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स्कूलों को खोलना होगा घातक, तीसरी लहर से सावधान रहने की जरूरत- डॉक्टर - स्कूल खोलने पर विचार

कोरोना संक्रमितों के ग्राफ में गिरावट के साथ ही निजी स्कूलों को खोलने की मांग (Reopen Schools In Bihar) की जा रही है. इस मामले को लेकर बिहार के वरिष्ठ चिकित्सक ने बताया कि स्कूल खोलना खतरनाक साबित हो सकता है.

डॉ दिवाकर तेजस्वी
डॉ दिवाकर तेजस्वी
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Published : Jul 21, 2021, 11:06 AM IST

Updated : Jul 21, 2021, 12:00 PM IST

पटना: बिहार सरकार ने कोरोना के बढ़ते कहर (Corona Cases In Bihar) को देखते हुए स्कूलों को बंद कर दिया था. लेकिन अब वर्तमान समय में कोरोना संक्रमितों की संख्या में गिरावट आने से निजी स्कूलों के संचालक स्कूलों को पुन: खोलने की मांग कर रहे हैं. वहीं दिल्ली एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने भी देशभर में स्कूलों को खोलने के लिए विचार करने की बात कही है.

इसे भी पढ़ें: केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह से मिले पब्लिक स्कूल एसोसिएशन के सदस्य, समस्याओं से कराया अवगत

स्कूल को पुन: खोलने को लेकर बिहार के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ दिवाकर तेजस्वी (Senior Dr Diwakar Tejashwi) ने बताया कि देशभर में कोरोना संक्रमण कम है. अब लोग भी काफी कम संख्या में संक्रमित हो रहे हैं. लेकिन अभी भी सभी को काफी सतर्क रहने की जरूरत है. क्योंकि तीसरी लहर आने की भी आशंका जताई जा रही है.

देखें रिपोर्ट.

ये भी पढ़ें: कैमूर: स्कूल संचालकों ने 12 अप्रैल से स्कूल खोलने की CM से लगाई गुहार, DM को सौंपा ज्ञापन

डॉ दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि बच्चों का वैक्सीनेशन अब तक नहीं हुआ है. ऐसी परिस्थिति में पूर्ण रूप से विद्यालय को खोलना (Reopen Schools In Bihar) घातक साबित हो सकता है. क्योंकि यदि पूरे तरीके से विद्यालय खुल जाएंगे तो काफी संख्या में छात्र और शिक्षक विद्यालय पहुंचेंगे. ऐसे में यदि विद्यालय खोलना भी है तो काफी सतर्कता और सावधानियां बरतते हुए. जिससे बच्चों के बीच संक्रमण अधिक फैलने का खतरा न हो.

डॉ दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि सभी को तीसरे लहर से सावधान रहने की जरूरत है. तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए ही आगे कोई फैसला लेना चाहिए. वैसे तो बच्चों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता ठीक होती है. लेकिन इस मामले में सबसे बड़ी समस्या यह है कि बच्चों का वैक्सीनेशन नहीं हुआ है.

'बच्चों का वैक्सीनेशन अभी तक नहीं हो पाया है. ऐसी स्थिति में स्कूल खोलना खतरनाक साबित हो सकता है. जहां-जहां स्कूलों को खोला गया है वहां संक्रमितों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. विदेशों में भी ऐसे हालात देखें गए हैं. कुछ वैरिएंट बच्चों को प्रभावित कर रहे हैं. एक साथ स्कूल खोलने में संक्रमण का खतरा रहेगा.' -डॉ दिवाकर तेजस्वी, वरिष्ठ चिकित्सक

वहीं दूसरी ओर शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि इस बारे में फैसला सिर्फ क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप (CMG) की बैठक में ही संभव होगा. यह बैठक 5 या 6 अगस्त को होने की संभावना जताई जा रही है. बता दें कि क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप (Crisis Management Group ) में आपदा विभाग, स्वास्थ्य विभाग और शिक्षा विभाग मिलकर तमाम परिस्थितियों के मद्देनजर फैसला करता है.

