पटना: कोरोना संक्रमण काल में जहां सभी लोग परेशान हैं. इसी क्रम में 17 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा मनाया जाता है. बता दें विश्वकर्मा भगवान को विश्व का निर्माता भी कहा जाता है. खासकर यह पूजा लोहे के सामग्री बेचने वाले या रचने वाले या बड़ी-बड़ी कंपनियां सभी जगह मनाई जाती है. बड़े ही हर्ष-उल्लास के साथ यह मनाया जाता है.
कलाकार की स्थिति खराब
कोरोना संक्रमण काल में विश्वकर्मा भगवान की मूर्ति बनाने वाले कलाकार की भी स्थिति खराब है. मूर्तिकारों को भी अब खाने के लाले पड़ रहे हैं. मूर्तिकारों ने बताया कि जहां पिछले साल हमने 40 से 50 मूर्तियां बनाई थी. लेकिन इस बार मात्र 20 मूर्तियां ही बनायी गई है. वह भी नहीं बिक रही है. जिसके कारण हम लोगों की सारी मेहनत और कलाकारी पानी में जाती नजर आ रही.
खाने की भी समस्या
मूर्तिकार संजय ने बताया कि काफी दिक्कत से हम लोग का जीवन चल रहा है. अब तो हम लोगों के खाने की भी समस्या उत्पन्न होने लगी है. विश्वकर्मा पूजा में इतना कमा लेते थे कि दो 4 महीने आराम से खा पाते थे. लेकिन इस साल तो मेहनत और मूर्ति बनाने में लगी लागत भी नहीं निकल पाएगी.