पटना: बिहार में सियासी सरगर्मी धीरे-धीरे बढ़ने लगी है. यही कारण है कि प्रदेश में मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी सरकार और सीएम नीतीश कुमार को लेकर हमलावर होती जा रही है. इसी कड़ी में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने भी नीतीश सरकार से एनडीए से अलग होने सहित सूबे में विधि व्यवस्था, शिक्षक नियोजन का मामला व अन्य मुद्दों को लेकर सवाल खड़ा किया है.
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पीएम पद की उम्मीदवारी के लिए छोड़ा एनडीए : शिक्षकों के मसले पर सम्राट चौधरी ने नीतीश कुमार को कटघरे में खड़ा करते हुए इस बात की वकालत की है कि शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा दिया जाए. वहीं उन्होंने पूछा कि जिस तरह आपने एनडीए को छोड़ा, तो लोगों को लगा की आप गठबंधन से पीएम को उम्मीदवार होंगे और आपने कहा भी था, लेकिन अब क्या हो गया. अब कुछ हुआ ही नहीं.
"बिहार के लोगों को नीतीश कुमार ने कहा था कि हम इसलिए एनडीए छोड़ रहे है कि मुझे प्रधानमंत्री का उम्मीदवार बनाया जाएगा, उन्हें पीएम पद का सपना दिखाया गया था. आज उस सपने का क्या हुआ? मैं तो नीतीश बाबू से पूछूंगा की आपको गठबंधन के लोग पीएम पद का उम्मीदवार बना रहे है या नहीं".- सम्राट चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष, बीजेपी
'बिहार में कानून का राज समाप्त' : सम्राट चौधरी ने आगे कहा कि आज बिहार बर्बाद हो रहा है. कानून का राज समाप्त हो गया है. विधि- व्यवस्था समाप्त है. भ्रष्टाचार चरम पर है. सभी मामलों में भाजपा को संघर्ष करना पड़ रहा है. जहरीली शराब से जब लोग मरे, भाजपा ने मुआवजा देने के लिए आंदोलन किया. इस पर सरकार को झुकना पड़ा. अति पिछड़ा वर्ग आयोग बनाने की बात हुई,उसमें भी नीतीश सरकार को झुकना पड़ा.
'शिक्षकों के मामले में सरकार को झुकना होगा ': आगे बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जातीय सर्वेक्षण में भी भाजपा का समर्थन रहा है. इसलिए मैं नीतीश कुमार से बार बार कहना चाहता हूं कि रिपोर्ट जल्द जारी कीजिए. सरकार रिपोर्ट जारी नहीं कर रही है. शिक्षकों के मामले में भी सरकार को झुकना पड़ेगा. उन्हें राज्यकर्मी का दर्जा देना होगा तथा उन्हें वही वेतनमान देना होगा जी बीपीएससी से बहाल शिक्षकों को मिलेगा.