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बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन को सुप्रीम कोर्ट से झटका, चलेगा रेप केस - SC dismisses plea of BJP Shahnawaz Hussain

सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन पर महिला के साथ दुष्कर्म मामले को लेकर FIR दर्ज करने का आदेश दे दिया है. दरअसल, पिछले साल दिल्ली हाईकोर्ट ने भी एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था, लेकिन तब सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम राहत दे दी थी.

Shahnawaz Hussain Etv Bharat
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Published : Jan 16, 2023, 8:04 PM IST

नई दिल्ली/पटना : सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता शाहनवाज हुसैन की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा उन पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश को चुनौती दी थी. दिल्ली हाईकोर्ट ने 2018 में शाहनवाज हुसैन पर एक महिला द्वारा दुष्कर्म करने के मामले में एफआईआर करने का आदेश दिया था. जस्टिस एस रविंद्र भट और दीपंकर दत्ता की पीठ ने कहा कि मामले की सही ढंग से जांच होनी चाहिए. इसमें दखल देने की वजह नजर नहीं आती है. अगर आप दोषी नहीं होंगे तो बच जाएंगे.

ये भी पढ़ें - बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन की मुश्किल बढ़ी, दिल्ली हाईकोर्ट ने रेप केस दर्ज करने का दिया आदेश

बता दें, अगस्त 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी नेता पर केस दर्ज करने के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी. तब शाहनवाज हुसैन ने यह तर्क दिया था कि हाई कोर्ट ने इस धारणा पर कार्यवाही की है कि जांच तभी आगे बढ़ेगा जब इस मामले में केस दर्ज होगा, जो कानून के तहत एक गलत कार्रवाई हो सकती है. सुप्रीम कोर्ट को बताया गया था कि मामले की जांच करने के लिए कोई पर्याप्त आधार नहीं मिला है. तब दिल्ली हाईकोर्ट ने शाहनवाज हुसैन पर एफआईआर दर्ज करने और इस संबंध में सीआरपीसी की धारा 173 के तहत जांच को पूरा कर एक विस्तृत रिपोर्ट भी सौंपने को कहा था.

तब शाहनवाज हुसैन के वकील ने कहा था कि महिला ने जिस तारीख और समय का जिक्र कर शाहनवाज पर दुष्कर्म के आरोप लगाए हैं, उस दिन भाजपा नेता रात 9.15 बजे तक घर से नहीं निकले थे. ऐसे में 10.30 बजे तक छतरपुर कैसे पहुंच सकते हैं. इस मामले में शिकायतकर्ता के कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) पेश कर कहा गया कि महिला भी रात 10.45 तक द्वारका में थी, तो वह छतरपुर में कैसे हो सकती है? वकील ने कहा था कि भाजपा नेता के खिलाफ एफआईआर दायर कराने का जो फैसला निचली अदालत की तरफ से दिया गया, उसके पीछे की कोई स्पष्ट वजह भी नहीं बताई गई. पुलिस को भी शिकायतकर्ता के आरोपों की पुष्टि लायक सबूत नहीं मिले.

जानें पूरा मामलाः दरअसल, 2018 में एक महिला ने शाहनवाज हुसैन पर छतरपुर स्थित उनके फार्म हाउस पर उसके साथ दुष्कर्म करने की बात कही थी. 7 जुलाई 2018 को साकेत कोर्ट का मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने उन पर रेप का एफआईआर दर्ज का आदेश दिया था. ट्रायल कोर्ट के इस आदेश को शाहनवाज ने सेशन कोर्ट में चुनौती दी थी. सेशन कोर्ट ने भी ट्रायल कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा. इसके बाद उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट की ओर रूख किया. दिल्ली हाईकोर्ट ने 13 जुलाई 2018 को उन्हें अंतरिम राहत दी और मामले की विस्तार से जांच के बाद ही एफआईआर दर्ज करने को कहा. बाद में पुलिस ने इस मामले में विस्तार से एक रिपोर्ट कोर्ट में सौंप दी, जिसके बाद 2022 में दिल्ली हाईकोर्ट ने शाहनवाज पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था.

नई दिल्ली/पटना : सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता शाहनवाज हुसैन की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा उन पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश को चुनौती दी थी. दिल्ली हाईकोर्ट ने 2018 में शाहनवाज हुसैन पर एक महिला द्वारा दुष्कर्म करने के मामले में एफआईआर करने का आदेश दिया था. जस्टिस एस रविंद्र भट और दीपंकर दत्ता की पीठ ने कहा कि मामले की सही ढंग से जांच होनी चाहिए. इसमें दखल देने की वजह नजर नहीं आती है. अगर आप दोषी नहीं होंगे तो बच जाएंगे.

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बता दें, अगस्त 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी नेता पर केस दर्ज करने के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी. तब शाहनवाज हुसैन ने यह तर्क दिया था कि हाई कोर्ट ने इस धारणा पर कार्यवाही की है कि जांच तभी आगे बढ़ेगा जब इस मामले में केस दर्ज होगा, जो कानून के तहत एक गलत कार्रवाई हो सकती है. सुप्रीम कोर्ट को बताया गया था कि मामले की जांच करने के लिए कोई पर्याप्त आधार नहीं मिला है. तब दिल्ली हाईकोर्ट ने शाहनवाज हुसैन पर एफआईआर दर्ज करने और इस संबंध में सीआरपीसी की धारा 173 के तहत जांच को पूरा कर एक विस्तृत रिपोर्ट भी सौंपने को कहा था.

तब शाहनवाज हुसैन के वकील ने कहा था कि महिला ने जिस तारीख और समय का जिक्र कर शाहनवाज पर दुष्कर्म के आरोप लगाए हैं, उस दिन भाजपा नेता रात 9.15 बजे तक घर से नहीं निकले थे. ऐसे में 10.30 बजे तक छतरपुर कैसे पहुंच सकते हैं. इस मामले में शिकायतकर्ता के कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) पेश कर कहा गया कि महिला भी रात 10.45 तक द्वारका में थी, तो वह छतरपुर में कैसे हो सकती है? वकील ने कहा था कि भाजपा नेता के खिलाफ एफआईआर दायर कराने का जो फैसला निचली अदालत की तरफ से दिया गया, उसके पीछे की कोई स्पष्ट वजह भी नहीं बताई गई. पुलिस को भी शिकायतकर्ता के आरोपों की पुष्टि लायक सबूत नहीं मिले.

जानें पूरा मामलाः दरअसल, 2018 में एक महिला ने शाहनवाज हुसैन पर छतरपुर स्थित उनके फार्म हाउस पर उसके साथ दुष्कर्म करने की बात कही थी. 7 जुलाई 2018 को साकेत कोर्ट का मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने उन पर रेप का एफआईआर दर्ज का आदेश दिया था. ट्रायल कोर्ट के इस आदेश को शाहनवाज ने सेशन कोर्ट में चुनौती दी थी. सेशन कोर्ट ने भी ट्रायल कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा. इसके बाद उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट की ओर रूख किया. दिल्ली हाईकोर्ट ने 13 जुलाई 2018 को उन्हें अंतरिम राहत दी और मामले की विस्तार से जांच के बाद ही एफआईआर दर्ज करने को कहा. बाद में पुलिस ने इस मामले में विस्तार से एक रिपोर्ट कोर्ट में सौंप दी, जिसके बाद 2022 में दिल्ली हाईकोर्ट ने शाहनवाज पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था.

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