आपको बता दें कि बिहार में 12 जुलाई से कक्षा 11वीं और 12वीं के साथ ही कॉलेज खोले जा चुके हैं. शिक्षा मंत्री ने पहले यह स्पष्ट किया था कि स्कूल कॉलेज खोलने से पहले कोरोना संक्रमण की स्थिति देखी जाएगी. उसके बाद ही स्कूल खोले जाे पर निर्णय लिया जाएगा.

पटना: बिहार सरकार ने कोरोना के बढ़ते कहर (Corona Cases In Bihar) को देखते हुए स्कूलों को बंद कर दिया था. लेकिन अब वर्तमान समय में कोरोना संक्रमितों की संख्या में गिरावट आने से निजी स्कूलों के संचालक स्कूलों को पुन: खोलने की मांग कर रहे हैं. वहीं दिल्ली एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने भी देशभर में स्कूलों को खोलने के लिए विचार करने की बात कही है.

इसे भी पढ़ें: केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह से मिले पब्लिक स्कूल एसोसिएशन के सदस्य, समस्याओं से कराया अवगत

स्कूल को पुन: खोलने को लेकर बिहार के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ दिवाकर तेजस्वी (Senior Dr Diwakar Tejashwi) ने बताया कि देशभर में कोरोना संक्रमण कम है. अब लोग भी काफी कम संख्या में संक्रमित हो रहे हैं. लेकिन अभी भी सभी को काफी सतर्क रहने की जरूरत है. क्योंकि तीसरी लहर आने की भी आशंका जताई जा रही है.

देखें रिपोर्ट.

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डॉ दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि बच्चों का वैक्सीनेशन अब तक नहीं हुआ है. ऐसी परिस्थिति में पूर्ण रूप से विद्यालय को खोलना (Reopen Schools In Bihar) घातक साबित हो सकता है. क्योंकि यदि पूरे तरीके से विद्यालय खुल जाएंगे तो काफी संख्या में छात्र और शिक्षक विद्यालय पहुंचेंगे. ऐसे में यदि विद्यालय खोलना भी है तो काफी सतर्कता और सावधानियां बरतते हुए. जिससे बच्चों के बीच संक्रमण अधिक फैलने का खतरा न हो.

डॉ दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि सभी को तीसरे लहर से सावधान रहने की जरूरत है. तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए ही आगे कोई फैसला लेना चाहिए. वैसे तो बच्चों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता ठीक होती है. लेकिन इस मामले में सबसे बड़ी समस्या यह है कि बच्चों का वैक्सीनेशन नहीं हुआ है.

'बच्चों का वैक्सीनेशन अभी तक नहीं हो पाया है. ऐसी स्थिति में स्कूल खोलना खतरनाक साबित हो सकता है. जहां-जहां स्कूलों को खोला गया है वहां संक्रमितों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. विदेशों में भी ऐसे हालात देखें गए हैं. कुछ वैरिएंट बच्चों को प्रभावित कर रहे हैं. एक साथ स्कूल खोलने में संक्रमण का खतरा रहेगा.' -डॉ दिवाकर तेजस्वी, वरिष्ठ चिकित्सक

वहीं दूसरी ओर शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि इस बारे में फैसला सिर्फ क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप (CMG) की बैठक में ही संभव होगा. यह बैठक 5 या 6 अगस्त को होने की संभावना जताई जा रही है. बता दें कि क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप (Crisis Management Group ) में आपदा विभाग, स्वास्थ्य विभाग और शिक्षा विभाग मिलकर तमाम परिस्थितियों के मद्देनजर फैसला करता है.

आपको बता दें कि बिहार में 12 जुलाई से कक्षा 11वीं और 12वीं के साथ ही कॉलेज खोले जा चुके हैं. शिक्षा मंत्री ने पहले यह स्पष्ट किया था कि स्कूल कॉलेज खोलने से पहले कोरोना संक्रमण की स्थिति देखी जाएगी. उसके बाद ही स्कूल खोले जाे पर निर्णय लिया जाएगा.

Last Updated : Jul 21, 2021, 12:00 PM IST
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