ग्रहण करते कानून मंत्री कार्तिकेय कुमार

एमएलसी चुनाव में दी थी जेडीयू उम्मीदवार को मातः आपको बता दें कि कार्तिकेय कुमार ने जदयू के उम्मीदवार वाल्मीकि सिंह को पटना में 2022 के एमएलसी चुनाव में मात दी और विधान परिषद का चुनाव जीता. कार्तिकेय सिंह आरजेडी के विधान पार्षद हैं. जिस समय जदयू में वाल्मीकि सिंह को विधान परिषद का टिकट देने की बात चल रही थी तभी अनंत सिंह ने तेजस्वी यादव से कहा था कि कार्तिक सिंह की जीत की गारंटी वे लेते हैं. लालू प्रसाद ने बतौर एमएलसी उम्मीदवार कार्तिक कुमार के नाम की घोषणा खुद से की थी. कहा जाता है कि जेल में रहकर भी अनंत ने कार्तिक को जितवा दिया. मोकामा के रहने वाले कार्तिकेय सिंह शिक्षक भी रह चुके हैं. बताया जाता है कि अनंत सिंह के जेल में रहने पर कार्तिकेय मास्टर ही मोकामा से लेकर पटना तक उनके सारे काम को देखते हैं.

ये भी पढ़ें: कौन होगा बिहार का नेता प्रतिपक्ष.. BJP में मंथन.. ये नाम हैं सबसे आगे

पटनाः बिहार में महागठबंधन की सरकार (Mahagathbandhan Government In Bihar) बनने के बाद मंगलवार को नीतीश मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया. जिसमें 31 मंत्रियों ने शपथ ली. इनमें कई मंत्रियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें एक नाम आरजेडी विधान पार्षद कार्तिकेय कुमार का भी है, जिन्हें कानून मंत्री बनाया गया है. कार्तिकेय कुमार पर कई थानों में मामले दर्ज में हैं. मोकामा थाना, मोकामा रेल थाना समेत बिहटा में भी इनके खिलाफ आपराधिक मामले (Allegations Against Bihar Law Minister Kartikeya Singh) दर्ज हैं. हालांकि किसी भी मामले में अब तक न्यायालय से इन्हें दोषी करार नहीं दिया गया है.

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मंत्री के खिलाफ है कोर्ट का वारंटः आपको बता दें कि राजीव रंजन की 2014 में किडनैपिंग हुई थी. इसके बाद कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लिया था. राजीव रंजन की किडनैपिंग मामले में एक आरोपी बिहार के कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह भी हैं. बिहटा थाना में उनके खिलाफ मामला दर्ज है. जिनके खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी किया हुआ है. धारा 164 के तहत बयान में नाम आया है. कार्तिकेय सिंह ने अभी तक ना तो कोर्ट के सामने सरेंडर किया है ना ही जमानत के लिए अर्जी दी है. कल यानी 16 अगस्त को इनको कोर्ट में पेश होना था, लेकिन वो मंत्री पद की शपथ ले रहे थे.

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इस बीच दानापुर कोर्ट के आदेश की कॉपी सामने आई है, जिसमें मोकामा के थाना प्रभारी को आदेश दिया गया है कि कार्तिकेय सिंह के खिलाफ एक सितंबर तक किसी भी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई न की जाए. अदालत का ये आदेश 12 अगस्त का है.

दानापुर कोर्ट से जारी पत्र
दानापुर कोर्ट से जारी पत्र

"मेरे ऊपर लगे आरोप अभी साबित नहीं हुए हैं. सभी आरोप राजनीति से प्रेरित है. जो भी कानून सम्मत होगी, वही होगा. वैसे भी चुनावी हलफनामे में सारी जानकारी दी गई है"- कार्तिकेय सिंह, कानून मंत्री, बिहार सरकार

कार्तिकेय सिंह के खिलाफ जारी  वारंट
कार्तिकेय सिंह के खिलाफ जारी वारंट

"14 जुलाई 2022 को कार्तिकेय सिंह पर गिरफ्तारी का वारंट जारी किया गया था लेकिन जो जानकारी मिल रही है, उसके हिसाब से अग्रिम जमानत के लिए याचिका कार्तिकेय सिंह की ओर से न्यायालय के सामने दाखिल की गई है. जिस पर कोर्ट का जो आदेश जारी किया गया है, उसके मुताबिक अभी जबतक जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी नहीं हो जाती है, तबतक उनकी गिरफ्तारी पर रोक है. अभी जो जानकारी आ रही है, अगर उस संदर्भ में देखा जाए तो फरारी नहीं कहा जा सकता"- अजय प्रताप शर्मा, शिकायतकर्ता राजू सिंह के वकील

अनंत सिंह के हैं चुनावी रणनीतिकारः आपको बता दें कि कार्तिकेय कुमार को बाहुबली अनंत सिंह के समर्थक 'कार्तिक मास्टर' के नाम से जानते हैं. वर्ष 2005 के बिहार विधानसभा चुनाव के बाद कार्तिक मास्टर और अनंत सिंह में दोस्ती काफी आगे बढ़ी थी. अनंत सिंह के चुनावी रणनीतिकार के रूप में कार्तिकेय ने खुद को साबित किया. जानकारी है कि अनंत सिंह के लिए सभी राजनीतिक दांव-पेंच पर्दे के पीछे से कार्तिकेय की मदद से ही अनंत सिंह संभालते हैं. इसलिए अनंत सिंह की पहली पसंद वे हैं. सबसे बड़े विश्वासी हैं. अनंत सिंह कार्तिकेय कुमार को खुद 'मास्टर साहब' कहकर पुकारते हैं. राजनीति में सक्रिय होने से पहले कार्तिकेय स्कूल में शिक्षक थे. वे मोकामा के रहनेवाले हैं और उनके गांव का नाम शिवनार है. कार्तिक मास्टर की पत्नी रंजना कुमारी लगातार दो बार मुखिया बनीं.

शपथ ग्रहण करते कानून मंत्री  कार्तिक कुमार
शपथ ग्रहण करते कानून मंत्री कार्तिकेय कुमार

एमएलसी चुनाव में दी थी जेडीयू उम्मीदवार को मातः आपको बता दें कि कार्तिकेय कुमार ने जदयू के उम्मीदवार वाल्मीकि सिंह को पटना में 2022 के एमएलसी चुनाव में मात दी और विधान परिषद का चुनाव जीता. कार्तिकेय सिंह आरजेडी के विधान पार्षद हैं. जिस समय जदयू में वाल्मीकि सिंह को विधान परिषद का टिकट देने की बात चल रही थी तभी अनंत सिंह ने तेजस्वी यादव से कहा था कि कार्तिक सिंह की जीत की गारंटी वे लेते हैं. लालू प्रसाद ने बतौर एमएलसी उम्मीदवार कार्तिक कुमार के नाम की घोषणा खुद से की थी. कहा जाता है कि जेल में रहकर भी अनंत ने कार्तिक को जितवा दिया. मोकामा के रहने वाले कार्तिकेय सिंह शिक्षक भी रह चुके हैं. बताया जाता है कि अनंत सिंह के जेल में रहने पर कार्तिकेय मास्टर ही मोकामा से लेकर पटना तक उनके सारे काम को देखते हैं.

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Last Updated : Aug 17, 2022, 4:11 PM IST
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