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मदन मोहन झा की जा सकती है कुर्सी, समीर सिंह या प्रेमचंद्र मिश्रा बन सकते हैं बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष

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Published : Nov 24, 2020, 2:39 PM IST

Updated : Nov 24, 2020, 3:04 PM IST

बिहार में कांग्रेस-राजद का गठबंधन है. कांग्रेस के पास मुस्लिम वोट बैंक है. वह सवर्णों के बीच पैठ बनाने की कोशिश में लगी है. फिर इस बार प्रदेश अध्यक्ष के रूप में किसी सवर्ण नेता को जिम्मेदारी दी जा सकती है.

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नई दिल्ली: बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष पद की रेस में समीर सिंह और प्रेमचंद्र मिश्रा आगे चल रहे हैं. दोनों में से किसी एक को यह जिम्मेदारी मिल सकती है.

शक्ति सिंह गोहिल के करीबी हैं समीर
समीर कुमार सिंह बिहार से कांग्रेस के एमएलसी व कार्यकारी अध्यक्ष हैं. सूत्रों के अनुसार उनको कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है. समीर जमीनी और कांग्रेस के पुराने नेता हैं. वह कार्यकर्ताओं के बीच रहते हैं. राजपूत जाति से हैं और बिहार कांग्रेस प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल के करीबी हैं.

अध्यक्ष पद की दौर में हैं प्रेमचंद्र
दूसरी ओर प्रेमचंद्र मिश्रा भी अध्यक्ष पद की दौर में हैं. एमएलसी प्रेमचंद्र राष्ट्रीय मीडिया पैनलिस्ट भी हैं. तेज तर्रार प्रवक्ता के रूप में उनकी पहचान है. बिहार कांग्रेस में काफी सालों से हैं. बिहार में यूथ कांग्रेस के उपाध्यक्ष रह चुके हैं. बिहार एनएसयूआई के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के नजदीकी हैं. ब्राह्मण जाति से हैं.

सवर्णों में पकड़ बनाने की कोशिश में जुटी कांग्रेस
बिहार में कांग्रेस-राजद का गठबंधन है. कांग्रेस के पास मुस्लिम वोट बैंक है. वह सवर्णों के बीच पैठ बनाने की कोशिश में लगी है. भविष्य की सियासत को देखते हुए बिहार में कांग्रेस सवर्णों में पकड़ बनाना चाहती है. समीर कुमार सिंह या प्रेमचंद मिश्रा को अध्यक्ष बनाकर कांग्रेस सवर्ण वोट को साधना चाहती है.

हालांकि 2 साल पहले कांग्रेस ने मदन मोहन झा को प्रदेश अध्यक्ष बनाया था और सदानंद सिंह पहले से विधायक दल के नेता थे. वह राजपूत हैं. शक्ति सिंह गोहिल को प्रभारी बनाया गया था. वो भी राजपूत हैं. राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह को बिहार में कांग्रेस ने चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाया था. वो भूमिहार हैं.

इन सबके बावजूद पिछले साल के लोकसभा चुनाव और पिछले दिनों हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सवर्णों के बीच अपनी पकड़ नहीं बना पाई. एक बार फिर नए सिरे से कांग्रेस इस वोट बैंक को साधना चाहती है. इस बार कांग्रेस ने अजीत शर्मा को विधायक दल का नेता बनाया है. वह भूमिहार हैं.

विधानसभा चुनाव में अच्छा नहीं था कांग्रेस का प्रदर्शन
गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा नहीं था. महागठबंधन में 70 सीटों पर कांग्रेस लड़ी और 19 सीटें ही जीत पाई. हार की जिम्मेदारी लेते हुए बिहार कांग्रेस प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल और बिहार कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा ने आलाकमान के पास इस्तीफे की पेशकश की है. जानकारी के अनुसार गोहिल प्रदेश प्रभारी बने रहेंगे, लेकिन आला कमान अध्यक्ष बदल सकता है.

नई दिल्ली: बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष पद की रेस में समीर सिंह और प्रेमचंद्र मिश्रा आगे चल रहे हैं. दोनों में से किसी एक को यह जिम्मेदारी मिल सकती है.

शक्ति सिंह गोहिल के करीबी हैं समीर
समीर कुमार सिंह बिहार से कांग्रेस के एमएलसी व कार्यकारी अध्यक्ष हैं. सूत्रों के अनुसार उनको कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है. समीर जमीनी और कांग्रेस के पुराने नेता हैं. वह कार्यकर्ताओं के बीच रहते हैं. राजपूत जाति से हैं और बिहार कांग्रेस प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल के करीबी हैं.

अध्यक्ष पद की दौर में हैं प्रेमचंद्र
दूसरी ओर प्रेमचंद्र मिश्रा भी अध्यक्ष पद की दौर में हैं. एमएलसी प्रेमचंद्र राष्ट्रीय मीडिया पैनलिस्ट भी हैं. तेज तर्रार प्रवक्ता के रूप में उनकी पहचान है. बिहार कांग्रेस में काफी सालों से हैं. बिहार में यूथ कांग्रेस के उपाध्यक्ष रह चुके हैं. बिहार एनएसयूआई के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के नजदीकी हैं. ब्राह्मण जाति से हैं.

सवर्णों में पकड़ बनाने की कोशिश में जुटी कांग्रेस
बिहार में कांग्रेस-राजद का गठबंधन है. कांग्रेस के पास मुस्लिम वोट बैंक है. वह सवर्णों के बीच पैठ बनाने की कोशिश में लगी है. भविष्य की सियासत को देखते हुए बिहार में कांग्रेस सवर्णों में पकड़ बनाना चाहती है. समीर कुमार सिंह या प्रेमचंद मिश्रा को अध्यक्ष बनाकर कांग्रेस सवर्ण वोट को साधना चाहती है.

हालांकि 2 साल पहले कांग्रेस ने मदन मोहन झा को प्रदेश अध्यक्ष बनाया था और सदानंद सिंह पहले से विधायक दल के नेता थे. वह राजपूत हैं. शक्ति सिंह गोहिल को प्रभारी बनाया गया था. वो भी राजपूत हैं. राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह को बिहार में कांग्रेस ने चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाया था. वो भूमिहार हैं.

इन सबके बावजूद पिछले साल के लोकसभा चुनाव और पिछले दिनों हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सवर्णों के बीच अपनी पकड़ नहीं बना पाई. एक बार फिर नए सिरे से कांग्रेस इस वोट बैंक को साधना चाहती है. इस बार कांग्रेस ने अजीत शर्मा को विधायक दल का नेता बनाया है. वह भूमिहार हैं.

विधानसभा चुनाव में अच्छा नहीं था कांग्रेस का प्रदर्शन
गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा नहीं था. महागठबंधन में 70 सीटों पर कांग्रेस लड़ी और 19 सीटें ही जीत पाई. हार की जिम्मेदारी लेते हुए बिहार कांग्रेस प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल और बिहार कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा ने आलाकमान के पास इस्तीफे की पेशकश की है. जानकारी के अनुसार गोहिल प्रदेश प्रभारी बने रहेंगे, लेकिन आला कमान अध्यक्ष बदल सकता है.

Last Updated : Nov 24, 2020, 3:04 PM IST
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