पटना: प्यार ना जाति देखता है, ना मजहब और ना ही सरहद. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि बिहार में ऐसी ही एक प्रेम कहानी लोगों की जुबां पर टिकी है. इस कहानी में लड़का तो बिहार का है लेकिन लड़की सात समंदर पार की है. पटना के नरेंद्र अमन का दिल 1990 में रूस की ततान्या पर आ गया. फिर क्या था, पहले दोनों में दोस्ती हुई और फिर दोस्ती कब प्यार में बदल गई, दोनों को पता नहीं चला. दोनों ने रिश्तेदारों की सहमति से एक दूसरे के साथ शादी (Russian Woman Married Young Man from Bihar) कर ली.
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दरअसल, 90 के दशक में बिहारी युवक कुमार नरेंद्र अमन मेडिकल की पढ़ाई के लिए रूस गए थे. नरेंद्र अमन का नामांकन मॉस्को से 500 किलोमीटर दूर क़ुरस्क मेडिकल कॉलेज में हुआ था. क़ुरस्क शहर में एक पार्टी को दौरान ततान्या और नरेंद्र अमन की मुलाकात हुई थी. मुलाकात के बाद दोनों में गहरी दोस्ती हो गई और फिर दोस्ती प्यार में तब्दील हो गई. फिर क्या था दोनों अपने परिवार की सहमति से एक दूसरे के हो गए. सभी की सहमति के बाद धूमधाम से नरेंद्र अमन और ततान्या ने साल 2005 में शादी कर ली. दोनों ने पहले मास्को स्थित कृष्ण भगवान के मंदिर में विवाह किया और फिर दोनों ने कोर्ट मैरिज भी कर ली.
''1990 में मैं मेडिकल की पढ़ाई करने रूस गया था. रूस में ही एक छोटा सा शहर क़ुरस्क हैं. जहां मेडिकल की पढ़ाई करते समय एक पार्टी के दौरान मेरी इनसे जान पहचान हुई. और मुलाकात दोस्ती में बदल गई और फिर हमारी शादी हो गई. हमारा वैवाहिक जीवन सुख में है. तान्या ने हमारी संस्कृति को अपनाया और पर्व त्यौहार को वह इंजॉय करती हैं. व्यवसाय में भी मेरा हाथ बंटाटी है. मेरे परिवार के लोग भी बेहद खुश हैं.''- कुमार नरेंद्र अमन, बिहार वासी
शादी के बाद साल 2005 से साल 2012 तक ततान्या और नरेंद्र अमन साथ-साथ रूस में ही रहे और फिर 2012 में ही दोनों ने सहमति से भारत लौटने का फैसला (Russian woman adopted Indian culture) लिया. ततान्या के परिवार में उनकी मां के अलावा एक भाई और एक बहन हैं. ततान्या ने एक बिहारी युवक से विवाह और आज की तारीख में वह स्वाबलंबी भी हैं. दोनों के परिवार भी एक दूसरे के करीब हैं. नरेंद्र अमन के भी रिश्तेदार रूस जाते हैं, तो ततान्या के परिवार वालों से मिलते हैं. तान्या की मां हर 6 महीने पर बिहार आकर अपनी बेटी के साथ समय बिताती हैं.
''मैं बिहार आकर बेहद खुश हूं. भारत विविधताओं का देश है और यहां धर्म और संस्कृति को अनुभव करना मेरे लिए सुखद है. मैं यहां लाइफ इंजॉय कर रही हूं और अपना ज्यादा समय व्यवसाय में देती हूं. मैं दुर्गा पूजा, दीपावली, छठ और सरस्वती पूजा बड़े ही धूमधाम से मनाती हूं. मुझे इंडियान खाना भी काफी पसंद है और मैं सब कुछ बनाती हूं.''- ततान्या, रूसी महिला
शादी के बाद ततान्या ने हिंदी भाषा सीखी और आज वही उनकी ताकत है. बिहार लौटने के बाद नरेंद्र अमन और ततान्या ने व्यवसाय करने का फैसला लिया. दोनों ने पहले तो बच्चों का स्कूल खोला और दवा व्यवसाय भी शुरू किया. ततान्या दवा दुकान संभालती हैं और ग्राहकों से हिंदी में अच्छे से संवाद भी कर लेती हैं. पति नरेंद्र बाहर का काम देखते हैं.
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