पटना: जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ऊर्फ ललन सिंह ने पार्टी के वरीय प्रदेश उपाध्यक्ष एवं संगठन प्रभारी सत्येन्द्र पटेल को संयोजक नियुक्त किया (Satyendra Patel became convenor of JDU in UP) है. उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष अनूप पटेल ने व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद उन्हीं के सुझाव पर मिर्जापुर निवासी सत्येन्द्र पटेल को संयोजक बनाया. ललन सिंह ने सोमवार को लखनऊ स्थित जदयू के प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में यह जानकारी दी.
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यूपी में संगठन का चुनावः ललन सिंह ने कहा कि सत्येन्द्र पटेल को उत्तर प्रदेश जनता दल (यू) का संयोजक इसलिए बनाया गया क्योंकि यहां जदयू अपने संगठन को मजबूती से खड़ा करना चाहता है. इसके लिए सदस्यता अभियान चलाया जाएगा. अगले तीन महीने में उत्तर प्रदेश में 5 लाख सदस्य बनाने का अभियान चलाया जाएगा. अगले तीन महीने में 5 लाख सदस्य बनने के बाद पार्टी के संविधान के मुताबिक संगठन का चुनाव कराया जाएगा जिसके बाद प्रदेश में नियमित अध्यक्ष की नियुक्ति की जाएगी.
बिहार में जातीय जनगणनाः एक प्रश्न के जवाब में ललन सिंह ने कहा कि हमारी पार्टी एवं बिहार की अन्य पार्टियों ने कई बार केंद्र सरकार से जातीय जनगणना की मांग की थी. परन्तु उन्होंने हमारी इस मांग को नहीं माना. तत्पशचात मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार के सभी दलों ने एकजुट होकर जातीय जनगणना के पक्ष में अपना मत जाहिर किया. 31 मई 2023 तक बिहार में जातीय जनगणना पूर्ण हो जाएगा. आने वाले समय में इस जनगणना के आधार पर योजनाओं एवं नीतियों को बनाने एवं लागू करने में आसानी होगी. उन्होंने कहा कि यदि केंद्र सरकार चाहे तो पूरे देश में जातीय जनगणना अभी भी हो सकती है.
विपक्षी दलों पर कार्रवाईः जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र सरकार पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर विपक्षी दलों पर कार्रवाई करती है. वर्ष 2017 से वर्ष 2022 तक जब जदयू भाजपा के साथ था, तब उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की. लेकिन जैसे ही जदयू महागठबंधन के साथ आया, भाजपा ने केन्द्रीय एजेंसियों को सक्रिय कर दिया. उन्होंने कहा कि वर्ष 2015 में जब महागठबंधन में मात्र 3 दल थे तो प्रधानमंत्री की 42 जनसभा होने का बावजूद बिहार में भाजपा की दुर्गति हुई थी. आज तो महागठबंधन में 7 दल हैं. 2024 में बिहार में इनकी ऐसी बुरी स्थिति होगी, जिसकी इन्होंने कल्पना नहीं की होगी.
भाजपा की साजिशः ललन सिंह ने तमिलनाडु में बिहारियों के साथ हिंसा की खबरों को अफवाह बताते हुए कहा कि इस तरह का षडयंत्र भाजपा द्वारा किया गया था. ताकि उसका राजनीतिक लाभ लिया जा सके. उन्होंने कहा कि बिहार और तमिलनाडु पुलिस की जांच में यह बात स्पष्ट हो गई कि इस तरह की कोई घटना घटी ही नहीं. उन्होंने कहा कि वायरल किए गए सभी वीडियो फर्जी निकले. इसमें लगभग वीडियो को तो पटना में ही शूट किया गया था. इसका मकसद सिर्फ विपक्ष की एकता को भंग करना था, इस मामले में कई लोगों की गिरफ्तारियां हुई हैं.
"केंद्र सरकार पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर विपक्षी दलों पर कार्रवाई करती है. वर्ष 2017 से वर्ष 2022 तक जब जदयू भाजपा के साथ था, तब उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की. लेकिन जैसे ही जदयू महागठबंधन के साथ आया, भाजपा ने केन्द्रीय एजेंसियों को सक्रिय कर दिया"- ललन सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जदयू